अडानी समूह में LIC और SBI के निवेश को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन का बड़ा बयान, कहा - SBIऔर LIC का अडानी ग्रुप में एक्पोसजर लिमिट के भीतर . . .

अडानी समूह में LIC और SBI के निवेश को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन का बड़ा बयान, कहा - SBIऔर LIC का अडानी ग्रुप में एक्पोसजर लिमिट के भीतर . . .

अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट के बाद भारत में अडानी ग्रुप को लेकर कई तरह की अनिश्चिताएं बनी हुई है। अडानी ग्रुप के शेयरों के गिरावट का मामला लोकसभा और राज्यसभा दोनों में उठा। विपक्ष लगातार इस विषय पर चर्चा करने करने की मांग कर रहा है। इस बीच एलआईसी के समूह में निवेश और एसबीआई के दिए कर्ज पर पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन एक बड़ा बयान दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि एसबीआई और एलआईसी का अडानी समूह की कंपनियों में एक्पोसजर स्वीकृत लिमिट के भीतर है. उन्होंने कहा कि एसबीआई और एलआईसी ने अपने बयान जारी किये है। दोनों के ही चेयरमैन और सीएमडी के मुताबिक SBI और LIC का अडानी ग्रुप में ओवर एक्सपोज्ड नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि जो कुछ भी SBI और LIC का अडानी ग्रुप में एक्सपोजर है वें मुनाफे में बैठे हैं। और वैल्यूएशन के गिरने के बाद भी वे मुनाफे में हैं। उन्होंने इस मौके पर मार्केट रेगुलेटर्स की तारीफ भी की है।
उन्होंने कहा कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार पिछले दो दिनों में बढ़कर 8 मिलियन डॉलर हो गया है। FII का आना-जाना और FPO का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन अडानी के मामले से भारत की छवि और स्थिति प्रभावित नहीं हुई है| उन्होंने कहा कि नियामक अपना काम करेंगे। रिजर्व बैंक ने अपना बयान जारी कर दिया है| उन्होंने कहा कि पहले भी FPO वापस लिए गए हैं।
अडानी ग्रुप ने कई बैंकों से लोन लिया हुआ है। भारत में मौजूद कई बैंकों ने अडानी ग्रुप को कर्ज दिया हुआ है। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अडानी ग्रुप पर बयान देते हुए कहा गया है कि लोन देने वाले बैंकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे ओवरएक्सपोज्ड नहीं हैं, अनुमत सीमा के भीतर अडानी समूह को लोन दिया गया है।
बता दें कि अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट को लेकर भी विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार बयानबाजी कर रहा है। दरअसल बजट सत्र में अडाणी ग्रुप से जुड़े मुद्दे पर विपक्ष के तेवर देखने को मिल रहे हैं। बजट सत्र के तीसरे दिन संसद में विपक्ष का हंगामा देखने को मिला था। विपक्ष अडाणी ग्रुप पर आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद मामले की जांच की मांग कर रहा है।

बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर अडानी ग्रुप गलत तरीके से शेयरों के दाम बढ़ाने और धोखाधड़ी का आरोप है। इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी ग्रुप की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं भारतीय शेयर में लिस्टेड अडानी ग्रुप के शेयरों पर भी पिछले कुछ दिनों से दबाव देखने को मिला है और उनके शेयरों में लोअर सर्किट लग रहा है। अडाणी ग्रुप का मार्केट मूल्यांकन 120 अरब अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा गिर चुका है, जो समूह के कुल मूल्य का लगभग आधा है।
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