बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पास, उम्र कैद से फांसी तक की सजा, जानिए एंटी रेप बिल में क्या-क्या है?

बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पास, उम्र कैद से फांसी तक की सजा, जानिए एंटी रेप बिल में क्या-क्या है?

कोलकाता रेप-मर्डर केस में पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी की सरकार पर कई सवाल उठे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में ममता सरकार ने एंटी रेप बिल पास हो गया है। बीजेपी नेताओं ने भी इस बिल का समर्थन किया हैं। इस बिल में बलात्कार से जुड़े मामलों में फांसी की सजा तक का प्रावधान हैं। विधेयक का नाम अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक 2024 दिया गया है। इस बिल से कानून का मकसद बलात्कार और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों के जरिए महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा मजबूत करना है।

विधेयक में रेप की जांच और सुनवाई में तेजी लाने के लिए बीएनएस के प्रावधानों में संशोधन शामिल। नए कानून के तहत रेप केस से जुड़े मामलों की जांच 21 दिन में पूरी करनी होगी। इसके अलावा पीड़ित के कोमा में जाने या मृत्यु होने पर दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा होगी। रेप के साथ ही एसिड अटैक करने पर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान दिया गया हैं। सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी होगी। रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स द्वारा कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान हैं और हर जिले में स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाया जाएगा।

ममता सरकार के नए बिल में भारतीय न्याय संहिता यानी BNS की कुछ उन धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव है, जो महिला अपराधों के लिए सजा का प्रावधान करती हैं। इनमें धारा 64, 66, 68, 70, 71, 72, 73 और 124 में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानी BNSS की धारा 193 और 346 में संशोधन का प्रस्ताव है। वहीं, पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 6, 8, 10 और 35 में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है।

BNS क्या हैं जानिए?
धारा 64 में दुष्कर्म की सजा का प्रावधान है। इसमें कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान है, जिसे उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकता है। इसमें उम्रकैद का मतलब दोषी जब तक जिंदा रहेगा, तब तक जेल में गुजारना होगा। जुर्माने का भी प्रावधान है।
बंगाल सरकार के बिल में क्या?: उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में कोर्ट दोषी को जिंदगीभर तक की जेल की सजा भी सुना सकती हैं। फांसी की सजा और जुर्माने का प्रावधान भी है।

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हुई हत्या का मामले से देशभर में आक्रोश हैं। राज्यव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। इस घटना के बाद देशभर के डॉक्टर, कई संस्थानों, बीजेपी सहित कई राजनीति पार्टीयों ने विरोध प्रदर्शन किया हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा का स्पेशल सत्र बुलाकर इस विधेयक को विधानसभा में पेश किया। विधानसभा में विपक्ष के पूर्ण समर्थन के साथ राज्य का रेप विरोधी विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया गया हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे ऐतिहासिक विधेयक बताया है। विधानसभा में पारित होने के बाद कानून बनने के लिए बिल को राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होगी। इस बिल का नाम "अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट) बिल 2024" है।
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