बाल विवाहों की प्रभावी रोकथाम के लिए प्रभावी रणनीति

बाल विवाहों की प्रभावी रोकथाम के लिए प्रभावी रणनीति

उदयपुर, 18 अप्रेल/आगीम 7 मई को अक्षय तृतीया एवं 18 मई को पीपल पूर्णिमा के मौके पर बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के मद्देनजर आमजन का सहयोग लेकर जनजागरूकता एवं सामाजिक चेतना की ठोस पहल करने को लेकर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त भवानी सिंह देथा ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन साथ ही सभी विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं।
निर्देशानुसार बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के मद्देनजर ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थापित कार्मिकों एवं जनप्रतिनिधियों की प्रभावी भूमिका निभाने पर जोर दिया गया है। साथ ही सामाजिक तौर पर जागरूकता लाने में विद्यार्थी, शिक्षकवर्ग के अलावा बैंड बाजे, हलवाई, पंडित, बाराती पांडाल, टेन्ट ऑनर, ट्रांसपोर्ट्स वाले आदि से भी समझाइश कर बाल विवाहों में सहयोग न करने और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी देने की आवश्यकता जताई गई है।
इसी प्रकार ग्रामसभाओं, सामूहिक कार्यक्रम आदि के माध्यम से भी आमजन में जागरूकता लाने, विवाह के लिए छपने वाले निमंत्रण पत्र में वर-वधू के आयु का प्रमाण पत्र प्रेस द्वारा पहले प्राप्त करने जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा गया है।
साथ ही जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक एव उपखण्ड कार्योलयों में कन्ट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे जो 24 घंटे क्रियाशील रहेंगे। साथ ही स्थानीय विभागों को संभावित बाल विवाहों की स्थिति पर नजर रखते हुए संबंधित सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन को पहुंचाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं।
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