हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तेज बारिश का अलर्ट जारी, 80 से ज्यादा लोगों की मौत, खोज अभियान जारी. . .
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले 3 दिनों से भारी बारिश के चलते तबाही मचा दी हैं। दोनों राज्यों में इस दौरान बारिश से लैंडस्लाइड और बादल फटने से कई लोगों की जान जा चुकी हैं तो कई लोग घायल हो गए हैं। लोगों का जीवन अस्तव्यस्त हो गया हैं। लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। इन दोनों राज्यों में भारी जनधन की हानि हुई हैं। दोनों राज्यों में 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में यहां तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है।
पिछले 72 घंटे के अंदर हिमाचल में 60 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राजजधानी शिमला के कृष्णा नगर इलाक़े में लैंडस्लाइड की वजह से कई बिल्डिंग भरभराकर ज़मीन में धंस गई। इस हादसे में एक स्लॉटर हाउस और पहाड़ी पर बने कई घर गिर गए। स्लॉटर हाउस पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया है। फागली में आया फ्लैश फ्लड इतना तेज था कि अपने साथ कालका शिमला रेलट्रैक के नीचे बने पुल को ही अपने साथ बहा ले गया। 120 साल पुराना ये रेलवे ट्रैक हवा में झूल रहा है।
हिमाचल में कई इलाकों में लोग फंसे हुए कई मलवों में दबे हुए हैं। प्रशासन का हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं। 14 अगस्त को समर हिल इलाके में भारी भूस्खलन हुआ। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड द्वारा बचाव अभियान जारी है। एसडीएम शिमला (शहरी) भानु गुप्ता ने कहा, 12 शव बरामद कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के मुताबिक हमने पुष्टि की है कि 21 शव हो सकते हैं जिनमें से हमने पिछले दो दिनों में 12 शव बरामद किए हैं। खोज अभियान जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड अभियान में लगे हुए हैं। अगर हमें कुछ लोगों के जीवित होने की कोई सकारात्मक खबर मिलती है, तो हम उन्हें ठीक से बचा लेंगे।
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मैं कांगड़ा जा रहा हूं और वहां से 650 लोगों को निकाला गया। कांगड़ा में अभी भी करीब 100 लोग फंसे हुए हैं, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। शिमला में एक और शव बरामद हुआ है। राज्य को करीब 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। हमें राज्य के बुनियादी ढांचे के पुनर्विकास में लगभग 1 साल लगेंगे।
उधर, उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग के मध्यमहेश्वर धाम में मंगलवार को दर्शन करने आए 20-25 श्रद्वालु फंस गए थे। दरअसल, मध्यमहेश्वर धाम और हाइवे के बीच एक पुल था जो बारिश की वजह से ढह गया, जिससे संपर्क टूट गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड द्वारा बचाव अभियान जारी है।
पिछले 72 घंटे के अंदर हिमाचल में 60 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राजजधानी शिमला के कृष्णा नगर इलाक़े में लैंडस्लाइड की वजह से कई बिल्डिंग भरभराकर ज़मीन में धंस गई। इस हादसे में एक स्लॉटर हाउस और पहाड़ी पर बने कई घर गिर गए। स्लॉटर हाउस पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया है। फागली में आया फ्लैश फ्लड इतना तेज था कि अपने साथ कालका शिमला रेलट्रैक के नीचे बने पुल को ही अपने साथ बहा ले गया। 120 साल पुराना ये रेलवे ट्रैक हवा में झूल रहा है।
हिमाचल में कई इलाकों में लोग फंसे हुए कई मलवों में दबे हुए हैं। प्रशासन का हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं। 14 अगस्त को समर हिल इलाके में भारी भूस्खलन हुआ। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड द्वारा बचाव अभियान जारी है। एसडीएम शिमला (शहरी) भानु गुप्ता ने कहा, 12 शव बरामद कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के मुताबिक हमने पुष्टि की है कि 21 शव हो सकते हैं जिनमें से हमने पिछले दो दिनों में 12 शव बरामद किए हैं। खोज अभियान जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड अभियान में लगे हुए हैं। अगर हमें कुछ लोगों के जीवित होने की कोई सकारात्मक खबर मिलती है, तो हम उन्हें ठीक से बचा लेंगे।
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मैं कांगड़ा जा रहा हूं और वहां से 650 लोगों को निकाला गया। कांगड़ा में अभी भी करीब 100 लोग फंसे हुए हैं, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। शिमला में एक और शव बरामद हुआ है। राज्य को करीब 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। हमें राज्य के बुनियादी ढांचे के पुनर्विकास में लगभग 1 साल लगेंगे।
उधर, उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग के मध्यमहेश्वर धाम में मंगलवार को दर्शन करने आए 20-25 श्रद्वालु फंस गए थे। दरअसल, मध्यमहेश्वर धाम और हाइवे के बीच एक पुल था जो बारिश की वजह से ढह गया, जिससे संपर्क टूट गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड द्वारा बचाव अभियान जारी है।
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