सिलिकोसिस पीडित के बच्चे भी होंगे पालनहार योजना के पात्र

सिलिकोसिस पीडित के बच्चे भी होंगे पालनहार योजना के पात्र

भीलवाडा, 11 फरवरी/ राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए जानलेवा सिलिकोसिस बीमारी से पीडित माता/पिता की संतान को पालनहार योजना के लिये पात्र घोषित किया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आयुक्त एवं विशिष्ठ शासन सचिव नन्नूमल पहाड़िया ने योजना के नियमों में इस आशय के संशोधन का आदेश जारी किया है।
संशोधित नियमानुसार पालनहार योजना के लिये पात्रा ’’अनाथ बच्चों’’ में सिलिकोसिस पीडित माता/पिता की संतान को भी सम्मिलित किया गया है। इन बच्चों के माता/पिता स्वयं पालनहार होंगे। योजना के तहत पात्र बच्चों को भोजन, वस्त्रा, आवास, प्रारंभिक शिक्षा एवं आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति हेतु नियमानुसार सहायता दिये जाने का प्रावधान है। योजना के तहत पात्रा बच्चों के सिलिकोसिस बीमारी से पीडित माता/पिता के लिये आय की कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है। सक्षम स्तर से जारी प्रमाण पत्र के आधार पर सिलिकोसिस बीमारी से पीडित व्यक्ति अपने बच्चों का पालनहार बनने हेतु योजना के लिये आवेदन कर सकता है। पूर्व में कुष्ठरोग या एड्स पीडित माता-पिता की संतान ही योजना की पात्रता रखते थे। अब सिलिकोसिस पीडित माता/पिता के बच्चों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा ।
गौरतलब है कि जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु हो चुकी हो अथवा उनको न्यायिक आदेशों के तहत मृत्युदण्ड या आजीवन कारावास की सजा हो चुकी हो अथवा माता-पिता दोनों में से एक की मृत्यु हो चुकी हो व दूसरे को मृत्यु दण्ड या आजीवन कारावास की सजा हो चुकी हो, वे बच्चे योजना के लिये पात्रा होते हैं। इसके साथ ही जिन बच्चों के पिता की मृत्यु हो चुकी हो व विधवा माता निराश्रित पेंशन हेतु पात्रता रखती हो अथवा विधिवत पुनर्विववाह करने वाली विधवा माता की संतान हो अथवा जिनकी माता उन्हें छोडकर एक वर्ष से अधिक समय से नाते चली गई हो अथवा विशेष योग्यजन पेंशन हेतु पात्रा माता/पिता के बच्चे हों अथवा निराश्रित पेंशन हेतु पात्र तलाकशुदा व परित्यकता महिला के बच्चे भी इस योजना के लिये पात्र हैं।
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