दुर्घटना स्थल से ही मोबाइल के माध्यम से सूचना पहुंचेगी नजदीकी अस्पताल में, ताकि समय पर शुरू हो सके उपचार
झालावाड़ 3 मार्च। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के आकड़ों की जानकारी जुटाने के साथ ही सटीक जानकारी और विश्लेषण करना अब आसान होगा। इसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस योजना लागू की है। इसके प्रथम चरण में राजस्थान सहित देश के 6 राज्यों को शामिल किया गया है।
परिवहन सचिव व आयुक्त रवि जैन के अनुसार योजना के प्रथम चरण में जयपुर, जोधपुर, अजमेर और अलवर जिले को शामिल किया गया है। उक्त योजना झालावाड़ जिले में भी शुरू की जाएगी।
इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार यादव एवं जिला सूचना विज्ञान अधिकारी बादल अग्रवाल के निर्देशन में जिले के सभी 27 थानों के 52 चयनित स्टाफ को 3 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस पायलट प्रोजेक्ट रोलआवट मैनेजर मुदित शर्मा ने बताया कि दुर्घटना स्थल पर पुलिस मोबाइल एप पर विवरण दर्ज करेगी और घटना के प्रभावित व्यक्ति का नाम, उम्र, पता, वाहन संख्या, लाइसेंस संख्या, स्थान दुर्घटना का सम्भावित कारण, फोटो, वीडिया अपलोड करेगी। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया पूर्ण होते ही नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में पोर्टल के द्वारा सूचना पहुंचेगी। इस आधार पर इलाज से संबंधित तैयारियां अस्पताल में होगी। इसी सूचना पीडब्ल्यूडी एवं परिहवन विभाग के पास भी स्वचालित प्रणाली से पहुंचेगी। यह विभाग घटना के कारणों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार करेगा। आंकड़ों का अध्ययन आईआईटी मद्रास करेगी और फिर दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सुझाव देगी। आई आर एडी मोबाइल और वेब दोनों में अनुप्रयोग है इसका उपयोग मोबाइल, टेबलेट के माध्यम से दुर्घटना संबंधी जानकारी के संग्रह और देखने के लिए किया जाएगा।
परिवहन सचिव व आयुक्त रवि जैन के अनुसार योजना के प्रथम चरण में जयपुर, जोधपुर, अजमेर और अलवर जिले को शामिल किया गया है। उक्त योजना झालावाड़ जिले में भी शुरू की जाएगी।
इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार यादव एवं जिला सूचना विज्ञान अधिकारी बादल अग्रवाल के निर्देशन में जिले के सभी 27 थानों के 52 चयनित स्टाफ को 3 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस पायलट प्रोजेक्ट रोलआवट मैनेजर मुदित शर्मा ने बताया कि दुर्घटना स्थल पर पुलिस मोबाइल एप पर विवरण दर्ज करेगी और घटना के प्रभावित व्यक्ति का नाम, उम्र, पता, वाहन संख्या, लाइसेंस संख्या, स्थान दुर्घटना का सम्भावित कारण, फोटो, वीडिया अपलोड करेगी। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया पूर्ण होते ही नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में पोर्टल के द्वारा सूचना पहुंचेगी। इस आधार पर इलाज से संबंधित तैयारियां अस्पताल में होगी। इसी सूचना पीडब्ल्यूडी एवं परिहवन विभाग के पास भी स्वचालित प्रणाली से पहुंचेगी। यह विभाग घटना के कारणों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार करेगा। आंकड़ों का अध्ययन आईआईटी मद्रास करेगी और फिर दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सुझाव देगी। आई आर एडी मोबाइल और वेब दोनों में अनुप्रयोग है इसका उपयोग मोबाइल, टेबलेट के माध्यम से दुर्घटना संबंधी जानकारी के संग्रह और देखने के लिए किया जाएगा।
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