बर्ड पार्क की कार्ययोजना को लेकर विशेषज्ञों की कार्यशाला शुरू

बर्ड पार्क की कार्ययोजना को लेकर विशेषज्ञों की कार्यशाला शुरू

उदयपुर, 17 अगस्त/उदयपुर के गुलाब बाग में विश्वस्तरीय बर्ड पार्क की स्थापना को लेकर विषय विशेषज्ञों के उपयोगी सुझाव एवं प्रभावी कार्ययोजना को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला गुरुवार को संभागीय आयुक्तालय सभागार में शुरू हुई।
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया व वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेन्द्रसिंह खींवसर के आतिथ्य में आरंभ हुई कार्यशाला में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर सभी वैज्ञानिक पहलुओं को ध्यान में रखकर मॉडल बर्ड पार्क के निर्माण पर जोर दिया गया।
विकास में धन की कमी नहीं
गृहमंत्री श्री कटारिया ने आरंभिक सत्र में कहा कि बर्ड पार्क की स्थापना के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। विश्वस्तरीय बर्ड पार्क की कल्पना को मूर्तरूप देने में विषय विशेषज्ञों, वास्तुविदों को अपनी विशेषज्ञता सिद्ध करते हुए टॉप मॉडल के रूप में बर्ड पार्क बनाना है जो पर्यटकों के साथ ही शोधार्थियों के लिए उपयोगी साबित हो।
उदयपुर के समीपवर्ती प्राकृतिक स्थलों का हो एकीकृत विकास
श्री कटारिया ने उदयपुर के निकटवर्ती बाघदड़ा, जयसमंद जैसे स्थलों के विकास की एकीकृत कार्ययोजना बनाने का सुझाव दिया जिससे उनके विकास से पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
राजस्थान के लिए स्वर्णिम दौर
राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि वर्तमान काल राजस्थान के लिए स्वर्णिम युग है जब चहुंओर से राज्य के विकास को तीव्र गति मिली है।
उन्होंने कहा कि विश्वभर की पक्षी प्रजातियों के साथ ही स्थानीय प्रजाति की बेहतरीन संरक्षण के साथ ही पर्यटन एवं शोध के केन्द्र के रूप में उदयपुर के बर्ड पार्क की कल्पना साकार करने के लिए यह कार्यशाला बुलाई गई है जिसके बेहतरीन परिणाम आएंगे। उन्होंने कहा कि उदयपुर में वर्ल्ड क्लास बर्ड पार्क के लिए सिंगापुर बर्ड पार्क पर दीर्घावधिक कार्य करने वाली एजेन्सी से मास्टर प्लान बनाया गया है जिसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले अनुभवी विशेषज्ञों के सुझावों को भी शामिल किया जाएगा।
उन्होंने राज्य में वन एवं पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि सरिस्का के लिए 100 करोड़ की परियोजना स्वीकृत की गई है। राज्य में विकास की इन गतिविधियों से निश्चय ही रोजगार, पर्यावरण, वन्यजीव एवं प्राकृतिक संपदा के संरक्षण व पर्यटन स्थलों में बढ़ोतरी हो सकेगी।
मत्स्याखेट पर प्रतिबंध
श्री खींवसर ने कहा कि झीलों में मत्स्याखेट पर पूर्ण प्रतिबंध का फैसला सरकार ने किया है जो आगामी वर्ष से प्रभावी हो जाएगा। इसके बाद झीलों के मत्स्याखेट के ठेके प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे।
ऐसा होगा हमारा बर्ड पार्क
मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) राहुल भटनागर ने बताया कि उदयपुर का बर्ड पार्क गुलाबबाग के 5.11 हैक्टेयर क्षेत्र में स्थापित होगा जिसमें 11 पक्षीघर बनाए जाएंगे। इनमें मकाव, काकातू, तोते, जलपक्षी, उल्लू, शिकरे, गिद्ध व बाज़, मुर्ग, मुनिया, पेसेराइल, ईमू, हॉर्नबिल व पहाड़ी मैना आदि के पक्षीघर बनाए जाने प्रस्तावित हैं।
इसके साथ ही पक्षी अस्पताल, वॉच टावर, जनसुविधाएं, शिक्षण केन्द्र के साथ ही सौंदर्यीकरण के कार्य पार्क स्थल पर कराए जाएंगे। पार्क के लिए कार्य योजना कन्सल्टेंसी कंपनी मै. ग्रीन प्रो इण्डिया कन्सल्टेंट्स प्रा.लि. ने तैयार की है। पांच पक्षी घरों के लिए कार्यादेश जारी होने के बाद कार्य शुरू कर दिया गया है।
मास्टर ले आउट प्लान
कार्यशाला में कन्सलटेंट कंपनी की ओर से मास्टर ले आइट प्लान पर पीपीटी प्रजेन्टेशन द्वारा विस्तार से चर्चा की गई। जिस पर विशेषज्ञों ने भी अपने-अपने सुझाव देते हुए वैज्ञानिक मापदण्डों से विविध पक्षी प्रजातियों के सरंक्षण की बात कही।
श्री भटनागर ने बताया कि बर्ड पार्क के लिए 8 करोड़ पर्यटन विभाग तथा 1.75-1.75 करोड़ की राशि उदयपुर नगर निगम व नगर विकास प्रन्यास ने स्वीकृत की है।
कार्यशाला में जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल, महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ.जी.वी.रेड्डी, विशिष्ट शासन सचिव विक्रम सिंह, उप वन संरक्षक ओ.पी.शर्मा, आर.के.जैन, हरिणी वी., राजपाल सिंह, पर्यटन उपनिदेशक सुमिता सरोच, मनोज कुलश्रेष्ठ, रजत भार्गव, डॉ. छाया भटनागर, विनय दवे, डॉ. रघुवीर सिंह सहित अन्य राष्ट्रीय स्तर के पक्षीविद् मौजूद थे। 
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