पीएफआई की चिटठी के बाद यह उजागर होता है कि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की मंशा खराब थीः डॉ. पूनियां

पीएफआई की चिटठी के बाद यह उजागर होता है कि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की मंशा खराब थीः डॉ. पूनियां

नई दिल्ली, 04 अप्रैल 2022। भारतीय नववर्ष पर हर बार पूरे राजस्थान में और देश के अनेक हिस्सों में नववर्ष के रैली-जूलूस निकलते हैं, इसकी परमिशन होती है, राजस्थान के करौली की यह घटना हुई है, ऐसा लगता है कि सुनियोजित घटना थी, इससे पहले की पृष्ठभूमि में जूलूस को लेकर बीकानेर, कोटा और भीलवाडा में धारा 144 लगाई गई और कश्मीर फाइल्स को लेकर भी 144 लगाई गई।
उन्होंने कहा कि, करौली की जो घटना थी, इसमें शांतिपूर्ण तरीके से जूलूस निकल रहा था, आधे रास्ते के बाद पत्थर बरसाये गए और अब पीएफआई की जो चिटठी उजागर हुई, उससे यह लगता है, या तो राज्य सरकार की इंटेलिजेन्ट फेल्योर थी या सरकार के संज्ञान में था और सरकार चाह रही थी कि इस तरीके की घटनाएं हों, लोगों में भय पैदा हो। जो अपीजमेन्ट की नीति अशोक गहलोत अपनाते हैं उसमें उनको अपने वोट बैंक की फिक्र है, लेकिन बहुसंख्यक लोगों की सुरक्षा की कतई फिक्र नहीं है और पीएफआई की चिटठी के बाद यह उजागर होता है मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की मंशा खराब थी।
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