राम केवट संवाद पर भाव विभोर हुए श्रोता

राम केवट संवाद पर भाव विभोर हुए श्रोता

बारां 3 अक्टूबर । बुधवार की रात रामलीला रंगमंच पर राम केवट संवाद का जीवंत चित्रण देख कर दर्शक भक्ति सागर में गोते लगाने लगे। देर रात चली रामलीला में बेहतर लाइट्स इफेक्ट और आधुनिक तकनीक से दिखाए गए दशरथ मरण व भरत मिलाप ने भी दर्शकों को रोमांचित किया।
मर्यादा पुरुोत्तम राम के वनवास जाते समय जब विशाल गंगा नदी राह का रोड़ा बनी तब तुच्छ प्राणी केवट की राम ने अनुनय विनय की। केवट ने इसे अपना भाग्य मानते हुए राम के आग्रह को स्वीकार किया। उसी समय पार्शव से दिए संगीत.... कभी कभी भगवान् को भी भक्तो से काम पड़े, जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चडे......... ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया । राम सपत्नीक व भाई लक्ष्मण के साथ नाव के जरिए गंगा पार उतरे जहां उन्होंने केवट को पारिश्रमिक देना चाहा, लेकिन केवट ने चतुराई दिखाते हुए राम से कहा कि मैने आप को गंगा पार लगाया है प्रभु, आप मुझे भव सागर से पार लगा देना। राम उसे वचन देकर आगे बढ जाते है । इस बीच अयोध्या में बेटे के वियोग में राजा दशरथ राम विलाप करते करते अपने प्राण त्याग देते है। इन दोनों दृश्यों को आधुनिक तकनीकी से मिक्सिंग कर प्रदर्शित किया गया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा । इसके बाद भरत राम को मनाने पंचवटी तक जाते है पर राम पितृ आज्ञा तोड़ने को तैयार नहीं होते ।
संस्थान के अध्यक्ष योगेश ने बताया कि शुक्रवार वार को राम लीला में राम सुग्रीव मित्रता, बाली वध, सीताजी की खोज प्रारम्भ का सजीव चित्रण किया जावेगा।
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