राम मंदिर के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ये बीजेपी का षड्यंत्र है, वो एक ही सवाल को बार-बार उठा रही है . . .

राम मंदिर के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ये बीजेपी का षड्यंत्र है, वो एक ही सवाल को बार-बार उठा रही है . . .

दिल्ली: आज दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की अध्यक्षता में गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, दमन और दीव और दादरा एवं नगर हवेली और गोवा के कॉर्डिनेटर्स की बैठक हुई। इस बैठक में 2024 के लोक सभा चुनावों और राहुल गाँधी के नेतृत्व में 14 जनवरी से शुरू होने वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तैयारियां को लेकर चर्चा की गई। राहुल गांधी जी के नेतृत्व में 14 जनवरी से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ मणिपुर से शुरू होने वाली है। करीब 6,700 किलोमीटर दूरी तय करके यह यात्रा 15 राज्यों से होकर मुंबई में समाप्त होगी। ये सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय तीनों पर केंद्रित है। इस यात्रा की सफलता में हम सबकी भूमिका होगी। Frontal Organizations, Departments और Cells के साथियों की खास भूमिका होगी।
बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खडगे ने मिडिया से बातचीत हुई उन्होंने राम मंदिर के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कहा, मैंने 6 तारीख को बयान दिया था। आस्था रखने वाले लोग आज, कल और परसों भी जा सकते हैं। फिर भी बीजेपी पलट-पलट के वही सवाल कर रही है। ये बीजेपी का षड्यंत्र है और वो एक ही सवाल को बार-बार उठा रही है। मैंने 10 दिन पहले बोला था अब वो क्यों ये सवाल उठा रहे हैं? उन्होंने कहा कि मुद्दा ये है कि PM मोदी ने बेरोजगारी और महंगाई पर क्या कदम उठाए हैं? चीन के साथ उनकी विदेश नीति क्या है? आज गरीब तबाह हो गए हैं, हमें उनकी चिंता है। इसलिए हम उनसे ये सवाल पूछ रहे हैं।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह पर कहा, प्राण प्रतिष्ठापन जब किया जाता है तब उसका एक विधि विधान होता है, क्या ये कार्यक्रम धार्मिक है? अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या विधा विधान से कार्यक्रम किया जा रहा है? अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या चारों पीठों के हमारे शंकराचार्य की सलाह और देख-रेख से इस कार्यक्रम का स्वरूप तय किया जा रहा? चारों शंकराचार्य कह चुके हैं कि एक अधुरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठापन नहीं की जा सकती है। अगर ये कार्यक्रम धार्मिक नहीं है तो ये कार्यक्रम राजनीतिक है।
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