जिला कलक्टर ने आयोजन की तैयारियों को लेकर ली बैठक
उदयपुर, 11 फरवरी/झीलों की नगरी उदयपुर में आगामी 15 से 17 फरवरी तक संगीत के महाकुंभ का आयोजन होगा जहां लहरों के बीच, झील किनारे एवं शहर के मध्य देश-विदेश के विभिन्न फनकार अपने सुरों का जादू बिखेरेंगे। यह आयोजन जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के सहयोग से कल्चलर इवेंट ऑर्गेनाइजेशन “सहर“ द्वारा किया जा रहा है।
जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी ने सोमवार को आयोजन के संबंध में बैठक लेकर संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने लेकसिटी में होने वाले इस विश्व स्तरीय आयोजन की विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए आयोजन को सफल बनाने पर जोर दिया। उन्होने कार्यक्रम स्थल की लॉ एण्ड ऑर्डर, फायर ब्रिगेड, बैठक व्यवस्था, साफ-सफाई, टॉयलेट, पानी, सुरक्षा आदि के साथ ही पार्किंग व्यवस्था एवं व्यापक प्रचार-प्रसार आदि सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) संजय कुमार, नगर निगम के कार्यवाहक आयुक्त ओ.पी.बुनकर, यूआईटी के अभियंता मुकेश जानी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी एवं आयोजक टीम सहर के संस्थापक संजीव भार्गव सहित पेकर हक आदि मौजूद थे।
150 से अधिक नामचीन कलाकार बिखेरेंगे जलवा
सहर के श्री भार्गव ने बताया कि फेस्टिवल का यह चौथा संस्करण दुनियाभर के 150 से अधिक नामचीन कलाकारों की मौजूदगी का गवाह बनेगा। कार्यक्रम के तहत 15 फरवरी की शाम गांधी ग्राउण्ड में विभिन्न देशों के प्रमुख बैण्ड अपनी प्रस्तुति देंगे जिसमें इजराइल के गुलाजा, भारत के कर्ष काले लाइव व स्पेन के एल्स कतारेज की प्रस्तुति होगी। 16 फरवरी को सुबह के ध्यानपूर्ण सत्र में अमराई घाट पर 8 से 10 बजे तक भारत के शशांक सुब्रमण्य्म व ईरान के डेलगोचा एनसेम्बल क्लासिकल म्यूजिक की प्रस्तुति देंगे। वहीं दोपहर 3 से 6 बजे तक फतहसागर की पाल पर स्वीट्जरलैण्ड के ईव्स थीलर ट्रीयो व सूफी कलाकर चांद अफजल अपने सुरों का जादू बिखेरेंगे। इसी क्रम में संध्याकाल में गांधी ग्राउण्ड पर इण्डिया के अवोरा रिकॉर्ड्स, पुर्तगाल के अलबलुना, इंडोनेशिया के रिदम रेबल्स व साउथ अफ्रिका के हॉट वाटर्स की आकर्षक प्रस्तुति होगी।
फेस्टिवल के दौरान 17 फरवरी को सुबह के सत्र में अमराई घाट पर सुबह 8 से 10 बजे तक स्पेन के रोसियो मारकेज ड्यूएट तथा भारत के मंजूषा पाटिल कुलकर्णी क्लासिकल संगीत की प्रस्तुति देंगे। वहीं अपराह्न 3 से 6 बजे तक फतहसागर की पाल पर ग्रीस के यूडोपिया, भारत की विभा सराफ एवं फ्रांस के ला डेम ब्लॉंच अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे तथा शाम को गांधी ग्राउण्ड पर भारत के मणिपुरी रॉक ट्राफिक जाम, अजरबेजान, नाटिग रिदम ग्रुप तथा भारत के द लोकल ट्रेन की आकर्षक प्रस्तुति होगी।
तीन सत्रों में होंगे आयोजन
फेस्टिवल में बेमिसाल जीवंत प्रदर्शन होते हैं और यह सर्वश्रेष्ठ ढंग से सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाता है। तीन सुरम्य आयोजन स्थलों में फैला यह फेस्टिवल संगीत की गहन विविधता में डूब जाने का अवसर प्रदान करता है। इस विविधतापूर्ण संगीत में सुबह के ध्यानपूर्ण राग से लेकर दोपहर में झील के बगल में गूंजने वाली साकार रूमानी संगीत प्रस्तुतियों तक, दिनभर की तमाम मनोदशाएं सम्मिलित होती हैं। सांध्यकालीन मंच जोशीले युवा संगीत से भरपूर होता है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को एक साथ ले आता है। इसके अलावा, महोत्सव में स्थानीय राजस्थानी प्रतिभाएं भी अपनी प्रस्तुतियां देती हैं। यह स्थानीय कलाकारों को एक बेशकीमती मंच और व्यापक पहुंच देता है।
संगीत की विभिन्न शैली व विधाओं को होगा प्रदर्शन
कार्यक्रम के तहत विश्व के विभिन्न देशों के कलाकार संगीत की विभिन्न शैलियों और विधाओं का प्रदर्शन करके जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर देंगे। कार्यक्रमों में आम जनता के लिए प्रवेश निशुल्क रहेगा। आयोजन के दौरान एयरपोर्ट एवं रेल्वे स्टेशन पर भी लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुति जाएगी तथा इन दोनो स्थलों पर आगंतुकों को इवेंट की जानकारी प्रदान करने के लिए हेल्प डेस्क भी लगाई जाएगी।
सहर के विषय में
संजीव भार्गव द्वारा 1994 में स्थापित, सहर का शाब्दिक अर्थ है “पौ फटना“ या “भोर होना“। अपनी स्थापना के बाद से ही सहर चित्रकला, मूर्तिकला, रंगमंच, नृत्य, संगीत, साहित्य और सिनेमा जगत में विचारशील और कल्पनाशील पहलों का पर्याय रहा है। सहर की स्थापना सांस्कृतिक रूप से अभिजात एक छोटे वर्ग के बजाय, भारतीय संस्कृति को बड़ी संख्या में लोगों तक ले जाने के विजन के साथ की गई थी। पिछले 15 वर्षों में, सहर प्रदर्शनकारी और दृश्य कला के क्षेत्र में सबसे ऊंची प्रतिष्ठा रखने वाले संगठनों में शुमार हो चुका है - प्रदर्शनों की विविधता के साथ ही उस असाधारण ढंग के लिए जिसमें हर किसी को ध्यान में रखा गया है। इसके आयोजनों की कई बार ऐतिहासिक, अभिनव और एकदम अलहदा कहकर तारीफ की गई है।
इनमें प्राचीन स्मारकों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर जीवंत (लाइव) प्रदर्शन शामिल हैं। इनमें से कई तो भारत में पहली बार हुए और उन्होंने हजारों लोगों को आकर्षित किया है। इनके अलावा, सहर की कुछ प्रमुख पहलों में लंदन में ट्राफलगर स्क्वायर और रीजेंट स्ट्रीट पर इंडिया नाउ अभियान, अनन्या- शास्त्रीय नृत्य महोत्सव, भक्ति उत्सव, दिल्ली जैज फेस्टिवल, साउथ एशियन बैंड्स फेस्टिवल, सार्क आर्टिस्ट कैंप और उदयपुर विश्व संगीत महोत्सव सम्मिलित हैं।
जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी ने सोमवार को आयोजन के संबंध में बैठक लेकर संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने लेकसिटी में होने वाले इस विश्व स्तरीय आयोजन की विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए आयोजन को सफल बनाने पर जोर दिया। उन्होने कार्यक्रम स्थल की लॉ एण्ड ऑर्डर, फायर ब्रिगेड, बैठक व्यवस्था, साफ-सफाई, टॉयलेट, पानी, सुरक्षा आदि के साथ ही पार्किंग व्यवस्था एवं व्यापक प्रचार-प्रसार आदि सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) संजय कुमार, नगर निगम के कार्यवाहक आयुक्त ओ.पी.बुनकर, यूआईटी के अभियंता मुकेश जानी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी एवं आयोजक टीम सहर के संस्थापक संजीव भार्गव सहित पेकर हक आदि मौजूद थे।
150 से अधिक नामचीन कलाकार बिखेरेंगे जलवा
सहर के श्री भार्गव ने बताया कि फेस्टिवल का यह चौथा संस्करण दुनियाभर के 150 से अधिक नामचीन कलाकारों की मौजूदगी का गवाह बनेगा। कार्यक्रम के तहत 15 फरवरी की शाम गांधी ग्राउण्ड में विभिन्न देशों के प्रमुख बैण्ड अपनी प्रस्तुति देंगे जिसमें इजराइल के गुलाजा, भारत के कर्ष काले लाइव व स्पेन के एल्स कतारेज की प्रस्तुति होगी। 16 फरवरी को सुबह के ध्यानपूर्ण सत्र में अमराई घाट पर 8 से 10 बजे तक भारत के शशांक सुब्रमण्य्म व ईरान के डेलगोचा एनसेम्बल क्लासिकल म्यूजिक की प्रस्तुति देंगे। वहीं दोपहर 3 से 6 बजे तक फतहसागर की पाल पर स्वीट्जरलैण्ड के ईव्स थीलर ट्रीयो व सूफी कलाकर चांद अफजल अपने सुरों का जादू बिखेरेंगे। इसी क्रम में संध्याकाल में गांधी ग्राउण्ड पर इण्डिया के अवोरा रिकॉर्ड्स, पुर्तगाल के अलबलुना, इंडोनेशिया के रिदम रेबल्स व साउथ अफ्रिका के हॉट वाटर्स की आकर्षक प्रस्तुति होगी।
फेस्टिवल के दौरान 17 फरवरी को सुबह के सत्र में अमराई घाट पर सुबह 8 से 10 बजे तक स्पेन के रोसियो मारकेज ड्यूएट तथा भारत के मंजूषा पाटिल कुलकर्णी क्लासिकल संगीत की प्रस्तुति देंगे। वहीं अपराह्न 3 से 6 बजे तक फतहसागर की पाल पर ग्रीस के यूडोपिया, भारत की विभा सराफ एवं फ्रांस के ला डेम ब्लॉंच अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे तथा शाम को गांधी ग्राउण्ड पर भारत के मणिपुरी रॉक ट्राफिक जाम, अजरबेजान, नाटिग रिदम ग्रुप तथा भारत के द लोकल ट्रेन की आकर्षक प्रस्तुति होगी।
तीन सत्रों में होंगे आयोजन
फेस्टिवल में बेमिसाल जीवंत प्रदर्शन होते हैं और यह सर्वश्रेष्ठ ढंग से सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाता है। तीन सुरम्य आयोजन स्थलों में फैला यह फेस्टिवल संगीत की गहन विविधता में डूब जाने का अवसर प्रदान करता है। इस विविधतापूर्ण संगीत में सुबह के ध्यानपूर्ण राग से लेकर दोपहर में झील के बगल में गूंजने वाली साकार रूमानी संगीत प्रस्तुतियों तक, दिनभर की तमाम मनोदशाएं सम्मिलित होती हैं। सांध्यकालीन मंच जोशीले युवा संगीत से भरपूर होता है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को एक साथ ले आता है। इसके अलावा, महोत्सव में स्थानीय राजस्थानी प्रतिभाएं भी अपनी प्रस्तुतियां देती हैं। यह स्थानीय कलाकारों को एक बेशकीमती मंच और व्यापक पहुंच देता है।
संगीत की विभिन्न शैली व विधाओं को होगा प्रदर्शन
कार्यक्रम के तहत विश्व के विभिन्न देशों के कलाकार संगीत की विभिन्न शैलियों और विधाओं का प्रदर्शन करके जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर देंगे। कार्यक्रमों में आम जनता के लिए प्रवेश निशुल्क रहेगा। आयोजन के दौरान एयरपोर्ट एवं रेल्वे स्टेशन पर भी लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुति जाएगी तथा इन दोनो स्थलों पर आगंतुकों को इवेंट की जानकारी प्रदान करने के लिए हेल्प डेस्क भी लगाई जाएगी।
सहर के विषय में
संजीव भार्गव द्वारा 1994 में स्थापित, सहर का शाब्दिक अर्थ है “पौ फटना“ या “भोर होना“। अपनी स्थापना के बाद से ही सहर चित्रकला, मूर्तिकला, रंगमंच, नृत्य, संगीत, साहित्य और सिनेमा जगत में विचारशील और कल्पनाशील पहलों का पर्याय रहा है। सहर की स्थापना सांस्कृतिक रूप से अभिजात एक छोटे वर्ग के बजाय, भारतीय संस्कृति को बड़ी संख्या में लोगों तक ले जाने के विजन के साथ की गई थी। पिछले 15 वर्षों में, सहर प्रदर्शनकारी और दृश्य कला के क्षेत्र में सबसे ऊंची प्रतिष्ठा रखने वाले संगठनों में शुमार हो चुका है - प्रदर्शनों की विविधता के साथ ही उस असाधारण ढंग के लिए जिसमें हर किसी को ध्यान में रखा गया है। इसके आयोजनों की कई बार ऐतिहासिक, अभिनव और एकदम अलहदा कहकर तारीफ की गई है।
इनमें प्राचीन स्मारकों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर जीवंत (लाइव) प्रदर्शन शामिल हैं। इनमें से कई तो भारत में पहली बार हुए और उन्होंने हजारों लोगों को आकर्षित किया है। इनके अलावा, सहर की कुछ प्रमुख पहलों में लंदन में ट्राफलगर स्क्वायर और रीजेंट स्ट्रीट पर इंडिया नाउ अभियान, अनन्या- शास्त्रीय नृत्य महोत्सव, भक्ति उत्सव, दिल्ली जैज फेस्टिवल, साउथ एशियन बैंड्स फेस्टिवल, सार्क आर्टिस्ट कैंप और उदयपुर विश्व संगीत महोत्सव सम्मिलित हैं।
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