राजस्थान इज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस तथा निवेश अनुकूल नीतियों के कारण निवेशकों का पसंदीदा राज्य बना

राजस्थान इज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस तथा निवेश अनुकूल नीतियों के कारण निवेशकों का पसंदीदा राज्य बना

जयपुर, एक दिसंबर। आगामी जनवरी में प्रस्तावित राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित इन्वेस्टर्स समिट - इन्वेस्ट राजस्थान-2022 का प्रथम स्थानीय रोड शो दिल्ली में आयोजित हुआ। राजस्थान सरकार 68,698 करोड़ रुपये के सहमति पत्र (एम ओयू) तथा 10,099 करोड़ रुपये के आशय पत्र (एलओआई) हस्ताक्षरित करवाने में सफल रही। यह निवेश राज्य के घीलोठ, भिवाड़ी, नीमराना, जयपुर, उदयपुर, अलवर एवं कई अन्य जिलों में स्थापित इकाइयों में प्रस्तावित है। यहां रीको द्वारा गत वर्षा में स्पेशल सेक्टोरल ज़ोन विकसित किये गए हैं।

इस अवसर पर कुछ अग्रणी निवेश समूहों ने प्रदेश में वृहद परियोजनाएं स्थापित करने की मंशा जताई है, जैसे कि रिन्यू बल पावर ने राज्य के विभिन्न जिलों में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश अक्षय ऊर्जा एवं सोलर मॉड्यूल विनिर्माण हेतु प्रस्तावित किया है, जे. के. लक्ष्मी ने नागौर, उदयपुर एवं अलवर में 4250 करोड़ रुपये का निवेश सीमेंट उत्पादन तथा लाइम स्टोन उत्खनन में प्रस्तावित किया है। वहीं लेन्सकार्ट ने भिवाड़ी में 400 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा है; डाइकिन एयरकंडिशनिंग ने 294 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव ओकाया ईवी ने 121.36 करोड़ रुपये के निवेश से नीमराना में इलेक्टि्रक टू-थ्री व्हीलर के उत्पादन एवं एसेंबलिंग इकाई प्रस्तावित की है।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार ने नीति नियामक तंत्र का सृजन कर औद्योगिक विकास को गति दी है। रिप्स-2019 प्रोत्साहन योजना, एमइसएमई अधिनियम, एकल खिड़की योजना (सिंगल विंडो सिस्टम) एवं वन स्टॉप शॉप (ओएसएस) हमारी वह पहल है जिन्होंने निवेश की प्रक्रिया को सहज व सरल बनाया है।

उन्होंने कहा कि इन्वेस्ट राजस्थान रोड शो एक तरह से अनूठा आयोजन है, क्योंकि यह कोरोना महामारी के बाद प्रथम ऎसा आयोजन है जिसमें इन्वेस्ट राजस्थान -2022 से पहले विभिन्न जिलों और राज्यों में 28 और रोड शो आयोजित किए जा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि पहली बार राज्य सरकार ने न केवल एमओयू/एलओआई पर हस्ताक्षर करने पर बल दिया है, बल्कि निवेशकों की परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन पर जोर दिया है। जिला कलेक्टर पहली बार एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगें। और इसी तरह, प्रत्येक विभाग उनके नियत दिवस पर अपने अपने विभाग से समन्धित एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। उन्होंने कहा इन्वेस्ट राजस्थान से पूर्व देश के अन्य राज्यों के साथ ही विदेशों में भी इस तरह के आयोजन कर निवेशकों से चर्चा की जाएगी

श्रीमती रावत ने कहा कि निवेश अनुकूल नीतियों के कारण राजस्थान कई बड़े औद्योगिक घरानों, कॉर्पोरेट समूहों और उत्पादन इकायों का स्थल बन गया है, जिन्होंने रीको द्वारा 49000 से अधिक एकड़ भूमि पर विकसित 350 विशाल औद्योगिक क्षेत्रों में अपनी इकाइयां स्थापित की है। रीको के औद्योगिक क्षेत्रों में 40,000 से अधिक इकाइयां कार्यरत है एवं लगभग 150 और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास हो रहा है। राज्य का लगभग 58 प्रतिशन क्षेत्र डीएमआईसी के प्रभाव क्षेत्र में पड़ता है, इसके अतिरिक्त नयी गैस ग्रीड परियोजना 1730 किमी तक फैली हुई है। राज्य में 3 इस ई ज़ेड (स्पेशल इकनोमिक ज़ोन) तथा 9 आईसीडी (इन-लैंड कंटेनर डेपो) कार्यरत है जो औद्योगिकी विकास को सुद्वढ़ कर रहे है।

राजस्थान सरकार के प्रमुख आवासीय आयुक्त व अतिरिक्त मुख्य सचिव समन्वय, सुश्री शुभ्रा सिंह ने कहा कु राजस्थान क्षेत्रफल की द्वष्टि से देश का विशालतम राज्य है तथा खनिज व अन्य प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में एक सुद्वढ़ नीति एवं आधारभूत सुविधा तंत्र विकसित किया गया है जो की औद्योगिक विकास का कारक बन गया है। राजस्थान निवेशकों का पसंदीदा राज्य बन गया है क्योंकि यहां इज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस एवं निवेश सहयोगी नीतिओं का निर्माण किया गया है।

इस अवसर पर शासन सचिव उद्योग एवं वाणिज्य एवं एमडी रीको श्री आशुतोष ए. टी. पेडणेकर, राजस्थान फाउंडेशन आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव, उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त श्रीमती अर्चना सिंह, रिन्यू पावर के मुख्य कर अधिकारी श्री मयंक बंसल, जेके सीमेंट के सीईओ श्री माधव सिंघानिया, दिल्ली सीआईआई के चेयरमैन श्री कंवलजीत जावा और राजस्थान सीआईआई के चेयरमैन श्री संजय साबू सहित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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