धर्म के आधार पर किसी को नागरिक बनाना, यह संविधान के खिलाफ है – सचिन पायलट

धर्म के आधार पर किसी को नागरिक बनाना, यह संविधान के खिलाफ है – सचिन पायलट

   

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि आज जब हिंदुस्तान में आर्थिक मंदी है, बेरोजगारी, है, लाचारी है, मंहगाई है, देश में विपरीत परिस्थितियां है उसके बावजूद हमें हमे यह शांति मार्च क्यों निकालना पड़ा | हिंदुस्तान का पांच हजार पुराना इतिहास है, एक संस्कृति है, एक परम्परा है हमने कभी यहाँ मतभेद देखा है, ना मतभेद सहन किया है | आज से दो दिन पहले इस शांति मार्च की चर्चा हुई और हम सबने कहा कि भारतीय सरकार ने नया विधेयक लाकर जो कानून बनाया है सरकार संख्या बल ले आधार पर कानून बना तो सकती है, लेकिन उसे जबर्दस्ती लागू नहीं कर सकती। नागरिकता संशोधन विधेयक इस देश में पहली बार नहीं आया, पहले भी संशोधन हुए है, लेकिन क्या कारण है की इस संशोधन के बाद पुरे देश में हाहाकार मच गया । उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी पार्टी की हो लेकिन पहली प्राथमिकता नौजवान और किसान की होनी चाहिए | इस देश किसको नागरिक बनाना या नहीं बनाना इसका निर्णय रक्षा मंत्रालय करे, गृह मंत्रलाय करें अगर किसी व्यक्ति के चरित्र में उसकी पृष्ठभूमि में कमी है भारत की सुरक्षा को खतरा है तो उस व्यक्ति को नागरिक नहीं बनाना चाहिए | लेकिन किसी को नागरिक बनाने के लिए यह देखा जाये की वह किस धर्म से संबंध रखता है यह हमारे संविधान के खिलाफ है | केंद्र सरकार लोगों से प्रमाण लेना बंद करे कौन देश भक्त है, कौन नहीं है हम सब इस मिट्टी के लाल है |  !!! 
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