बाढ़ आपदा के समय आपसी समन्वय से करें कार्य - जिला कलक्टर

बाढ़ आपदा के समय आपसी समन्वय से करें कार्य - जिला कलक्टर

झालावाड़ 20 सितम्बर। बाढ़ आपदा प्रबंधन में विभिन्न विभागों की भूमिका सुनिश्चित करने, आपदा के दौरान काम में आने वाले यंत्रों तथा साजो सामान की जानकारी, आपदा के दौरान विभागीय अधिकारियों की तत्परता को जांचने एवं विभागों के मध्य आपसी समन्वय स्थापित करने के संबंध में जिला कलक्टर हरि मोहन मीना की अध्यक्षता में सोमवार को मिनी सचिवालय के सभागार में बैठक आयोजित की गई।
जिला कलक्टर ने बताया कि झालावाड़ जिले में अब तक 1100 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई है जो यहां होने वाली औसत वर्षा 900 एमएम से 200 एमएम अधिक है। अगस्त माह में झालावाड़ के खानपुर व असनावर में हुई अतिवृष्टि के दौरान प्रभावित लोगों को जल पलावन क्षेत्रों से बाहर निकालने में एनडीआरएफ का विशेष योगदान रहा। उन्होंने आपदा के दौरान संबंधित विभागों एवं सिविल डिफेंस को आपसी समन्वय के साथ काम करने के निर्देश प्रदान किए हैं।
बैठक में एनडीआरएफ के असीसटेन्ट कमाण्डेंट योगेश कुमार ने बताया कि झालावाड़ कोटा संभाग का बाढ़ संभावित जिला है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालना एनडीआरएफ का उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि आपदा के दौरान अमूमन ये देखा जाता है कि संबंधित विभागीय अधिकारियों के मध्य संचार की कमी के कारण केज्यूल्टी हो जाती है। आपदा के दौरान संबंधित विभागीय अधिकारी द्वारा तत्परता दिखाने पर केज्यूल्टी से काफी हद तक बचा जा सकता है। बैठक में पॉवर पाइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से एनडीआरएफ द्वारा किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी गई।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश यादव, उपखण्ड अधिकारी झालावाड़ मुहम्मद जुनैद, निरीक्षक अमित दाधीच, उप निरीक्षक ओमप्रकाश उज्ज्वल, वरिष्ठ लेखाधिकारी घनश्याम नट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. साजिद खान सहित एनडीआरएफ के सदस्य एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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