राज्यपाल ने कृषि विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न परियोजनाओं एवं विकास कार्यो का अवलोकन किया

राज्यपाल ने कृषि विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न परियोजनाओं एवं विकास कार्यो का अवलोकन किया

जयपुर । राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने अपने जोधपुर प्रवास के दौरान शुक्रवार को कृषि विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न परियोजनाओं एवं विकास कार्यो का अवलोकन किया। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कृषि विश्वविद्यालय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि मे नवाचार तब ही लाभप्रद होंगे जब ये किसानों के खेतों तक पहुँचे और इस हेतु कृषि वैज्ञानिकों को सतत् रूप से सक्रिय रहना होगा। उन्होंने युवाओं विशेष रूप से ग्रामीण वर्ग के युवाओं को कृषि के क्षेत्र मे प्रोत्साहित करने एवं स्टार्ट-अप तथा कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष ध्यान दे जिससे युवा कृषि आधारित उद्योगो को स्थापित कर कृषि से सम्बन्धित उत्पादों को तैयार कर लाभ कमा सके।

उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर अपनी स्थापना के मूलभूत उद्धेश्यों यथा शिक्षा, प्रसार, अनुसंधान और समाज उपयोगी कार्यो के अंतर्गत गोदित गॉव खुडीयाला मे उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने बताया कि मोटे अनाजों पर इस वर्ष प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष जोर दिया है तथा केन्द्रीय बजट मे भी मोटे अनाजों को श्री-अन्न से संबोधित किया है। इसे देखते हुऐ कृषि विश्वविद्यालयों को भी मोटे अनाजों यानि श्री-अन्न की उन्नत किस्मों एवं इन अनाजो के पोषक तत्वों को देखते हुऐ व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने की आवश्यकता बताई।

उन्होंने विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म का भी अवलोकन किया तथा चीया, केमोमाईल, असालिया, चिकोरी, जीरा, क्निआ, राजगीरा, सरसों फसलों पर चल रहे अनुसंधान कार्यो को देखा। साथ ही राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय परिसर मे पौधरोपण किया एवं विश्वविद्यालय के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन तथा मुख्य प्रवेश द्वार का अवलोकन कर गंतव्य की ओर प्रस्थान किया।

कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के कुलपति प्रो. बी.आर. चौधरी द्वारा राज्यपाल का विश्वविद्यालय परिवार की ओर से स्वागत किया तथा विश्वविद्यालय मे चल रही विभिन्न शैक्षणिक, अनुसंधान, प्रसार एवं आधरभूत निर्माण कार्यो के बारे मे अवगत कराया।

इस अवसर पर डॉ प्रदीप पगारिया, उप-कुलसचिव द्वारा कुलाधिपति को पावर पोइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से विश्वविद्यालय के संस्थागत ढ़ाचें, विद्यार्थीयों के कुल पंजीयन, बीज उत्पादन, विकसित नवीन किस्मों, अंग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, विभिन्न संस्थानों के साथ किये गये एमओयू, किसान मेले, प्रशिक्षण शिविर, कौसल प्रशिक्षण शिविरों के बारे मे जानकारी दी।
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