वैश्य महापंचायत में समाज के सभी घटकों ने दिया वैश्य एकता का सन्देश, कहा-राजनीति में वैश्य समाज को मिले उचित प्रतिनिधित्व . . .

वैश्य महापंचायत में समाज के सभी घटकों ने दिया वैश्य एकता का सन्देश, कहा-राजनीति में वैश्य समाज को मिले उचित प्रतिनिधित्व . . .

राजस्थान में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी समाज अपनी-अपनी एकजुटता और राजनैतिक ताकत दिखाते हुए महासम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार 17 सितंबर को जयपुर के मानसरोवर स्थित वीटी रोड ग्राउंड पर वैश्य महापंचायत का आयोजन किया गया।
वैश्य महापंचायत में वैश्य समाज के प्रदेश नेता, समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति और हजारों की संख्या में वैश्य बन्धु शामिल हुए। इसमें राज्य मंत्री सुभाष गर्ग, विधायक अशोक लाहोटी, कालीचरण सर्राफ, पूर्व विधायक बनवारी लाल मित्तल, मोहन लाल गुप्ता, पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल, पूर्व विधायक प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल व सभी समाज जैसे अग्रवाल, खंडेलवाल, माहेश्वरी, विजयवर्गीय समाज सहित सभी घटकों के अध्यक्ष, अन्य पदाधिकारी और कई जनप्रतिनिधी शामिल हैं। साथ ही इस महापंचायत में मातृ शक्ति भी बड़ी संख्या में शामिल हुई। वैश्य समाज ने नेताओं ने समाज को नई दिशा देने की बात कही और उनकी मांगो को सरकार तक पहुँचाने का आश्वासन दिया।
वैश्य महापंचायत के समारोह अध्यक्ष प्रदीप मित्तल व प्रदेश संयोजक राकेश गुप्ता ने सभी समाज बंधुओं का अभिनन्दन किया। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज हर लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समाज सेवा के कार्यों में भी समाज के लोग हमेशा आगे रहते हैं। हर काम में आगे रहने के बावजूद भी राजनैतिक दलों की ओर से उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता रहा है। इसी वजह से समाज की एकता और राजनैतिक ताकत दिखाने के लिए इस महापंचायत की जरुरत पड़ी।
प्रदीप मित्तल ने कहा कि समाज को संख्या के आधार पर विधानसभा चुनाव में 30 से 35 टिकट दिए जाएं। इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव में भी समाज को उचित प्रतिनिधित्व मिले। समाज के व्यापारी वर्ग के लिए सरकार व्यापारी कल्याण आयोग का गठन करें। समाज के जो पिछड़े लोग हैं उनकी सहायता के लिए ईडब्ल्यूएस की सीमा को 10% से बढ़ाकर 14% किया जाए।
बता दे कि राजस्थान में वैश्य समाज लगभग पूरे प्रदेश में फैला हुआ है और यह समाज बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है। राजस्थान में पिछले 3 चुनाव की बात करें तो बीजेपी में इस समुदाय के लोगों को 44 टिकट दिए हैं जबकि कांग्रेस ने 38 टिकट दिए हैं। यानी पिछले तीन चुनाव में इस समुदाय को औसतन 15 से 20 टिकट दिए गए हैं। जयपुर में इस बार चुनाव से पहले राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने के लिए जाट, गुर्जर, ब्राह्मण, माली और अन्य कई जाति समुदायों के सम्मेलन हो चुके हैं।
इस कार्यक्रम की खास बात यह थी कि वैश्य समाज का यह मंच राजनीति में वैश्य समाज को उचित प्रतिनिधित्व मिले इस आधार पर था लेकिन इस दौरान वैश्य समाज एकजुट नजर आया। इस महापंचायत में कांग्रेस व बीजेपी के अलग-अलग नेता शामिल हुए। लेकिन किसी भी प्रकार की गुटबाजी देखने को नही मिली। भाषण के दौरान भारत माता की जय... वैश्य एकता जिंदाबाद के नारे लगते रहे। इतनी बड़ी संख्या में समाजबंधुओं के पहुँचने पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नही दिखाई दी। पार्किंग, भोजन, बैठने के लिए अलग-अलग ब्लॉक बनाए गए। महिला और पुरुषों के अलग-अलग बैठने की व्यवस्था की गई। इसमें 50 हजार कुर्सियां लगाई गई हैं। इसके साथ ही इतने ही लोगों के खड़े होकर कार्यक्रम देखने की भी व्यवस्था की गई है।
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