निपाह वायरस रोग की रोकथाम और नियंत्रण हेतु दिशा निर्देश जारी  

निपाह वायरस रोग की रोकथाम और नियंत्रण हेतु दिशा निर्देश जारी  

   

  जयपुर, 6 जून। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर विभाग द्वारा केरल राज्य में निपाह वायरस रोग से ग्रसित व्यक्ति पाए जाने को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा समस्त प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को निपाह वायरस रोग की रोकथाम और नियंत्रण हेतु दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। डॉ. शर्मा की अध्यक्षता में गुरूवार को मध्यान्ह निपाह वायरस और घोडों के ग्लैंडर्स रोग के सम्बंध में बैठक आयोजित की गई। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में निपाह वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस सम्बंध में रेपिड रेस्पोंस टीम को सतर्क करने के साथ ही संदिग्ध मरीजों को चिन्हित कर उनकी जाचं एवं उपचार इत्यादि के सम्बंध में सभी आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. शर्मा ने चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों को इस रोग के बारे में केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निपाह रोग के बारे में आमजन को भी जागरूक करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। इस सम्बंध में केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार पशु-पक्षियों द्वारा खाए गए फल, सब्जियां इत्यादि नहीं खाने के साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन पर विशेष सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। खांसी, जुकाम और बुखार होने पर चिकित्सक से सम्पर्क करें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने केरल से आने वालों लोगों में खांसी, जुकाम और बुखार इत्यादि लक्षण प्रतीत होते ही तत्काल निकटवर्ती चिकित्सा संस्थान से सम्पर्क करने का आग्रह किया है। उन्होंने राजस्थान में रहने वाले केरल निवासियों व कार्यरत केरल के नर्सिंगकर्मियों से इस सम्बंध में विशेष सावधानी बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने निपाह के बारे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ ही निजी चिकित्सा संस्थानों तथा होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी निपाह रोग के नियंत्रण और रोकथाम के लिए दिशा निर्देश जारी करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि निपाह वायरस मनुष्यों में संक्रमित चमगादड़, सुअर या संक्रमित मनुष्यों के सम्पर्क में आने से तथा संक्रमित खजूर या खजूर के रस के सेवन से फैलता है। निकाह संक्रमित व्यक्ति में बुखार के साथ ही मानसिक भ्रम, सिरदर्द तथा खांसी व सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण प्रतीत होते हैं। ग्लैंडर्स रोग के सम्बंध में सतर्क रहें डॉ. शर्मा ने अलवर और भरतपुर जिलों में घोडों में ग्लैंडर्स रोग को ध्यान में रखते हुए पशुपालन विभाग को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। आगामी मानसून को देखते हुए पशुपालन विभाग से सतर्क रहकर विशेषज्ञ पशुचिकित्सकों द्वारा इसके निदान के बारे में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्क्रब टाईफस की रोकथाम के लिए भी आवश्यक कार्यवाही करने हेतु प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं का उपचार करने, पशु बाड़ों में कीटनाशक दवा का छिड़काव करने, पशुपालकों को इस सम्बंध में जानकारी देने की आवश्यकता प्रतिपादित की। वायरस जनित रोगों की जांच हेतु विशेष प्रशिक्षण चिकित्सा मंत्री ने निपाह सहित वायरस के कारण होने वाले अन्य रोगों की दक्षतापूर्ण जांच के के लिए एक विशेष टीम को प्रशिक्षण के लिए पूना स्थित नेशनल वायरोलोजी लैब में भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वायरस के कारण होने वाले रोगों की जांच के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था करने तथा आवश्यक उपकरणों के क्रियाशील रखने पर ध्यान देने के भी विशेष निर्देश दिए हैं। बैठक में मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. समित शर्मा, अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम श्री शंकरलाल कुमावत,  एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा पशुपालन विभाग के अधिकारी मौजूद थे। !!! 
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