INDIA गठबंधन को लेकर बोले राहुल गांधी, ममता बनर्जी पूरी तरह से गठबंधन का हिस्सा . . .

INDIA गठबंधन को लेकर बोले राहुल गांधी, ममता बनर्जी पूरी तरह से गठबंधन का हिस्सा . . .

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए INDIA गठबंधन पर कहा, ममता बनर्जी पूरी तरह से गठबंधन का हिस्सा हैं और अधिकांश अन्य सदस्य जो INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं, वे अभी भी गठबंधन के सदस्य हैं। हां नीतीश कुमार ने गठबंधन छोड़ दिया है और वह बीजेपी में चले गए हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उनके जाने की क्या वजह है। हम बिहार में INDIA गठबंधन के रूप में लड़ेंगे। इसलिए मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि हमारे कई साथी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि आज देश के सामने सबसे बड़ा मुद्दा अन्याय का है। युवा बेरोजगार हैं, PSUs बंद हो रहे हैं, महंगाई बढ़ रही है, जातिगत जनगणना नहीं हो रही, आरक्षण में 50% की लिमिट लगी है, किसानों और श्रमिकों के साथ अन्याय हो रहा है हम इन सभी अन्याय के खिलाफ लड़ने निकले हैं। उन्होंने कहा कि PM मोदी अपने आपको OBC कहते हैं। लेकिन फिर कंफ्यूज हुए और कहने लगे कि देश में सिर्फ दो जातियां हैं- अमीर और गरीब इसलिए पहले वे तय कर लें कि हिंदुस्तान में जातियां हैं या नहीं हैं। देश में करीब 8% आदिवासी, 15% दलित, 50% OBC वर्ग के लोग हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो। किसकी कितनी आबादी है, ये सभी को पता चले। PM मोदी जातिगत जनगणना करवाएं, घबराएं नहीं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जातिगत जनगणना पर काम शुरू हो चुका है। जहां भी हमारी सरकार है, हम जातिगत जनगणना कर रहे हैं। इसी के साथ आरक्षण में जो 50% की लिमिट लगी है, हम उसे खत्म कर देंगे। हम दलित और आदिवासियों के आरक्षण की रक्षा करते हुए, पिछड़े वर्ग को आरक्षण देंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि पूरे देश में ED, CBI, IT जैसी एजेंसियां विपक्ष पर आक्रमण कर रही हैं। इन एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। BJP ने झारखंड में सरकार गिराने की कोशिश की, लेकिन हमने ये होने नहीं दिया। मगर सच्चाई यही है कि BJP चुनाव आयोग, एजेंसी, नौकरशाही और पुलिस सबका दुरुपयोग कर रही है।
झारखंड में लोगो संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि झारखंड की जनता ने मुझे बताया कि विकास और सड़क के नाम पर आदिवासियों से जमीनें छीनी जा रही हैं। हम दो कानून लाए थे- पेसा कानून और जमीन अधिग्रहण कानून। जमीन अधिग्रहण कानून में साफ लिखा है कि ग्राम सभा से पूछे बिना आपकी जमीन नहीं ली जा सकती और अगर जमीन ली जाएगी तो बाजार भाव से 4 गुना पैसा ज्यादा दिया जाएगा। वहीं अगर 5 साल तक उस जमीन का उपयोग नहीं किया गया तो वह जमीन वापस कर दी जाएगी। झारखंड की पिछली सरकार ने लाखों एकड़ जमीन ली थी, लेकिन उसका कोई प्रयोग नहीं किया। अब 5 साल हो गए हैं, इसलिए अब वह जमीन आदिवासियों को वापस मिलनी चाहिए।
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