48 घन्टे में ही सनसनीखेज हत्या की वारदात का खुलासा, नाबालिग फरियादी व सगा भाई ही निकले हत्या के मास्टर माईड

48 घन्टे में ही सनसनीखेज हत्या की वारदात का खुलासा, नाबालिग फरियादी व सगा भाई ही निकले हत्या के मास्टर माईड

बूंदी 30 नवम्बर। थाना सदर क्षेत्र के नानकपुरिया निवासी बंता सिंह (40) की हत्या की सनसनीखेज वारदात का खुलासा कर पुलिस ने मृतक के भतीजे राजबीर सिंह (21) भांजे गुरप्रीत उर्फ गोपी उर्फ मंगा (27) व उसके साथी सुखविंद्र सिंह उर्फ सोनू (27) निवासी बरखेड़ा थाना तालेड़ा को गिरफ्तार कर फरियादी नाबालिग भतीजे को निरुद्ध किया है। जमीन में हक व खर्चा नही देने के चलते घृणा के कारण चाचा की हत्या के लिये भतीजों ने बुआ के लड़के गुरप्रीत को 5 लाख रुपये की सुपारी दी थी। गुरूप्रीत पूर्व में तालाब गांव में हुई फायरिंग में शामिल रहा था।
28 नवम्बर को नांकपुरिया गांव में 4-5 गोली मारकर हुई थी हत्या
बून्दी एसपी जय यादव ने बताया कि 28 नवंबर को नानकपुरिया निवासी एक नाबालिक ने पुलिस को बताया कि देर रात तीन चार अज्ञात लोगों ने गोली मारकर उसके चाचा बंता सिंह की हत्या कर दी और भाग गए। पुलिस को दिए बयान में नाबालिग ने बताया घटना की रात खेत पर बने मकान में वह और चाचा अकेले थे। मम्मी ओर भाई रात को बाहर गये हुए थे। गोली चलने की आवाज से वह डरकर छुप गया। बाद में घटना की सूचना पड़ोसी को दी। पड़ोसी के नहीं आने पर मम्मी और भाई को बताया जिन्होंने पुलिस को सूचना दी।
एसपी व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे, मौके पर ही गठित की टीम
एसपी यादव ने बताया घटना की सूचना मिलते वे स्वयं एवं अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। एफएसएल व डॉग स्क्वायड टीम को भी मौके पर बुला कर घटना स्थल से साक्ष्य संकलित कर मौके पर ही उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरी लाल के मार्गदर्शन व सीओ बूंदी धर्मेंद्र कुमार शर्मा के सुपरविजन में थानाधिकारी सदर, के पाटन, तालेड़ा नमाना, डीएससी-साइबर सेल प्रभारी के नेतृत्व में विभिन्न टीमों का गठन कर टीम प्रभारियों को पारिवारिक रंजिश, लूट, महिला सम्बीन्ध व आर्थिक कारणों पर विश्लेषण करने हेतु टॉस्क दिया।
पड़ोसियों से पूछताछ से शक की सुई नाबालिग फरियादी पर ही घूमी, पूछताछ की तो हुआ परत दर परत खुलासा
गठित टीम ने तकनीकी विश्लेषण व गांव में मृतक के रहन- सहन, बोल-चाल के बिंदुओं पर अनुसंधान किया। मृतक व पारिवारिक सदस्यों के आपराधिक रिकार्ड की गहनता से जांच की। खेत के आस पडौस रहने वाले लोगों से गोपनीय सूचना एकत्र की तो सामने आया की मृतक का पालतू कुत्ता किसी भी अजनबी को खेत के आस-पास भी नही फ़टकने देता था। हत्या की रात कुत्ते की उन्होंने कोई आवाज नही सुनी। शक की सुई परिवारजन पर ही रूकने पर फरियादी नाबालिग से पूछताछ पर हत्या के मामले का परत दर परत खुलासा होता गया ।
पिता की मृत्यु के बाद मां चाचा के नाते गई, चाचा नही मानता था नाबालिग को बेटा
एसपी यादव ने बताया कि पूछताछ में चौकाने वाला खुलासा हुआ। नाबालिग ने बताया कि उसके पापा बलवंत सिंह की मौत 2003 में हो गई थी। मम्मी सिमर कौर चाचा की पत्नी बनकर रहने लगी। उसका जन्म पिता की मौत के बाद 2004 में हुआ था। उसके जन्म के 2-3 साल बाद चाचा बन्ता सिंह लूट के मामले में जेल चला गया, 6 साल बाद जेल से छूटकर घर आने के बाद उनके साथ रहने लगा। उनके नाम कुल 10 बीघा जमीन थी।
नाबालिग के बड़े भाई पर रेप का मामला दर्ज हुआ तो नही की आर्थिक मदद
नाबालिग के बड़े भाई राजवीर पर रेप का आरोप लगा था, जिसमे लडकी से शादी करने के बाद ही उसका कोर्ट केस खत्म हुआ। चाचा ने उस वक्त राजवीर की कोई आर्थिक मदद नही की। शादी के बाद लडकी को घर नही आने दे रहा था। चाचा खर्चे पानी के रुपये भी नहीं देता था। मुझे भी अपना बेटा नहीं मानता था, बार-बार मारने दौङता। पैसे मांगता पर गालियां देता और कहता तू मेरी औलाद नहीं है। इन बातों को लेकर वे चाचा से घृणा करते थे। पूरी जमीन वही जोतकर सारे पैसे अपने पास रखता था।
घृणा पाल कर कर्ज से दबे बुआ के लड़के से मिले, दी 5 लाख में हत्या की सुपारी
आज से 2-3 माह पहले राजवीर ओर वह बुआ के लडके गुरूप्रीत उर्फ गोपी से मिले। जिसे सारी बात बताई तो उसने कहा कि उसके ऊपर चल रहे हिण्डोली थाने में फायरिंग के केस में काफी कर्जा हो गया है। गोपी ने चाचा की हत्या के लिये 05 लाख रूपये या 01 बीघा जमीन मांगी। 05 लाख रूपये में हत्या करना तय हुआ। योजना बना कर घर पर आ गये।
हत्या से पहले पालतू कुत्ते को छत पर ले जाकर बांध दिया ताकि घटना के वक्त वह भौके नही
25 व 26 नवम्बर को उन्होंने योजना अनुसार मम्मी को केशोराय पाटन भेजने की कोशिश की तो मना कर दिया। 27 नवम्बर को मम्मी सिमर कौर राजवीर के साथ मौसी की लङकी से मिलने केशोराय पाटन चली गई। घर पर चाचा व वह दोनों ही थे। योजना के मुताबिक शाम को चाचा बन्ता सिंह घर के बाहर हमेशा की तरह टीन शेड के नीचे रात 10 बजे सो गया। रात 12.30 बजे उठ कर घर की छत पर कुत्ते को छोङ कर घर का गेट बन्द कर दिया ताकि कुत्ता नीचे नहीं आ सके।ओर फिर खेत के बाहर खड़े गुरूप्रीत उर्फ गोपी व सुखविन्द्र सिंह उर्फ सोनू को अंदर बुला लिया। जिन्होंने पहले सोये हुए चाचा के सिर पर सरिये की मारी, फिर दोनों ने अपनी-अपनी गन से 5-6 गोलियां मारी और चले गये। फिर पहले से सोची हुई आगे की कहानी पुलिस को सुना दी।
ये रहे वारदात के खुलासे वाली टीम में शामिल:- थानाधिकारी सदर धर्मारामव सीआई लाइन शौकत खाँ, हैड कांस्टेबल महेश पाराशर व राम प्रसाद, कांस्टेबल नेतराम गुर्जर, हनुमान जाट, जेठा राम, मायाराम, दलवीर गुर्जर व कमलेश। साईबर सैल के हैड कांस्टेबल टीकम चन्द राठौड व कांस्टेबल गिरधारी जाखड ।
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