मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 12.00 करोड रूपये की किशनबाग परियोजना का लोकार्पण किया

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 12.00 करोड रूपये की किशनबाग परियोजना का लोकार्पण किया

जयपुर, 18 दिसम्बर । माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा शनिवार, 18 दिसम्बर, 2021 को 525 करोड रूपये के प्रोजेक्ट्स - बस्सी आरओबी एवं किशनबाग वानिकी परियोजना का लोकार्पण तथा बी-बाईपास जंक्शन टोंक रोड, लक्ष्मी मंदिर तिराहा, टोंक रोड एवं जवाहर सर्किल पर यातायात सुधार एवं सौंदर्यीकरण, पीआरएन (दक्षिण) में सीवरेज कार्य तथा राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के कार्यो का शिलान्यास किया गया।

किशनबाग परियोजना
किशनबाग परियोजना को विकसित करने का मुख्य उद्देश्य नाहरगढ़ के रेतीले टीलों को स्थाई कर वहाँ पर पाये जाने वाले जीव जन्तुओ के प्राकृतिक वास को सुरक्षित कर संधारित करना, राजस्थान में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के बलुआ चट्टानों के बनने के बारे में जानकारी एवं राजस्थान की विषम परिस्थितियों (जैसे बलुआ एवं ग्रेनाईट की चट्टानोंतथा आद्र भूमि) में उगने वाले पौधो को मौके पर माईक्रो क्लस्टर के रूप में विकसित कर साईनेज के माध्यम से वैज्ञानिक एवं शिक्षकीय अभिरूचि पैदा करना है। इस परियोजना में 64.30 हैक्टर भूमि पर विकास कार्य किया गया है। परियोजना के विकास कार्यो पर 12.00 करोड रूपये व्यय किये गये हैं।
किशनबाग परियोजना एक सामान्य प्रकार का शहरी उद्यान नही है। इस परियोजना की विशेष प्रकृति को देखते हुये परियोजना के संधारण एवं प्रबन्धन के कार्य हेतु इस प्रकार के कार्य विकास एवं रख रखाव में अनुभव रखने वाली संस्था मैसर्स राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क सोसायटी का खुली निविदा से चयनकर कार्यादेश जारी किया जा चुका है तथा उक्त संस्था द्वारा मौके पर कार्य किया जा रहा है।
किशन बाग परियोजना के अंतर्गत अरावली एवं मरूस्थल क्षेत्र में पाये जाने वाले वनस्पति एवं घास की विभिन्न प्रजातियों के बीजारोपण एवं पौधारोपण कार्य संपादित कर उपचारित/विकसित किया जा चुका है। उपचारित/विकसित किये जाने वाले क्षेत्रमें विभिन्न रेगिस्तानी वनस्पति प्रजातियों के लगभग 7 हजार पेड़ जिसमें मुख्यतयाः खैर, रोंज, कुमठा, अकोल, धोंक, खेजडी, इंद्रोक, हिंगोट, ढाक, कैर, गूंदा, लसोडा, बर्ना, गूलर, फालसा, रोहिडा, दूधी, खेजडी, चूरैल, पीपल, जाल, अडूसा, बुई, वज्रदंती, आंवल, थोर, फोग, सिनाय, खींप, फ्रास आदि प्रजाति के पेड-पौधें एवं लापडा, लाम्प, धामण, चिंकी, मकडो, डाब, करड, सेवण आदि प्रजाति की घास का बीजारोपण किया गया है।
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