किसान उत्पादक संगठनों की जिला स्तरीय मोनिटरिंग समिति की बैठक संपन्न

किसान उत्पादक संगठनों की जिला स्तरीय मोनिटरिंग समिति की बैठक संपन्न

उदयपुर, 27 जून। किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को सशक्त बनाकर किसानों की आय बढाई जा सकती है ऐसे में अधिकारी एफपीओ में विविधता लाएं एवं किसानों की उन्नति हेतु निरंतर संभावनाएं तलाशें। यह बात जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित एफपीओ की जिला स्तरीय मोनिटरिंग समिति की बैठक में कही। बैठक में कलक्टर ने एफपीओ के पंजीयन प्रमाण पत्रों वितरित कर प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही जिले में एफपीओ की वर्तमान स्थिति की ब्लॉकवार समीक्षा की।
किसानों की प्रगति और समृद्धि में एफपीओ की हो सकती है प्रमुख भूमिका :
कलक्टर ताराचंद मीणा ने वर्ष 2021-22 (दूसरे चरण) के लिए एफपीओ गठन हेतु ‘उपज कलस्टर क्षेत्र’ का चयन एवं अनुमोदन पर चर्चा की। बैठक में केन्द्रीय क्षेत्र योजना अंतर्गत जिले में कृषि आधारभूत संरचना निधि के तहत वित्तीय सुविधा पर चर्चा की। इस दौरान योजना के सफल क्रियान्वयन एवं संचालन हेतु दिशा-निर्देश दिए। कलक्टर ने योजना का जिले में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। बैठक में आए अधिकारियों ने कलक्टर को जिले के अलग-अलग क्षेत्र की प्रमुख फसलों के बारे में जानकारी दी एवं किसानों की आय बढाने में एफपीओ के योगदान पर विस्तृत चर्चा हुई।
कृषि प्रसंस्करण से भी बढ़ा सकते हैं किसानों की आय :
कलक्टर ने कृषि प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रभावी रूप से कार्य करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जोधपुर का उदाहरण देते हुए बताया कि जोधपुर कृषि प्रसंस्करण का हब बना है एवं वहां 500 से अधिक यूनिट कृषि प्रसंस्करण नीति अंतर्गत स्थापित हुए हैं। इसी प्रकार उदयपुर में भी उत्कृष्ट कार्य किया जा सकता है।
कलक्टर ने कहा कि एफपीओ के जरिए किसान भाइयों को बीज, खाद, मशीनरी, मार्केट लिंकेज, ट्रेनिंग, नेटवर्किंग, वित्तीय सहायता और तकनीकी मदद उपलब्ध कराएं। कलक्टर ने कहा कि किसान उत्पादक संगठनों के गठित होने से कृषि क्षेत्र को बल मिलेगा।
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