महिला अत्याचार से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से न्याय मिलेगा, तभी आधी आबादी को मिलेगा भरोसा - पीएम मोदी

महिला अत्याचार से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से न्याय मिलेगा, तभी आधी आबादी को मिलेगा भरोसा - पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जब-जब देश की सुरक्षा का प्रश्न आया, तब न्यायपालिका ने राष्ट्रहित सर्वोपरि रखकर भारत की एकता की भी रक्षा की है। बीते 10 वर्षों में न्याय को सुगम बनाने के लिए देश ने कई प्रयास किए हैं। आज महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा समाज की एक गंभीर चिंता है। देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बने हैं। 2019 में सरकार ने, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की स्थापना की योजना बनाई थी। इसके तहत अहम गवाहों के लिए deposition centre का प्रावधान है। इसमें भी डिस्ट्रिक्ट मॉनिटरिंग कमेटी की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। इस कमेटी में डिस्ट्रिक्ट जज, डीएम और एसपी भी शामिल होते हैं। क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के विभिन्न पहलुओं के बीच समन्वय बनाने में उनकी भूमिका अहम होती है। हमें इन कमेटियों को और अधिक सक्रिय करने की जरूरत है। महिला अत्याचार से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से फैसले आएंगे, आधी आबादी को सुरक्षा का उतना ही बड़ा भरोसा मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि हम सब जानते हैं आज आज़ादी के अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है- विकसित भारत, नया भारत! नया भारत यानी- सोच और संकल्प से एक आधुनिक भारत! हमारी न्यायपालिका इस विज़न का एक मजबूत स्तम्भ है। खासतौर पर, हमारी District Judiciary. District Judiciary, भारतीय न्यायिक व्यवस्था का एक आधार है। देश का सामान्य नागरिक न्याय के लिए सबसे पहले आपका ही का दरवाजा खटखटाता है। इसलिए, ये न्याय का प्रथम केंद्र है, ये पहली सीढ़ी है। हर तरह से सक्षम और आधुनिक हो, ये देश की प्राथमिकता है। मुझे विश्वास है, ये राष्ट्रीय सम्मेलन, इसमें हुए विमर्श, देश की अपेक्षाओं को पूरा करने में मदद करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश ने Judicial Infrastructure के विकास के लिए लगभग 8 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं। आपको एक और तथ्य जानकर खुशी होगी...पिछले 25 साल में जितनी राशि Judicial Infrastructure पर खर्च की गई, उसका 75 परसेंट पिछले 10 वर्षों में ही हुआ है। इन्हीं 10 वर्षों में District Judiciary के लिए साढ़े 7 हजार से ज्यादा कोर्ट हॉल और 11 हजार Residential Units तैयार की गई हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष, ये केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है। ये यात्रा है- भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की। ये यात्रा है- एक लोकतन्त्र के रूप में भारत के और परिपक्व होने की। किसी भी देश में विकास का अगर कोई सबसे सार्थक parameter है, तो वो है- सामान्य मानवी का जीवन स्तर! सामान्य मानवी का जीवन स्तर उसकी ease of living से तय होता है। और, सरल-सुगम न्याय, ये ease of living की अनिवार्य शर्त है। ये तभी संभव होगा, जब हमारी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी से लैस होंगी। हम सब जानते हैं कि आज डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स में करीब साढ़े 4 करोड़ केसेस पेंडिंग हैं। न्याय में इस देरी को खत्म करने के लिए बीते एक दशक में कई स्तर पर काम हुआ है।
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