जीएसटी से विकसित होगा भारत

जीएसटी से विकसित होगा भारत

भारत एक विकासशील देश है। इसे और अधिक विकसित बनाने के लिए देश के टेक्सेशन और फाइनेंस सिस्टम में कभी-कभी बदलाव जरूरी हो जाता है। इसलिए जीएसटी जल्द ही देश में लागू होने वाला है लेकिन उससे पहले यह जानना जरूरी है कि जीएसटी क्या है, जीएसटी की जरूरत क्या है, जीएसटी से रोजमर्रा की जिन्दगी में क्या बदलाव आएगा, जीएसटी का क्या फायदा होगा। जानते हैं इस सबके बारे में-

जीएसटी की जरूरत
देश के अन्दर वर्तमान में करीब 60 से भी अधिक अप्रत्यक्ष कर लागू हैं। सभी राज्यों का अपना वैट एक्ट है और केन्द्रीय सरकार का भी अपना वैट एक्ट है। इसके अलावा कई केन्द्रीय कानून जैसे कि सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी और विभिन्न सेस लागू हैं। वहीं राज्य में वैट एन्ट्री टैक्स, मनोरंजन डयूटी, स्टाम्प और कई तरह के टैक्स लागू है। इस तरह से कोई भी एक टैक्स पूरे देश में लागू नहीं होने के कारण टैक्स के फायदे सभी नहीं ले पाते हैं और इसी कारण आम आदमी को टैक्स के ऊपर टैक्स देना होता है, जिसे केसकेडिंग इफेक्ट भी कहा जाता है। इसके परिणाम से इन्फ्लेशन रेट ज्यादा हो जाती है जिसका नुकसान आम आदमी को भुगतना पड़ता है। इन्हीं सभी परेशानियों को खत्म करने के लिए जीएसटी की जरूरत देश में पड़ी।

जीएसटी कार्यान्वयन
जीएसटी का मतलब एक टैक्स एक देश नियम का लागू होना है। इसके फलस्वरूप पूरा देश किसी भी तरह के व्यापार के लिए एक मार्केट बन जाएगा। जीएसटी सभी तरह के वस्तु और सेवाओं पर लागू होगा, क्योंकि एक टैक्स एक देश नियम लागू होगा, जिससे आम आदमी को टैक्स में बहुत फायदा होगा।

जीएसटी के फायदे
देश की टैक्सेशन फील्ड की अग्रणी कम्पनी सेग इंफोटेक के प्रबंध निदेशक सीए अमित गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में दुनिया में 100 से अधिक देश हैं, जहां जीएसटी पहले से ही लागू है और इन देशों के लिए उन्हीं देशों से व्यापार करना फायदेमंद और सुविधाजनक होता है, जहां जीएसटी लागू है। वाणिज्य के एक्सपर्ट्स की मानें तो जीएसटी के लागू होने के बाद देश की जीडीपी बढ़ेगी और प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ेगी। जीएसटी टैक्स के सिस्टम को सरल कर देगा, जिससे स्टार्टअप्स को व्यापार में अपने कदम जमाने का आसान तरीका मिलेगा। इन सभी फायदों के फलस्वरूप देश में नौकरियां भी बढ़ेंगी। जीएसटी सिस्टम में रजिस्टर सप्लाई चेन सिस्टम जिसके द्वारा ज्यादातर काम ऑनलाइन ही किया जा सकेगा। इसके फलस्वरूप कम से कम मेनुअल काम होगा और गलतियां होने की संभावना भी बहुत कम रह जाएगी। इस प्रक्रिया से भष्टाचार और कालेधन की समस्या हमारे देश से दूर हो जाएगी।

जीएसटी की मौजूदा स्थिति
संसद के दोनों ही सदनों ने जीएसटी बिल को मंजूरी दे दी है और अब जीएसटी समिति जीएसटी रेट, टैक्सेज, और बाकी कम्पनशेसन बिल और अन्य बातों पर अन्तिम निर्णय ले रही है। इनके फाइनल होने के बाद जीएसटी बिल को दोनो सदनों में वापिस पेश किया जाएगा। यहां से पारित होने के बाद यह बिल देश के राष्ट्रपति के समक्ष पेश किया जाएगा ओर उनके हस्ताक्षर के बाद यह जीएसटी बिल जीएसटी कानून बन जाएगा। सरकार जीएसटी को 1 जुलाई 2017 से लागू करने की तैयारियां कर रही है। इसी के चलते सरकार ने सुझावों के लिए जीएसटी ड्राफ्ट, कुछ रजिस्ट्रेशन, रिटर्न, चालान फॉम्स जारी किए हैं।

जीएसटी की प्रक्रिया
जीएसटी में 3 मासिक रिटर्न उपलब्ध होगी -
प्रत्येक 10 तारीख को - सेल्स रजिस्टर उपलब्ध होगी।
प्रत्येक 15 तारीख को - परचेज रजिस्टर उपलब्ध होगी।
प्रत्येक 20 तारीख को - फाइनल मासिक रिटर्न उपलब्ध होगी।
जिससे कि जीएसटी में सेल्स एण्ड परचेज रिटर्न को रोज उपलब्ध करने की सुविधा दी गई है और इसी से आखिरी तारीख का दबाव खत्म किया जा सकता है। गवर्नमेंट की वेबसाइट का लोड कम करने के लिए जीएसटीएन विभाग जीएसपी (जीएसटी सुविधा प्रोवाइडर) ओर एएसपी (एसोसिएट सुविधा प्रावाइडर) की मदद से इस सिस्टम को मैनेज करेगा।
 
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