शेयरों में गिरावट के बाद अदाणी ग्रुप को एक बड़ा झटका, उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर निरस्त . . .

शेयरों में गिरावट के बाद अदाणी ग्रुप को एक बड़ा झटका, उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर निरस्त . . .

शेयरों में गिरावट के बाद अदाणी ग्रुप की मुश्किलें लगातार बढती जा रही है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद वैश्विक स्तर पर लगे झटकों के बीच अब अदाणी को एक ओर बढ़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश में अदाणी ग्रुप के स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर निरस्त कर दिया गया है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने कंपनी का स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर निरस्त कर दिया है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (एमवीवीएन) ने तय दर से 40 प्रतिशत अधिक दर को कारण बताते हुए इस निरस्त करने की आदेश दिए है| इसकी लागत लगभग 5400 करोड़ है। अब पश्चिमांचल, पूर्वांचल, दक्षिणांचल और डिस्कॉम के टेंडर पर भी नजरें टिकी हुई हैं। दक्षिणांचल में भी अडानी समूह का टेंडर है।

बता दें कि प्रदेश में बीते दिनों प्रदेश में करीब 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से 2.5 करोड़ प्रीपेड स्मार्ट मीटर खरीदने की टेंडर प्रक्रिया हुई थी। इसमें मैसर्स अदाणी पावर ट्रांसमिशन के अलावा जीएमआर व इनटेली स्मार्ट कंपनी को टेंडर मिला। इस कार्य के लिए आदेश जारी होने ही वाले थे, लेकिन इनके टेंडर की अधिक दरों को लेकर विरोध होने लगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में अनुमानित लागत छह हजार रुपये प्रति मीटर आ रही है जबकि टेंडर के प्रस्ताव के मुताबिक, हर मीटर की कीमत करीब नौ से 10 हजार रुपया पड़ रही थी। इस मामले में यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने प्रति मीटर अधिक मूल्य होने के मामले में ऊर्जा मंत्रालय से सलाह ली, लेकिन वहां से फैसला कॉरपोरेशन पर ही छोड़ दिया गया।

मध्यांचल व अन्य वितरण निगम द्वारा निकाले गए टेंडर में अदाणी समूह के अलावा जीएमआर व इन टेलीस्मार्ट की दरें भी एस्टीमेटेड दर छह हजार रुपये से 48 से 65 प्रतिशत तक अधिक आई थीं। उपभोक्ता परिषद ने इस मामले को लेकर विद्युत नियामक आयोग में याचिका डाली और पावर कारपोरेशन प्रबंधन से भी इसे निरस्त करने की मांग की थी।
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