विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने देशव्यापी सुशासन सप्ताह समारोह का आज उद्घाटन किया

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने देशव्यापी सुशासन सप्ताह समारोह का आज उद्घाटन किया

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने देशव्यापी सुशासन सप्ताह समारोह का आज उद्घाटन किया। इसके अंतर्गत "प्रशासन गांव की ओर" अभियान का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ भी किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सुशासन का अंतिम और असली परीक्षण यह है कि इसका लाभ भारत के सबसे दूरस्थ गांव में रहने वाले हर एक नागरिक तक पहुंचना चाहिए।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की "ग्रामीण उत्थान" परिकल्पना जमीन पर वास्तविक विकास का आकलन करने के लिए एक परिणाम-आधारित दृष्टिकोण पर बल देती है। श्री मोदी ने एक बार कहा था, "अंत्योदय की सच्ची भावना में अंतिम कतार में खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए देश के पास पर्याप्त संसाधन हैं और सुशासन के माध्यम से वांछित परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं"।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ग्रामीण भारत के सतत विकास के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए, योजनाओं को वास्तविक रूप से निचले स्तर पर रहने वाले लोगों की जरूरतों और इच्छाओं को ध्यान में रखना चाहिए और एक पारदर्शी, प्रभावी और जवाबदेह तरीके से नवीनतम तकनीकी साधनों के माध्यम से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का बड़ा सपना गांवों को शामिल किए बिना पूरा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और उपेक्षित क्षेत्रों का विकास मोदी सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक रहा है और शहरी और ग्रामीण भारत के बीच की खाई को पाटना है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर एक जिले के सेवानिवृत्त उपायुक्त/जिलाधिकारी को वर्ष 2047 के लिए जिले का विजन दस्तावेज ज़िला @ 100 तैयार करने में शामिल करने के लिए एक अभिनव और दूरगामी कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र तभी विकसित हो सकता है जब देश के सभी जिले अपनी अंतर्निहित शक्तियों का लाभ उठाते हुए एक केंद्रित दृष्टिकोण के साथ विकास करने का लक्ष्य रखते हैं।
प्रशासन गांव की ओर 2022 जन शिकायतों के निवारण और सेवा वितरण में सुधार के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जो भारत के सभी जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा। 700 से अधिक जिला कलेक्टर प्रशासन गांव की ओर 2022 में भाग ले रहे हैं।
अभियान के एक भाग के रूप में, जिला कलेक्टर "सुशासन प्रथाओं/पहलों" पर एक कार्यशाला का आयोजन करेंगे और भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के परामर्श के साथ जिले के लिए एक विजन की रूपरेखा तैयार करने का प्रयास करेंगे, जिन्होंने जिले में उपायुक्त/जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया है और प्रमुख शिक्षण संस्थानों के सेवानिवृत्त शिक्षाविदों और विचारकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। ये अधिकारी विजन डॉक्यूमेंट डिस्ट्रिक्ट@100 के अंतर्गत जिले वर्ष 2047 के लिए जिले के लिए विजन/लक्ष्यों को परिभाषित करेंगे। यह आशा की जाती है कि सेवानिवृत्त उपायुक्त/जिलाधिकारी, शिक्षाविद्, थिंक-टैंक का प्रशासनिक अनुभव वर्तमान की ऊर्जा के साथ परियोजना को पूरा करने में लाभकारी सिद्ध होगा। विकास की यात्रा में आगे बढ़ने के लिए उपायुक्त/जिलाधिकारी जिले के लिए एक दूरदर्शी दस्तावेज को परिभाषित और तैयार करेंगे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ''जैसा कि विषय से ही पता चलता है कि 'प्रशासन गांव की ओर', अभियान के दौरान प्रशासन को सीधे लोगों तक ले जाने पर बल दिया जाता है। उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने व्यापक डिजिटलीकरण नीति द्वारा हजारों नागरिक केंद्रित सेवाओं को नागरिकों के दरवाजे तक पहुंचाने का प्रयास किया है, ताकि ग्रामीण-शहरी विभाजन के बिना देश के विकास का लाभ पूरे देश में समान रूप से प्रदान किया जा सके। उन्होंने बताया कि जन शिकायतों के समाधान और बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए जिला कलेक्टर तहसील/पंचायत समिति स्तर पर विशेष शिविर/कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
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