गन्ना किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए इसके लिए चीनी कारखानों को इथेनॉल बनाने की अनुमति दी गई - केंद्रीय कृषि मंत्री

गन्ना किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए इसके लिए चीनी कारखानों को इथेनॉल बनाने की अनुमति दी गई - केंद्रीय कृषि मंत्री

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के कहा था कि कृषि क्षेत्र में अनेक चुनौतियां हैं, जिनके समाधान के लिए भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कुशलतापूर्वक सतत् काम कर रही है। देश में छोटे किसानों की संख्या ज्यादा है, सरकार का मानना है कि इनकी ताकत बढ़ेगी तो कृषि क्षेत्र और उन्नत होगा व उत्पादन भी बढ़ेगा, इस दिशा में सरकार काम कर रही है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि हमारा चीनी का उद्योग एक बड़ा उद्योग है। एक वर्ष में चीनी का 1,40,000 करोड़ का उत्पादन होता है। आज भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। चीनी के क्षेत्र में काफी अच्छे काम सरकार के माध्यम से हुए हैं। उन्होंने कहा कि चीनी मिल मुनाफे में रहें और गन्ना किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए इसके लिए इथेनॉल पॉलिसी लाई गई और चीनी कारखानों को इथेनॉल बनाने की अनुमति दी गई। आज 925 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन हो रहा है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने ट्विट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में खाद्य पदार्थों में पोषकता को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया जा रहा है। खरीफ विपणन सीजन के दौरान सात राज्यों में 30 नवंबर 2022 तक कुल 13 लाख टन से ज्यादा मोटे अनाज की खऱीद की गई है। दलहन और तिलहन खरीद भी शुरू की गई। मिलेट्स को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की की पहल व भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है, जिसे देशभर के साथ ही वैश्विक स्तर पर उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोरों पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत जिन प्रमुख देशों को मोटे अनाज का निर्यात करता है, उनमें संयुक्‍त अरब अमीरात, नेपाल, साउदी अरब, लीबिया, ओमान, मिस्र, ट्यूनीशिया, यमन, ब्रिटेन तथा अमेरिका हैं। भारत द्वारा निर्यात किए जाने वाले मोटे अनाजों में बाजरा, रागी, कनेरी, जवार और कुट्टू शामिल हैं।
आपकों बतादें कि मिलेट्स में अपेक्षाकृत रूप से पोषक तत्व ज़्यादा होते हैं। फसलों में ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू फसलें आती हैं। भारत मोटे अनाज, यानी मिलेट का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में पैदा होने वाला मिलेट वैश्विक उत्पादन का लगभग एक तिहाई है।
  • Powered by / Sponsored by :