खान आवंटन घोटाले के संदर्भ में विस्तृत जांच की मांग : पायलट

खान आवंटन घोटाले के संदर्भ में विस्तृत जांच की मांग : पायलट

जयपुर, 14 अक्टूबर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमण्डल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री सचिन पायलट के नेतृत्व में भारत सरकार के मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) तथा नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (सीएजी) से आज नई दिल्ली में मिलकर प्रदेश के खान आवंटन घोटाले के संदर्भ में विस्तृत जांच की मांग को लेकर ज्ञापन प्रस्तुत किया।
प्रदेशाध्यक्ष श्री सचिन पायलट ने बताया कि ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि प्रदेश की भाजपा सरकार खान आवंटन मामले में हुई गंभीर अनियिमितता पर लीपा-पोती करना चाहती है। खान आवंटन में माननीय उच्चतम न्यायालय के 12 अप्रेल, 2012 के निर्देशों का खुल्ला उल्लंघन किया गया है तथा नीहित स्वार्थों से प्रेरित होकर जिस दिन केन्द्र सरकार द्वारा नई खनन नीति को अधिसूचित किया गया उसी दिन अर्थात् 12 जनवरी, 2015 को आनन-फानन में 137 खानों का आवंटन राज्य सरकार द्वारा कर दिया गया। कुछ खानों के आवंटन में सभी स्वीकृतियां एक दिन में दे दी गई। इस प्रकारण में एक लाख बीघा जमीन में हुए अनियिमित खान आवंटन के कारण राजकोष को लगभग 45000 करोड़ रूपयों का नुकसान हुआ है। ज्ञापन के माध्यम से मुख्य सतर्कता आयुक्त के संज्ञान में यह तथ्य भी लाये गये कि केन्द्र सरकार ने 30 अक्टूबर, 2014 को देश के सभी राज्यों को परिपत्र जारी कर एक गाईड लाईन जारी की थी जिसके अनुसार भारत सरकार निकट भविष्य में एमएमडीआर एक्ट में माननीय उच्चतम न्यायालय की सलाह को ध्यान में रखते हुए संशोधन कर रही थी और राज्य सरकारें यदि इस बीच खान आवंटन करना चाहे तो खान का विवरण समाचार पत्र, सरकारी गजट व अन्य संचार माध्यम से सार्वजनिक करे और आवेदनों पर निर्णय से पूर्व भारत सरकार की अनुमति ले। केन्द्र सरकार ने एक्ट के अध्यादेश का प्रारूप भी 16 नवम्बर को जारी कर दिया था जो प्रदेश की भाजपा सरकार को 18 नवम्बर को मिल गया था, इसके बावजूद राजस्थान सरकार ने 30 अक्टूबर, 2014 से 12 जनवरी, 2015 के बीच 653 खानें आवंटित कर दी और आवंटन में एक ही व्यक्ति और कम्पनी को 15 से 17 खानें तक दे दी।
उन्होंने बताया कि सरकार के स्तर पर खानों के आवंटन की समीक्षा हेतु जिस समिति का गठन किया गया है उसमें खनन विभाग के उन अधिकारियों को शामिल किया गया है जिन्होंने खान आवंटन में महत्ती भूमिका निभाई थी, ऐसे में उस समिति के औचित्य पर ही प्रश्रचिन्ह लग गया है। कांग्रेस शुरू से ही सम्पूर्ण घोटाले की सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जॉंच की मॉंग कर रही है क्योंकि इतने बड़े घोटाले को अंजाम देने के लिए प्रशासन को राजनैतिक स्वीकृति प्राप्त थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार सम्पूर्ण अनियमितता में राजनैतिक उत्तरदायित्व को स्वीकार करने से बचना चाहती है। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्य सतर्कता आयुक्त एवं नियंत्रक-महालेखापरीक्षक से नई दिल्ली में मिलकर ज्ञापन प्रेषित कर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा 653 खानों के आवंटन में राजनैतिक एवं प्रशासनिक स्तर पर की गई धांधली की विस्तृत जॉंच की मॉंग की है।
प्रतिनिधिमण्डल में श्री पायलट के साथ पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष श्री रामेश्वर डूडी, एआईसीसी महासचिव श्री मोहन प्रकाश, एआईसीसी सचिव एवं राजस्थान सहप्रभारी श्री मिर्जा ईरशाद बेग, एआईसीसी कम्यूनिकेशन इंचार्ज श्री रणदीपसिंह सुरजेवाला, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष श्री नारायण सिंह, एआईसीसी सचिव श्री ताराचंद भगौरा, श्री हरीश चौधरी, श्री जुबेर खान, सांसद श्री अश्कअली टाक, श्री नरेन्द्र बुढानिया, विधायक श्री भंवरलाल शर्मा, श्री प्रद्युम्रसिंह, श्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, श्री मेवाराम जैन, श्री श्रवण कुमार, श्री बृजेन्द्र सिंह ओला, श्री गोविन्दसिंह डोटासरा, श्री विश्वेन्द्रसिंह, श्री गिरिराज सिंह मलिंगा, श्री रमेश मीणा, श्री राजेन्द्र यादव, श्री भजनलाल जाटव, श्री घनश्याम मेहर, श्री दर्शन सिंह, श्री धीरज गुर्जर, श्री भंवरसिंह भाटी, श्रीमती शकुंतला रावत, श्री रामनारायण गुर्जर, श्री सुखराम विश्रोई, श्री हीरालाल दरांगी तथा डॉ. राजकुमार शर्मा शामिल थे। दोनों ज्ञापन की प्रति संलग्र है।
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