मानगढ़ धाम की गौरव गाथा कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने पीएम मोदी के सामने रखी दो मांगे, जानिए मानगढ़ धाम गौरव यात्रा क्यों है खास . . .

मानगढ़ धाम की गौरव गाथा कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने पीएम मोदी के सामने रखी दो मांगे, जानिए मानगढ़ धाम गौरव यात्रा क्यों है खास . . .

बांसवाड़ा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के दौरे पर है, पीएम मोदी आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम की गौरव गाथा कार्यक्रम शामिल हुए पहुंचे। उन्होंने मानगढ़ धाम में भील स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

मानगढ़ धाम की गौरव गाथा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नारेंदा मोदी से दो मांगे पूरी करने का आग्रह किया है। पहली, मानगढ़ को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना और दूसरी रतलाम से जुड़े एक रुके हुए रेलवे प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करवाना। वहीं केंद्र सरकार ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया है।

मानगढ़ धाम की गौरव गाथा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि मानगढ़ धाम के इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम पर प्रधानमंत्री पधारे, मैं प्रदेश वासियों की तरफ से उनका स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों का इतिहास महान इतिहास है। जितना खोज की जाए, उतनी ही नई कहानियां मिलेंगी। जहां-जहां आदिवासी रहते हैं, चाहे बिरसा मुंडा की बात करें, हर जगह आजादी की जंग में आदिवासियों का बड़ा योगदान था। महाराणा प्रताप का शौर्य मेवाड़ की पहचान है। हमने पीएम मोदी से अपील की है कि इसे राष्ट्रीय स्मारक बनाया घोषित किया जाए। आदिवासी समाज आजादी की जंग लड़ने के मामले में किसी से पीछे नहीं था।

सीएम गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार महात्मा गांधी के सानिध्य में जंग लड़ी गई, आज भी इतिहास गवाह है कि किस प्रकार से त्याग, बलिदान, कुर्बानियां हुई थी, लोग जेलों में बंद रहे थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू 10 साल तक जेलों में बंद रहे थे। सरदार पटेल जेलों में बंद रहे थे। मौलाना आजाद थे, डॉ. अंबेडकर साहब ने संविधान बना दिया। आज देश उस पर खड़ा है, चल रहा है और जिस प्रकार से लगातार हम देख रहे हैं एक के बाद एक देश जो इतिहास बना रहा है। दुनिया के अंदर उसके बारे में मुझे कहना नहीं क्योंकि आज दुनिया की पहचान भी हमारे मुल्क का जो मान-सम्मान है वो कहां से कहां पहुंच गया। कहां तो हम गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए थे जिसकी कहानी हम यहां बैठकर कर रहे हैं, और कहां पर आज देश कहां पहुंचा है। गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री दुनिया के कई देश में जाते है तो बेहद सम्मान मिलता है और सम्मान क्यों मिलता है? क्योंकि नरेंद्र मोदी जी उस देश के प्रधानमंत्री है जो गांधी का देश है, जहां लोकतंत्र की जड़े मज़बूत है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का अतीत, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होगा। हमारी आजादी की लड़ाई का पग-पग, इतिहास का पन्ना-पन्ना आदिवासी वीरता से भरा पड़ा है। गोविंद गुरु का वो चिंतन, वो बोध, आज भी उनकी धुनी के रूप में, मानगढ़ धाम में अखंड रूप से प्रदीप्त हो रहा है। और उनकी सम्प सभा, यानि समाज के हर तबके में सम्प भाव पैदा हो, सम्प सभा के आदर्श, आज भी एकजुटता, प्रेम और भाईचारा की प्रेरणा दे रहे हैं। 1780 में संथाल में तिलका मांझी के नेतृत्व में दामिन संग्राम लड़ा गया। 1830-32 में बुधू भगत के नेतृत्व में देश लरका आंदोलन का गवाह बना। 1855 में आजादी की यही ज्वाला सिधु-कान्हू क्रांति के रूप में जल उठी।

राजस्थान में बांसवाडा जिले की मानगढ़ धाम गौरव यात्रा इसलिए खास है क्योंकि यह जिला तीन राज्यों- राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के लोग सम्मिलित होने वाले है। मानगढ़ धाम वह क्षेत्र हैं जिसके आसपास गुजरात और मध्य प्रदेश की मिलाकर 99 विधानसभा सीटों पर आदिवासी समुदाय का प्रभाव माना जाता है। दरअसल, राजस्थान में 25, गुजरात में 27 और मध्य प्रदेश में 47 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। तीनों राज्यों की करीब 40 लोकसभा सीटों पर भी आदिवासी समुदाय का असर माना जाता है।
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