डीजीपी ने तय की साल 2023 के लिए पुलिस की प्राथमिकताएं

डीजीपी ने तय की साल 2023 के लिए पुलिस की प्राथमिकताएं

जयपुर 24 दिसंबर। राजस्थान पुलिस ने वर्ष 2023 के लिए अपनी 10 प्राथमिकताएं तय कर दी है। महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने दो श्रेणियों में पुलिस की प्राथमिकताओं को जारी किया है। दोनों श्रेणियों में 5-5 प्राथमिकताएं तय की गई है।
इन प्राथमिकताओं को सर्वोच्च रखते हुए इस साल विभाग द्वारा काम किया जाएगा। प्राथमिकताओं के अनुसार काम करने के लिए सभी रेंज, जिला व यूनिट की पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि हर नई साल की शुरुआत में राजस्थान पुलिस अपनी प्राथमिकताओं का निर्धारण करती है। इसके बाद पूरे वर्ष भर पुलिस विभाग इन प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर काम करता है।
इस साल की प्राथमिकताओं में महिलाओं, बच्चों व कमजोर वर्गों के विरुद्ध अपराधों का समयबद्ध निस्तारण तथा गुमशुदा बच्चों की तलाश के साथ संगठित गिरोह, हार्डकोर अपराधियों के विरुद्ध सख्त निरोधात्मक कार्रवाई, साइबर अपराधों की रोकथाम एवं नियंत्रण एवं बेहतर यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया है।
राजस्थान पुलिस की वर्ष 2023 के लिए प्राथमिकताएं इस प्रकार तय की गई है....
अपराध संबंधी प्राथमिकताएँ
1.i आपराधिक आसूचनाएँ सुदृढ़ कर हिस्ट्रीशीटर्स हार्डकोर / आदतन अपराधियों एवं संगठित गिरोहों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही एवं नियंत्रण।
ii मादक पदार्थों एवं अवैध हथियारों की तस्करी के विरूद्ध सख्त निरोधात्मक एवं दण्डात्मक कार्यवाही।
2. महिलाओं, बच्चों व कमजोर वर्गों के विरूद्ध अपराधों का समयबद्ध निस्तारण तथा गुमशुदा बच्चों की दस्तयाबी हेतु योजनाबद्ध प्रयास करना
3. भूमाफिया एवं आर्थिक अपराध करने वाले अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी अंकुश एवं विधिक कार्यवाही।
4. साइबर अपराधों की रोकथाम एवं नियंत्रण तथा आमजन को जागरूक करना।
5. यातायात का बेहतर प्रबन्धन एवं सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों / घायलों की संख्या में कमी लाना।
प्रशासनिक प्राथमिकताएँ
1. आमजन में पुलिस की छवि में सुधार हेतु परिवादियों से मधुर व्यवहार एवं स्वागत कक्षों का प्रभावी उपयोग करना।
2. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग एवं हेल्पडेस्क के जरिए लोगों की समस्याओं को पहचान कर उनका समाधान करना ।
3. महिला कार्मिकों के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएँ विकसित करना।
4. राज्य एवं जिला प्रशिक्षण केन्द्रों का सुदृढीकरण कर पुलिस बल को अनुसंधान कार्यों में दक्ष बनाना।
5. जन सहभागिता एवं CSR Corporate Social Responsibility के माध्यम से पुलिस कर्मियों एवं उनके परिवारजनों के कल्याण हेतु आवश्यक आधारभूत ढाँचे की स्थापना।
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