भाजपा ने किया सेना और सैनिकों से विश्वासघात - रणदीप सिंह सुरजेवाला

भाजपा ने किया सेना और सैनिकों से विश्वासघात - रणदीप सिंह सुरजेवाला

     


   रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुख्य प्रवक्ता प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रवाद का झूठा ढोल पीटने वाले श्री नरेंद्र मोदी ने पाँच साल में देश की सुरक्षा से जबरदस्त खिलवाड़ किया है। सच यह है कि एक तरफ तो मोदी सरकार ने देश के सामरिक हितों को दरकिनार किया और दूसरी ओर सेना तथा सैनिकों के साथ घोर विश्वासघात। मोदी जी ने वीर जवानों के बलिदान पर राजनैतिक रोटियां तो सेकीं, पर उन्हें निराशा व तिरस्कार के सिवाए कुछ नहीं दिया। सेना व सैनिकों से किए इस घोर अन्याय के बावजूद सेना के शौर्य का श्रेय लेने के लिए मोदी जी ने छद्म राष्ट्रवाद का मुखौटा लगा रखा है। कारण साफ है - पूरे देश में किसान बेहाल है, खेती संकट में है, युवा बेरोजगार है, व्यापारी-दुकानदार का धंधा नोटबंदी-जीएसटी से चैपट है, दलितों और वंचितों के अधिकारों पर कुठाराघात हुआ है और अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। मोदी जी के पास इनका कोई जवाब नहीं। इसीलिए अब राष्ट्रवाद को चुनावी औजार बना राजनैतिक हित साधने वाले श्री नरेंद्र मोदी व भाजपा की असलियत बेनकाब करने की आवश्यकता है। पुलवामा हमला - खुफिया तंत्र की विफलता, सेना के साहस का श्रेय लेने का कुत्सित प्रयास पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किया पुलवामा आतंकी हमला राष्ट्रीय अस्मिता पर आक्रमण था। न केवल कांग्रेस अध्यक्ष, श्री राहुल गांधी ने आगे बढ़ भारतीय सेना के पक्ष में संपूर्ण समर्थन जताया, बल्कि कांग्रेस पार्टी ने कहा कि हमें भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए बालाकोट एयर स्ट्राईक पर गर्व है। सच्चाई यह है कि - पुलवामा हमले के समय और घंटों बाद तक श्री नरेंद्र मोदी जिम कार्बेट पार्क में फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। देश शोक में डूबा था और मोदी जी अपनी अदाकारी के शौक पूरे कर रहे थे। देश सदमें में था, चारों ओर सन्नाटा था, पर मोदी जी टेलीफोन से रैलियों में भाषण दे रहे थे। देश में चूल्हा नहीं जला पर मोदी जी जिम कार्बेट पार्क में चाय-नाश्ता कर रहे थे। आज तक यह मालूम नहीं कि आतंकियों को सैकड़ों किलोग्राम आरडीएक्स, एम4 कार्बाईन और रॉकेट लॉन्चर कैसे मिले? एक आरडीएक्स ले जा रही कार को जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे, जहाँ काफिले के सैनिटाईजेशन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है, वहां प्रवेश करने की इजाजत कैसे मिली? मोदी जी यह नहीं बताएंगे कि पुलवामा हमले से 48 घंटे पहले जारी किए गए जैश-ए-मोहम्मद के धमकी भरे वीडियो को नजरंदाज क्यों कर दिया? सरकार ने आतंकियों द्वारा आईईडी के इस्तेमाल एवं काफिले पर हमले बारे 8 फरवरी, 2019 के जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिखित इनपुट को नजरंदाज क्यों किया? मोदी जी यह नहीं बताएंगे कि गृह मंत्रालय द्वारा हवाई मार्ग से सेना की आवाजाही करने के सीआरपीएफ एवं बीएसएफ के निवेदन को क्यों ठुकरा दिया गया, जिससे हमारे जवानों की जिंदगी बच सकती थी? मोदी जी यह नहीं बताएंगे कि इस घटना को 3 महीने बीत जाने के बाद भी प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और गृहमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुफिया तंत्र की विफलता के लिए खुद की जिम्मेदारी स्वीकार क्यों नहीं करते? जब सेना के शौर्य का श्रेय लेते हैं, वोट बटोरने के लिए सेना के बलिदान का इस्तेमाल करते हैं, तो फिर जिम्मेदारी से कन्नी क्यों काटते हैं? सेना और सैनिकों के साथ विश्वासघात की मोदी सरकार की तथ्यात्मक कहानी है और अब पाँच वर्ष पूरे होने पर मोदी जी और भाजपाईयों को 15 सवालों के जवाब देने होंगे:- 1. क्या यह सही नहीं कि मेजर जनरल, बी सी खंडूरी की अध्यक्षता में संसदीय स्टैंडिंग कमेटी ने हमारी सेना की जरूरतों को नजरंदाज करने का शर्मनाक खुलासा किया, और बताया कि सेना के 68 फीसदी उपकरण बहुत पुराने हो सजावटी सामान की तरह रह गए हैं तथा हथियारों की इमरजेंसी खरीद के लिए सेना को पैसे उपलब्ध नहीं कराए? 2. क्या यह सच नहीं कि मोदी सरकार ने 2018-19 के बजट में सेना के लिए जीडीपी का केवल 1.58 प्रतिशत व 2019-20 में जीडीपी का केवल 1.44 प्रतिशत ही आवंटित किया? क्या यह 57 सालों में सबसे कम नहीं? 3. क्या यह सही नहीं कि चीन की सीमा पर सड़कें बनाने के लिए संसाधन मौजूद नहीं? सेना के पास धन की इतनी ज्यादा कमी क्यों हो गई कि संसदीय स्टैंडिंग रिपोर्ट को यह कहना पड़ा कि हमारे पास इतने भी हथियार नहीं कि सेना 10 दिन का युद्ध लड़ सके? 4. क्या यह सच नहीं कि मोदी सरकार की ढुलमुल नीतियों के चलते 5 सालों में अकेले जम्मू-कश्मीर में 500 जवान शहीद हुए और 300 नागरिक मारे गए? क्या यह सही नहीं कि मोदी सरकार पाकिस्तान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमा/एलओसी पर 5,595 बार गोलाबारी रोकने में नाकाम रही? 5. क्या यह सच नहीं कि मोदी सरकार के पाँच सालों में हमारे सुरक्षा तंत्रों - जैसे सीआरपीएफ कैंपों, सेना के कैंपों, एयरफोर्स स्टेशनों और अन्य सैन्य स्टेशनों पर 17 बड़े आतंकी हमले हुए और पैंपोर, ऊरी, पठानकोट, गुरदासपुर, अमरनाथ यात्रा हमला, सुंजवान सेना कैंप हमला और पुलवामा हमले में सैकड़ों सैनिक शहीद हुए? 6. प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि उनकी सरकार के दौरान एक भी बम ब्लास्ट नहीं हुआ। क्या कोई प्रधानमंत्री मोदी को बड़े बम ब्लास्टों की निम्नलिखित सूची दिखाएगा? (1) 05-12-2014: मोहरा, जम्मू-कश्मीर। (2) 10-04-2015: दांतेवाडा (3) 27-01-2016: पलामू। (4) 19-07-2016: औरंगाबाद, बिहार। (5) 02-02-2017: कोरापुट, ओडिशा। (6) 10-05-2017: सुकमा (7) 27-10-2018: अवापल्ली, छत्तीसगढ़ (8) 09-04-2019: दांतेवाडा। 7. क्या यह सही नहीं कि चीन ने उत्तर और दक्षिण डोकलाम में कब्जा कर लिया, परंतु मोदी जी द्वारा चीन को लाल आँख दिखाना तो दूर, इस बारे विरोध भी दर्ज नहीं करवाया गया? 8. सेना को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की सप्लाई में 50 प्रतिशत की कमी क्यों करनी पड़ी, जिससे हमारे सैनिकों को अपनी यूनिफॉर्म और जरूरत की अन्य चीजें बाहर से खरीदने को मजबूर होना पड़ा? 9. जनवरी, 2019 में यह सूचना दी गई कि रक्षा मंत्रालय द्वारा मिलिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को पूरा करने के लिए 1600 करोड़ रु. की राशि भी मंजूर नहीं की गई। क्या इससे साफ है कि आज हमारा रक्षातंत्र खतरे में है व मोदी सरकार उनके लिए फंड जारी क्यों नहीं कर रही? 10. वन रैंक, वन पेंशन को वन रैंक, पाँच पेंशन बनाकर प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे सैनिकों, सैन्य अधिकारियों और पूर्व सैनिकों के साथ धोखा क्यों किया? 11.  पुलवामा जैसे हमलों में शहीद होने वाले सीआरपीएफ/बीएसएफ/आईटीबीपी इत्यादि के जवानों को शहीद का दर्जा व परिवार को आर्थिक मदद देने से मोदी सरकार का इंकार क्यों? 12.  मोदी सरकार ने कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (सीएसडी) आउटलेट्स से एक व्यक्ति द्वारा खरीदे जाने वाले सामान पर मासिक कोटा तय क्यों किया? 13.  मोदी सरकार ने हमारे उन जवानों के लिए मेडिकल फायदे/पेंशन समाप्त क्यों कर दिए, जिन्होंने शोर्ट सर्विस कमीशन में देश की सेवा की? 14.  क्या यह सही नहीं कि यूपीए-कांग्रेस सरकार ने चीन की सीमा पर 90,274 सैनिकों वाली माउंटेन स्ट्राईक कोर का गठन करने का फैसला लिया था, जिस पर 64,678 करोड़ रु. का खर्च आना था? क्या यह सही नहीं कि मोदी जी ने केवल पैसा बचाने के लिए इसे सिरे से खारिज कर दिया?   15. क्या यह सही नहीं कि उग्रवाद से लड़ने के लिए यूपीए-कांग्रेस सरकार ने National Counter Terrorism Centre (NCTC)  व NAT GRID के गठन का निर्णय लिया था, जिसका बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री के मोदी जी ने विरोध किया था? क्या यह सही नहीं कि राष्ट्र की सुरक्षा के हितकारी एनसीटीसी व नैटग्रिड को मोदी जी ने सिरे से खारिज कर दिया?  !!!  

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