अपहरण कर हाईप्रोफाईल फिरोती की वारदात का 12 घंटे में खुलासा 

अपहरण कर हाईप्रोफाईल फिरोती की वारदात का 12 घंटे में खुलासा 

    

  जयपुर दिनांक:- 12.03.2020:- जयपुर पुलिस आयुक्त श्री आनन्द श्रीवास्तव, आईपीएस ने बताया कि कल दिनांक 11.03.2020 को परिवादी श्री रवि चौपड़ा निवासी 805, युनीक सांघी अपार्टमेटं, महावीर नगर जयपुर के पिता श्री प्रकाश चौपड़ा का अपहरण होने व 5 करोड रूपये की फिरोती मांगने की हाईप्राफेाईल वारदात का सचूना प्राप्त होने के महज 12 घंटे के अन्दर खुलासा कर अपहर्ता को सकुशल चंगुल से मुक्त कराने व आरोपियों को पकडने में पुलिस थाना बजाज नगर व सीआईयू टीम आयुक्तालय जयपुर ने सफलता अर्जित की है।  घटना का विवरण:- दिनांक 11.03.2020 को परिवादी श्री रवि चौपड़ा निवासी 805, युनीक सांघी अपार्टमेटं, महावीर नगर जयपुर ने उपस्थित थाना होकर एक लिखित रिपोर्ट इस आशय की पेश की कि  हमारे पुराने मकान नम्बर 122, मुक्तानन्द नगर जयपुर में विक्रम गुर्जर उर्फ विक्की निवासी लाडनू नागौर द्वारा गत 2 साल से पी.जी. होस्टल का संचालन किया जा है। जिसने आज दिनांक 11.03.2020 को समय करीब 01.15पीएम पर फोन करके मेरे पिताजी को पी.जी. पर बुलाया था। उसके बाद मेरे पिताजी घर वापस नहीं आये। सांय को करीब 6.30पीएम पर मेरी माताजी के फोन पर मेरे पिताजी के मोबाईल नम्बर से ही अज्ञात व्यक्ति का फोन आया व मेरे पिताजी का अपहरण करने व छोडने के लिये 5 करोड रूपये फिराती के मांगे। पुलिस को बताने एवं फिरोती नहीं देने पर मेरे पिताजी को जिन्दा गाढने की धमकी दी। आदि रिपोर्ट पर अभियोग सख्ंया 144/2020 धारा 363,364क,365 भादंसं में दर्ज किया जाकर श्री मानवेंद्र सिंह, पुलिस निरीक्षक, थानाधिकारी थाना बजाज नगर जयपुर द्वारा अनुसंधान शुरू किया गया । प्राप्त निर्देश एवं टीम गठन : -  प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये श्री अशोक गुप्ता, आईपीएस, श्रीमान अतिरिक्त पुलिस आयुक्त व डॉ. राहुल जैन, आईपीएस, पुलिस उपायुक्त जयपुर पूर्व के निर्देशानुसार श्री मनोज चौधरी, अति. पुलिस उपायुकत जयपुर पर्वू व श्री महेन्द्र कुमार शर्मा, एसीपी, मालवीय नगर जयपुर पर्वू तत्काल उपस्थित थाना आये। जिनके सूपरविजन में श्री मानवेन्द्र सिंह, पु.नि. थानाधिकारी थाना बजाज नगर जयपुर पूर्व के नेतृत्व में श्री प्रकाश राम उनि, श्री सुनील गोदारा उनि, श्री रामवतार सउनि, श्री अमर सिंह हैडकानि., कानि. श्री महेश कुमार 7822, श्री सुमनेश कानि. 9385, श्री हनुमान कानि., श्री विनोद कुमार कानि. 7825 व स्पेशल टीम कानि. श्री सुभाष 9395, श्री धर्मेन्द्र कुमार 9109 की एक टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा तत्परता दिखाते हुये घटनास्थल, उसके आसपास व परिजनो से तत्काल सम्पर्क करते हुये घटना के सबंध में महत्वपूर्ण साक्ष्यों का सकंलन किया गया। एफआईआर में अंकित तथा परिजनों से प्राप्त सचूना अनुसार श्री प्रकाश चौपड़ा का पीजी संचालन विक्रम उर्फ विक्की गुर्जर के बुलाने पर पी.जी. पर आना व उसके बाद वापस नहीं जाना सामने आया। जिस पर टीम द्वारा अथक प्रयास करते हुये सर्वप्रथक पी.जी. संचालक विक्रम सिंह उर्फ विक्की गुर्जर को तलाष कर पकडा गया। जिससे पछूताछ करने पर सर्वप्रथम में उक्त वारदात के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की, परन्तु उसके कथनों में बार बार विरोधाभास आने पर कठोरता से पूछताछ की गई तो उक्त वारदात को अपने पीजी संचालन साथी एवं मौसेरा भाई राकेश गुर्जर निवासी नेछवा सीकर व अपने मित्र हरीश सिंह उर्फ हर्ष राजपूत निवासी सुजानगढ सीकर के साथ एक माह पूर्व में सुनियोजित योजना के तहत रूपये हडपने के लिये पीजी मालिक श्री प्रकाश चौपड़ा का अपहरण करना स्वीकार किया। जिससे पछूताछ पर निम्न तथ्य सामने आये ।  तरीका वारदात:- विक्रम सिंह उर्फ विक्की गुर्जर पुत्र श्री महावीर प्रसाद गुर्जर मूल रूप से लाडनूं सीकर का रहने वाला है। जो जयपुर में अपने मौसेरे भाई राकेश गुर्जर उर्फ रॉकी निवासी नेछवा सीकर के साथ मकान नम्बर 122, मुक्तानन्दनगर, गोपालपुरा बाईपास जयपुर पर पीजी का संचालन कर रहा है। इसी दौरान पीजी मालिक श्री प्रकाश चौपड़ा एक धनाड्य व्यक्ति होने के बारे में जानकारी हुई तो विक्रम गुर्जर व राकेश गुर्जर ने उनके मित्र हरीश सिंह उर्फ हर्ष राजपूत निवासी सुजानगढ के साथ मिलकर पीजी मालिक श्री प्रकाश चौपड़ा के अपरहण की साजिस रचकर दिनांक 04.03.2020 को हरीश को जयपुर बुलाकर दिनांक 05.03.2020 को पीजी व श्री प्रकाश चौपड़ा के सांघी अपार्टमेंट स्थित घर की रैकी करवाई तथा योजना अनुसार मैने पीजी की चाबी लेने के लिये मालिक श्री प्रकाश चौपड़ा को फोन करके बुलाया व विक्रम चाय लाने की कहकर चला गया। पीजी पर पहले से मौजूद हरीश व राकेश ने योजना अनुसार श्री प्रकाश चौपड़ा को पकडकर हाथ बांध दिए तथा मूहं व आंखो पर टेप लगाकर कट्ट में बांधकर गाडी में डाल दिया। घटना में काम में लिये गये सामान कट्टा, रस्सी व टेप विक्रम के द्वारा ही लाडनूस खरीदे गये थे। गाडी मालिक श्री राकेश सैनी को इनकी योजना की जानकारी नहीं हो इसलिये  उसको मानसरोवर स्थिति होटल मे कमरा दिलाकर रूकवा दिया था । तीनों श्री प्रकाश चौपड़ा का अपहरण करके उसको लेकर शिवदासपुरा की तरफ सूनसान जगह में ले गये। जहां उन्होने श्री प्रकाश चौपड़ा के फोन से उसके घर पर 5 करोड की फिरोती देने के लिये कहा । उसके परिजनो द्वारा पुलिस को सचूना देने की संभावना व पकड़े जाने के डर से विक्रम वहां से वापस पीजी पर आ गया ताकि परिजनों को विक्रम का वारदात में शामिल होने का शक ना हो तथा हरीश व राकेश श्री प्रकाश चौपडा को गाडी से सीकर की तरफ ले गये । आदि सचूना पर आरोपीगणो के मोबाईल नम्बर व नाम पते प्राप्त होने पर तकनीकी सहायता ली गई | श्रीमान पुलिस आयुक्त जयपुर के निर्देशा नुसार श्री विमल नेहरा, अति. पुलिस उपायुक्त, आयुक्तालय जयपुर, श्री सुरेन्द्र सिंह, एसीपी, श्री महेंद्र यादव उप निरीक्षक एवं श्री शिवकुमार भारद्वाज, थानाधिकारी बस्सी तथा श्री रमेश मीणा थानाधिकारी तुंगा, श्री सुनील गोदारा, उनि थाना बजाज नगर के नेतृत्व में कुल आठ टीमें गठित की जाकर संभावित स्थानों पर तलाश हेतु जयपुर, सीकर, सुजानगढ व सरदारशहर के लिये टीमों को रवाना किया गया । समस्त टीमों द्वारा आपसी सामन्जस्य रखते हुये तकनिकी सहयोग व आसचूना के आधार पर राकेश गुर्जर के गांव के पास नेछवा सीकर में जंगल में सुनशान जगह पर दबिश देकर अपहर्ता श्री प्रकाश चौपड़ा को चंगुल से छुडाया, जिसकों कटटे में हाथपैर बांधकर पटकर रखा था। इस प्रकार टीमों दबिश देकर तीनों व्यक्तियों विक्रम सिंह उर्फ विक्की गुर्जर, राकेश उर्फ रॉकी गुर्जर व हरीश सिंह उर्फ हर्ष राजपूत को पकडने में सफलता अर्जित की गई । प्रकरण मे तीनो मुल्जिमों को हिरासत में लिया जा चुका है। समस्त आरोपियों से विस्तृत एवं गहन पूछताछ की जा रही है। प्रकरण में अनुसंधान जारी है। नोट:- मुल्जिमानों द्वारा अपहण की योजना की सफलता के लिये पूर्व मे सालासर बालाजी मंदिर में जाकर पजूा अर्चना की थी । !!! 
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