Citizenship amendment  Act  और National Register of Citizens गृहमंत्री अमित शाह ने क्या कहा

Citizenship amendment  Act  और National Register of Citizens गृहमंत्री अमित शाह ने क्या कहा

 

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि NRC  में कोई धर्म के आधार पर कार्यवाही नहीं होगी जो कोई भी NRC के तहत इस देश का Citizen नहीं पाया जायेगा उन सभी को देश से निकाला जायेगा | इसमें यह मुसलमानों के लिए NRC है यह कहना उचित नहीं है | अमित शाह ने कहा कि NRC लेकर कौन आया जो लोग विरुद्ध कर रहे है मैं उनसे पूछना चाहता हूँ की  NRC को लेकर कौन आया | कांग्रेस अध्यक्षता व गुलाब नवी आजाद 1985 में जब समझोता हुआ पहली बार NRC की बात Accept की गई | उसके बाद हमारे 1955 के Citizenship Act में 14A जोड़ा गया 3 December  2004  को उस व्यक्त यूपीए की सरकार थी, हमारी नहीं, उसके बाद Rule 4 जोड़ा गया जो देशभर में NRC बनाने की ताकत देता है वो भी 9 नवम्बर 2009 को जोड़ा गया जब Congress की सरकार थी और उनके बनाये हुए कानून पर वो आज हम पर सवाल कर रहे है | अगर यह जरुरी नहीं था तो क्यों बनाया | इस पर अमित शाह ने कहा कि इसे Constituency से मत जोड़ीए उन्होंने कहा की देश विभाजन कभी भी धर्म के आधार पर नहीं होना चाहिए | लेकिन यह कटुसत्य है कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ, बटवारा धर्म के आधार पर नहीं होना चाहिए लेकिन Congress ने बटवारे की Demand को सरेंडर किया इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ | बहुत सरे लोग मारे गये, बहुत सारे लोगों को प्रताड़ना दी, लाखों –लाखों शरणार्थियों यहाँ आये और लाखों – लाखों शरणार्थी यहाँ से वहां गए | उसके बाद भी ढेर सारे मुसलमान यहाँ पर रहे गये | और रहने भी चाहिए थे | क्योकि हमने कहा था कि यह सेक्युलर country है हम पंथ निरपेक्ष देश बनेंगे | जो यहाँ है उनका स्वागत है उन पर कोई आंच नहीं आएगी | बहुत सारे हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख वहां पर रहे तो उनकी सबको चिंता थी कि उनका Long Term क्या होगा इस पर बड़ी Demand थी | 1950 में पंडित जवाहर लाल नेहरु और लियाकत अली खान के बीच दिल्ली में एक समझोता हुआ | जिसमें दोनों ने तय किया की दोनों देशों में रह रहे Minority लोगों की सुरक्षा करेंगे | पाकिस्तान में 23% हिन्दू थे और बांग्लादेश में 30%  हिन्दू थे जिसे पूर्वी पाकिस्तान कहते थे लेकिन आज वहां पर 3% हिन्दु है पाकिस्तान में, जिन्हें धर्म परिवर्तन करा दिया गया यहाँ फिर वे धर्म बचाने के लिए यहाँ आ गए | बांग्लादेश में पहले 30% प्रतिशत थे अब 7% प्रतिशत हो गए !! अमित ने कहा कि ये सारे किस्से मैंने संसद में बताये जिनकी बच्चियों को उठा ले जाकर जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाय कराया गया | जब नेहरु और लियाकत अली समझोते का अमल नहीं हुआ तब वहां जो Minority थी उनका अधिकार थी कि उनको यहाँ पर शरणार्थी दी जाये उनको नागरिकता दी जाये !! कांग्रेस ने 70-70 साल तक इन लोगों को नरक की जिन्दगी जीने के लिए अपनी वोट बैंक के कारण मजबूर किया | मोदी सरकार Citizenship Act को लेकर आयी है जिससे अब वो सम्मान के साथ जियेंगे और और अपने बच्चियों की रक्षा कर पाएंगे और अपने Believe के अनुसार अपने धर्म की पालना कर पाएंगे और अपनी पीढ़ियों को आगे तक प्रकुलित कर पाएंगे |  !!! 
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