बेटी बचाओं-बेटी बढाओं एवं नालसा योजनाओं का ऑनलाईन जागरूकता शिविर

बेटी बचाओं-बेटी बढाओं एवं नालसा योजनाओं का ऑनलाईन जागरूकता शिविर

सवाई माधोपुर, 10 जनवरी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर की सचिव श्वेता गुप्ता द्वारा नालसा योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढाओं के संबंध में सिस्को वेबेक्स के माध्यम से ऑनलाईन विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन सोमवार को किया गया।
श्वेता गुप्ता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर ने शिविर से जुडे हुए जिलें के पैनल अधिवक्तागण, पैरालीगल वॉलेन्टियर्स एवं अन्य आमजन को नालसा द्वारा संचालित आपदा पीडितों के लिए विधिक सेवाऐं योजना, तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीडितों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015, बच्चों के मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015, मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015, गरीबी उन्मूलन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015, नालसा आदिवासियों के अधिकारों के संरक्षण और प्रवर्तन के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015, नषा पीडितों को विधिक सेवाएं एवं नषा उन्मूलन के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015, एसिड हमलों से पीडितों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2016, वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवाएं योजना 2016 आदि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।
साथ ही बताया कि ग्रंथो में नारी के महत्व को मानते हुए यहॉ तक बताया गया है कि जहॉ नारी की पूजा होती है, वहॉ देवता निवास करते है। नारी में इतनी शक्ति होने के बावजूद भी उसके सशक्तिकरण की अत्यंत आवश्यकता महसूस हो रही है। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का अर्थ उनके आर्थिक फैसलों, आय, संपति और दूसरे वस्तुओं की उपलब्धता से है, इन सुविधाओं को पाकर ही वह अपने सामाजिक स्तर को उॅचा कर सकती है। राष्ट्र के विकास में महिलाओं का महत्व और अधिकार के बारे में समाज में जागरूकता लाने के लिए मातृ दिवस, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आदि कार्यक्रम चलाए जा रहे है। महिलाओं को कई क्षेत्रों मे विकास की जरूरत है। भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाली उन सभी सोच को खत्म करना जरूरी है। जैसे- दहेज प्रथा, अशिक्षा, यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, वैश्यावृति, मानव तस्करी इत्यादि।
साथ ही शिविरि से जुडे हुए लोगों को नालसा योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विधिक सेवा योजना 2015 की जानकारी देते हुए बताया कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिको के लिए विधिक सेवा योजना का उद्देश्य सभी असंगठित कामगारो तक आवश्यक विधिक सेवाओं को संस्थागत बनाना, कामगारो में वर्तमान विधान एवं योजनाओं के अंतर्गत उनकी पात्रता के बारे में सूचना फैलाना, कामगारों को योजना के लाभ को प्राप्त करने में सहायता देना जिनके लिए वे अपनी योग्यता के अनुसार पंजीकृत है। मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाऐं योजना 2015 की जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 से उत्पन्न उपचार एवं उचित स्वास्थ्य की देखरेख का अधिकार सभी मानसिक बीमार व्यक्तियों पर समान रूप से लागू होता है। मानसिक बीमार व्यक्तियों को जानकारी के अभाव के कारण या अंधविश्वास अथवा साधनों के अभाव इत्यादि से उपजे अवैध परिरोधा के कारण उपचार प्राप्त करने में वंचित रहे जाते है। इसलिए विधिक सेवा संस्थानो को सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे व्यक्ति, मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 1987 के अध्याय प्ट मे लागू प्रावधानों के माध्यम से मनोचिकित्सक अस्पतालों में उपचार की उपलब्ध सुविधाओं तक सुगमतापूर्वक अभिगमन कर सकें।
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