ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के प्रशिक्षण का आयोजन

ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के प्रशिक्षण का आयोजन

बारां, 2 मार्च। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन भारत सरकार के द्वारा नॉलेज रिसोर्स सेंटर भारतीय ग्रामीण विकास संस्थान एवं जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के सदस्यों की चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का शुभारंभ मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद कृष्णा शुक्ला, अधिशाषी अभियंता प्रमोद झालानी, अरविंद खींची, एवं संस्था सचिव कुलदीप अरोड़ा द्वारा किया गया।
जिले के 19 ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं ग्राम जल व स्वच्छता समिति के 65 से अधिक सदस्य व आईएसए की टीम व पीएचईडी के अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। भारतीय ग्रामीण विकास संस्थान के परियोजना निदेशक परमानंद अग्रवाल ने बताया कि हर घर जल हर घर नल इस नारे एवं प्रत्येक जल को पीने योग्य जल की अवरुद्ध स्थाई सप्लाई एवं उपलब्धता हो इस सोच के साथ केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा जल जीवन मिशन प्रारंभ किया गया है।
सीईओ जिला परिषद कृष्णा शुक्ला ने कहा कि प्रत्येक परियोजना का क्रियान्वयन इस पर निर्भर करता है कि उससे जुड़े हुए लोग उस योजना में कितनी रूचि एवं तन्मयता से काम करते हैं। उन्होंने विशेष रूप से कहा हमारी पहली प्राथमिकता है कि जल जीवन मिशन का क्रियान्वयन भारत एवं राज्य सरकार के नियमों के तहत कार्य समय पर पूर्ण हो और हमारा प्रयास रहेगा कि जिला इस कार्य में अग्रणी रहेगा। जिले के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 55 लीटर पीने योग्य पानी परिवार के सदस्यों की संख्या के आधार पर सभी ग्रामीण परिवारों को उपलब्ध हो। उन्होंने प्रशिक्षण में महिलाओं की उपस्थिति को देखकर उनकी भागीदारी को सराहा एवं उन्होंने विशेष रूप से अनुरोध किया कि देश दुनिया की आधी आबादी महिलाओं की है और यदि वह किसी भी परियोजना में सक्रियता से अपनी भागीदारी रखे तो उसका सफल होना सुनिश्चित है उनके द्वारा सभी को आश्वस्त किया गया इस योजना से जुड़े समस्त पहलुओं एवं प्राथमिकताओं के आधार पर कार्य करवाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने जन प्रतिनिधियों एवं समुदाय से आह्वान किया की परियोजना हेतु 10 अंशदान समय पर प्रदान करें। अंशदान का उद्देश्य परियोजना में जनभागीदारी एवं स्वामित्व सुनिश्चित करना है।
भारतीय ग्रामीण विकास संस्थान के सचिव कुलदीप अरोड़ा ने बताया कि देश में दुनिया की 16 प्रतिषत जनसंख्या निवास करती है किंतु जल में हमारी भागीदारी केवल 4 प्रतिषत है। हमारे देश में औसतन एक ग्रामीण महिला को प्रतिदिन 3 से 4 घंटे का समय पीने के पानी के प्रबंधन एवं उसे लाने के लिए लगभग औसतन ढाई किलो मीटर प्रति दिन पैदल चलना पड़ता है। जल जीवन मिशन के तहत सामुदायिक साझेदारी सबसे महत्वपूर्ण विषय है एवं यह अपेक्षा है कि समस्त जनप्रतिनिधि एवं ग्राम जल में स्वच्छता समिति के सदस्य इस मिशन के क्रियान्वयन में सक्रिय व सतत भागीदारी रखेंगे।
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिशाषी अभियंता अरविंद खींची ने बताया कि उनका विभाग प्रत्येक परिवार को पीने योग्य आवश्यक जल की आपूर्ति हो इसके लिए सतत रूप से प्रयास कर रहा है एवं राज्य व केंद्र सरकार की मंशा है कि प्रत्येक घर में पीने योग्य पानी उपलब्ध हो और इस कार्य में उनके विभाग को जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन का पूरा मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है।
कार्यक्रम का संचालन सीसीडीयूडब्ल्यू एसएसओ परामर्शदाता कमल शर्मा ने किया कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षक आनंद शर्मा, बीरेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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