मानव तस्करी विरोधी यूनिट कोटा शहर द्वारा दो नाबालिग बालिकाओं को किया दस्तयाब
कोटा 01 नवम्बर। मानव तस्करी विरोधी यूनिट द्वारा शहर के दो अलग अलग स्थान से गुम हुई दो नाबालिग बालिकाओं को दस्तयाब करने में सफलता हासिल की है। इनमें एक को अजमेर और दूसरी को बूंदी जिले से दस्तयाब किया गया है।
एसपी सिटी शरद चौधरी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय द्वारा निर्धारित की गई वर्ष 2023 की पुलिस प्राथमिकताओं में गुमशुदा बच्चों की दस्तयाबी हेतु योजनाबद्ध प्रयास शामिल किया गया है। इसी क्रम में नाबालिग बच्चों की तलाश व दस्तयाबी हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध अनुसंधान सैल उमा शर्मा के निर्देशन में टीम का गठन किया गया।
एसपी चौधरी ने बताया कि 18 नवंबर को फरियाद ने थाना विज्ञान नगर पर रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री घर से बिना बताये निकल गई। इस पर धारा 363 भादस में प्रकरण दर्ज कर बालिका की तलाश प्रारम्भ की गई। तलाश के दौरान हेड कांस्टेबल ओमदत्त को आसूचना संकलन व तकनीकी सूत्रों से उक्त बालिका के अजमेर बस स्टेण्ड के पास होने की विश्वसनीय सूचना मिली।
इस पर मानव तस्करी विरोधी यूनिट टीम द्वारा अथक प्रयास कर अपनी सूझबूझ व दूरदर्शिता से उक्त गुमशुदा/ पलायनकर्ता नाबालिग बालिका कोे अजमेर से दस्तयाब किया गया।
इसी प्रकार एक और फरियादी ने थाना आरकेपुरम पर 25 नवम्बर को रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी पुत्री बीती रात 11 बजे से ही घर से गायब है, जो काफी तलाश पर भी नहीं मिली। इस पर धारा 363 भादस में प्रकरण दर्ज कर बालिका की तलाश प्रारम्भ की गई।
उक्त गुमशुदा बालिका की आसूचना संकलन व तकनीकी स्रोत के आधार पर तलाश की गई। इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर उक्त बालिका को मानव तस्करी विरोधी यूनिट टीम द्वारा अथक प्रयास कर अपनी सूझबूझ व दूरदर्शिता से बसोली जिला बून्दी से दस्तयाब किया गया।
इस प्रकार मानव तस्करी विरोधी यूनिट कोटा शहर की टीम द्वारा उक्त दोनों बालिकाओं को दस्तयाब कर उल्लेखनीय सफलता अर्जित कर बालिका के परिजनों की खोई मुस्कान लौटाई। नाबालिग बालिका की दस्तयाबी कर सराहनीय कार्य करने वाली टीम में एएचटीयू प्रभारी बबीता चौधरी, हेड कांस्टेबल ओमदत्त, श्योजी राम व कांस्टेबल आरती व कांस्टेबल चालक जितेन्द्र सिंह शामिल है।
एसपी सिटी शरद चौधरी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय द्वारा निर्धारित की गई वर्ष 2023 की पुलिस प्राथमिकताओं में गुमशुदा बच्चों की दस्तयाबी हेतु योजनाबद्ध प्रयास शामिल किया गया है। इसी क्रम में नाबालिग बच्चों की तलाश व दस्तयाबी हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध अनुसंधान सैल उमा शर्मा के निर्देशन में टीम का गठन किया गया।
एसपी चौधरी ने बताया कि 18 नवंबर को फरियाद ने थाना विज्ञान नगर पर रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री घर से बिना बताये निकल गई। इस पर धारा 363 भादस में प्रकरण दर्ज कर बालिका की तलाश प्रारम्भ की गई। तलाश के दौरान हेड कांस्टेबल ओमदत्त को आसूचना संकलन व तकनीकी सूत्रों से उक्त बालिका के अजमेर बस स्टेण्ड के पास होने की विश्वसनीय सूचना मिली।
इस पर मानव तस्करी विरोधी यूनिट टीम द्वारा अथक प्रयास कर अपनी सूझबूझ व दूरदर्शिता से उक्त गुमशुदा/ पलायनकर्ता नाबालिग बालिका कोे अजमेर से दस्तयाब किया गया।
इसी प्रकार एक और फरियादी ने थाना आरकेपुरम पर 25 नवम्बर को रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी पुत्री बीती रात 11 बजे से ही घर से गायब है, जो काफी तलाश पर भी नहीं मिली। इस पर धारा 363 भादस में प्रकरण दर्ज कर बालिका की तलाश प्रारम्भ की गई।
उक्त गुमशुदा बालिका की आसूचना संकलन व तकनीकी स्रोत के आधार पर तलाश की गई। इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर उक्त बालिका को मानव तस्करी विरोधी यूनिट टीम द्वारा अथक प्रयास कर अपनी सूझबूझ व दूरदर्शिता से बसोली जिला बून्दी से दस्तयाब किया गया।
इस प्रकार मानव तस्करी विरोधी यूनिट कोटा शहर की टीम द्वारा उक्त दोनों बालिकाओं को दस्तयाब कर उल्लेखनीय सफलता अर्जित कर बालिका के परिजनों की खोई मुस्कान लौटाई। नाबालिग बालिका की दस्तयाबी कर सराहनीय कार्य करने वाली टीम में एएचटीयू प्रभारी बबीता चौधरी, हेड कांस्टेबल ओमदत्त, श्योजी राम व कांस्टेबल आरती व कांस्टेबल चालक जितेन्द्र सिंह शामिल है।
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