नशे ने बनाया दोस्त को हत्यारा: क्राइम पेट्रोल देख लूट के लिए दोस्त की हत्या कर लाश माही डैम में फेंकी

नशे ने बनाया दोस्त को हत्यारा: क्राइम पेट्रोल देख लूट के लिए दोस्त की हत्या कर लाश माही डैम में फेंकी

बांसवाड़ा 20 जनवरी। अरथुना थाना क्षेत्र के गांव सारणपुर में माही नदी के किनारे तट पर 16 जनवरी को तैरते मिले युवक के शव के मामले का मात्र 72 घण्टों में खुलासा कर पुलिस ने बुधवार को हत्या के आरोप में मृतक योगेश पाटीदार के दोस्त भाविक यादव पुत्र रमण लाल (19) व उसके साथी शंकर यादव पुत्र लक्ष्मण (20) निवासी गांव बोरी थाना गढ़ी जिला बांसवाड़ा को गिरफ्तार कर लिया। नशे की जद में गिरफ्त आरोपियों ने लूट के इरादे से क्राइम पेट्रोल सीरियल देख कर दोस्त की हत्या कर दी थी।
बांसवाड़ा एसपी राजेश कुमार मीणा ने बताया कि 16 जनवरी को एक अज्ञात युवक का शव बांसवाड़ा डूंगरपुर की सीमा पर गांव सारणपुर में गलियाकोट के पास माही नदी में थाना अरथुना पुलिस को मिला था। युवक का मुंह एवं हाथ एडहेसिव टेप से बांधा हुआ था। युवक के शरीर पर गंभीर चोटें भी पाई गई थी। सूचना मिलने पर वे स्वयं सीओ सूर्यवीर सिंह राठौड़ के साथ मौके पर पहुंचे। एफएसएल टीम को बुलाकर मौके से साक्ष्य एकत्रित किए गए। मृतक की लाश को नदी से निकालकर एमजीएच अस्पताल की मोर्चरी में डीप फ्रिज में रखवाया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए आईजी हिंगलाज दान के निर्देश पर एसपी राजेश कुमार मीना ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सांधु के दिशा निर्देशन एवं सीओ सूर्यवीर सिंह राठौड़ के नेतृत्व में युवक की पहचान व घटना के खुलासे के लिए थानाधिकारी अरथुना प्रवीण सिंह, थानाधिकारी गढ़ी पुना राम व साइबर सेल से तीन टीमें गठित की गई।
एसपी मीना ने बताया कि गठित टीमों ने संपूर्ण जिले के अतिरिक्त डूंगरपुर प्रतापगढ़ उदयपुर व गुजरात बॉर्डर के थानों में युवक की पहचान के लिए संपर्क किया तथा सोशल मीडिया का भी सहारा लिया। सोशल मीडिया पर मृतक की फोटो देखकर थाना गढ़ी क्षेत्र के वजाखरा गांव निवासी राकेश पाटीदार ने युवक की पहचान अपने बेटे योगेश (21) के रूप में की व बताया कि 15 जनवरी की शाम वह घर से 45000 रुपये व 1 जोड़ी कपड़े लेकर निकला था। उसके बाद से ही उसका मोबाइल बंद आ रहा था।
सीओ सूर्यवीर सिंह राठौड़ के नेतृत्व में तकनीकी एवं आसूचना संकलन के आधार पर टीम को पता चला कि अंतिम बार योगेश को गढ़ी बस स्टैंड पर भाविक यादव के साथ देखा गया था। टीम ने भाविक को डिटेन कर गहनता से पूछताछ की तो उसने शंकर यादव के साथ मिलकर घटना को अंजाम देना बताया।
अभियुक्त भाविक यादव ने पूछताछ में बताया कि वह मृतक योगेश के साथ कक्षा 12 में परतापुर गांव में साथ पढा हुआ है। उसे 3 साल से ड्रग्स के नशा की आदत थी। जिसके लिए उसे पिछले साल नशा मुक्ति केंद्र उदयपुर में भर्ती किया गया था। नशे की लत की वजह से उस पर काफी उधार हो रखा था। योगेश संपन्न परिवार का लड़का था और सरकारी नौकरी पाना चाहता था। ड्रग्स के नशे की पूर्ति के लिए उसने क्राइम पेट्रोल के कई सीरियल देखें और वहां से आईडिया लेकर शंकर यादव को साथ मिला योगेश को झांसा दिया कि वे उसे वन विभाग में वनपाल के पद पर नौकरी लगवा देगा। इसके लिए उसे पैसे मंगवाए। 15 जनवरी को योगेश ₹45000 व 1 जोड़ी कपड़े लेकर गढ़ी बस स्टैंड आ गया। जहां से भविक व शंकर ने उसे अपने साथ बाइक पर बैठा लिया। बोरी के पास एक कोटरी में ले जाकर दोनों ने योगेश को गंभीर चोट पहुंचाकर उसके हाथ व मुंह एडहेसिव टेप से बांध कर हत्या कर दी और लाश गलियाकोट पुल से माही नदी में फेंक दिया।
हत्या के बाद भाविक ने 13000 रुपए व मृतक के कपड़ों का बैग व जूते शंकर यादव को दिए। बाकी रुपए व योगेश का मोबाइल अपने पास रख लिया। गिरफ्तारी के बाद भाविक की निशानदेही से मृतक का मोबाइल, घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल व 17000 नगद व शंकर की निशानदेही से मृतक के बैग, कपड़े, जूते एवं 10800 रुपये बरामद किये गए हैं।
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