बालश्रम मुक्त राजस्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध - जूली

बालश्रम मुक्त राजस्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध - जूली

उदयपुर, 19 नवंबर/बालश्रम, तस्करी एवं बाल दुव्र्यवहार मुक्त राजस्थान की स्थापना के लिए राजस्थान सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। बालश्रम मुक्त समाज एवं बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए सामुहिक एवं सतत् प्रयास की नितान्त आवश्यकता है। जल्द ही उदयपुर सम्भाग के जनजाति अंचल में जाकर बालश्रम विषय पर समुदाय से सीधा संवाद भी करुंगा। यह विचार प्रवेश के श्रम राज्य मंत्री, टीकाराम जूली ने गायत्री सेवा संस्थान, उदयपुर द्वारा आयोजित बाल अधिकार सप्ताह के तहत अन्तर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित ऑनलाईन ई-बालसभा में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने करते हुए गायत्री सेवा संस्थान द्वारा बाल अधिकारों के संरक्षण हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए बाल अधिकारों के हनन की सूचना मिलने पर आयोग को तुरन्त सूचित करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि आयोग को किसी भी ब्लॉक या गाँव से शिकायत मिलने पर हम सदैव तुरन्त कार्यवाही हेतु तत्पर रहते है। बच्चों की सहायता के लिए निःशुल्क चाइल्ड हेल्प लाईन 1098 का भी संचालन किया जा रहा है ।
राजस्थान बाल आयोग के सदस्य एवं बाल अधिकार विशेषज्ञ डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बाल अधिकारों की जानकारी देते हुए, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से सभी को अवगत करवाया। आयोग की सदस्य वन्दना व्यास ने सुपोषण वाटिका की जानकारी देते हुए स्वयंसेवी संस्थाओं से कुपोषण मुक्त समाज हेतु आगे आकर सहयोग की अपील की। कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के तौर पर प्रोफेसर डॉ. महावीर जैन, विरेन लोबो, आई.आई.एफ.एल. फाउण्डेशन की निदेशक मधु जैन ने भी विचार रखे। यह पहला अवसर था जब उदयपुर सम्भाग के छः जिलों से बच्चे ऑनलाईन मंच का उपयोग करते हुए स्थानीय मुद्दे राजस्थान सरकार के सामने रखने जा रहे थे।
गायत्री सेवा संस्थान की संयुक्त निदेशिक अदिति उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते वृहद् स्तर पर बाल सभा का आयोजन ऑनलाईन वेबिनार के माध्यम से किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों एवं मुख्य वक्ताओं के अतिरिक्त, उदयपुर सम्भाग के समस्त छः जिलों के सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग, श्रम विभाग, बाल कल्याण समिति, स्थानीय स्वयं सेवी संस्थाओं सहित 100 से अधिक बच्चे सम्मिलित हुए।
बच्चों ने रखी अपनी बात
उदयपुर जिले के सलुम्बर एवं सराड़ा पंचायत में संचालित बाल संसद के प्रतिनिधि के तौर पर अनिता मीणा ने बताया कि हमारे गांव और यहां के बच्चों के पास न मोबाईल है न लेपटॉप, हम ऑनलाईन शिक्षा कैसे प्राप्त करेंगे। वही प्रतापगढ़ जिले के पीपलखुंट पंचायत समिति के बच्चों ने बालश्रम रोकने एवं परिवार को रोजगार दिलवाने की बात रखी । ई-बालसभा का संचालन एवं धन्यवाद समन्वयक नितिन पालीवाल एवं सुनिल दुबे ने किया ।
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