स्वतंत्रता सैनानी सम्मान समारोह एवं भारत की स्वतंत्रता आन्दोलन में कांग्रेस की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

स्वतंत्रता सैनानी सम्मान समारोह एवं भारत की स्वतंत्रता आन्दोलन में कांग्रेस की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

जयपुर, 09 अगस्त। अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर आज राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय जयपुर पर प्रदेशाध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में स्वतंत्रता सैनानी सम्मान समारोह एवं भारत की स्वतंत्रता आन्दोलन में कांग्रेस की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। प्रदेशाध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने स्वतंत्रता सैनानी श्री शोभाराम गहरवार, श्रीमती शांता पाराशर, श्री राजू सैनी एवं श्री नवरंग सिंह जाखड़ को श्रीफल भेंट कर एवं शॉल उढ़ाकर सम्मानित किया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. परेश व्यास, एसोसिएट प्रोफेसर राजस्थान विश्वविद्यालय ने स्वतंत्रता आन्दोलन में कांग्रेस की भूमिका पर अपना उद्बोधन दिया।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देने वाले महान् स्वतंत्रता सैनानी आज हमारे बीच में उपस्थित है जिनके सम्मान में जितना कहा जाये कम है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकुमत से देश को आजाद कराने वाले स्वतंत्रता सैनानियों के समक्ष आज हम सब नतमस्तक हैं। देश के महान् नेताओं के अथक् प्रयासों के फलस्वरूप हम भारतीयों को आजादी प्राप्त हुई तथा देश में जनता का संविधान लागू हुआ। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में आज हम संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत् अपनी स्वेच्छा के अनुसार जीवनयापन करने हेतु स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि आज अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर हम उस आन्दोलन को याद करते हैं जो महात्मा गॉंधी जी के आह्वान पर अहिंसा की विचारधारा पर प्रारम्भ हुआ जिसके तहत् देश के प्रत्येक नागरिक के मन में भारत को स्वतंत्र कराने का जज्बा जागृत हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के महान् नेताओं ने देश के सभी नागरिकों को साथ लेकर स्वतंत्रता के लिये जंग लड़ी जिसके परिणामस्वरूप हमें आजादी प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि आज देश में जिस प्रकार का भय का माहौल है यह दिवस हमें संदेश प्रदान करता है कि हम पुन: एक बार देश में संविधान के मूल्यों की रक्षा हेतु क्रांति प्रारम्भ करें तथा देश का विखण्डन करने वाली शक्तियों के खिलाफ लड़ाई का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि आज हमें इस संकल्प के साथ कार्य करने की आवश्यकता है कि हमारे देश के महान् स्वतंत्रता सैनानियों द्वारा प्रदत्त संविधान के तहत् देश के सभी धर्मों एवं विचारधारा के लोग एक साथ बिना किसी भेदभाव के रह सके। उन्होंने कहा कि महात्मा गॉंधी, सरदार पटेल एवं पं. जवाहरलाल नेहरू सहित सभी देश एवं कांग्रेस के महान् नेताओं ने अपने निजी हित की बजाए देश को सर्वोपरि माना तथा देश के सभी लोगों को चाहे वह किसी भी धर्म, जाति अथवा विचारधारा को मानने वाला हो साथ लेकर स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी जिस कारण देश को आजादी मिली।
डोटासरा ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस की विचारधारा को मानने वाले लोगों ने भाग लिया तथा आरएसएस जैसे संगठन ने आजादी की लड़ाई में किसी प्रकार का योगदान नहीं दिया जो कि सर्वविदित है। उन्होंने कहा कि आरएसएस के लोग भारत के स्वतंत्रता सैनानियों की बजाए सावरकर का सम्मान एवं पूजा करते हैं जबकि इतिहास साक्षी है कि कारावास में सजा काट रहे सावरकर ने चार-चार बार अंग्रेजों को पत्र लिखकर माफी मांगी तथा आजादी के आन्दोलन की बजाए अंग्रेजी हुकुमत का साथ देने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि आजादी से पूर्व सावरकर ने किसी भी विचारधारा के लिये काम किया हो किन्तु आजादी के पश्चात् देश में संविधान लागू होने पर सभी देशवासी चाहे वह किसी भी मजहब अथवा विचारधारा के हों मौलिक अधिकार प्रदान किये गये थे के विरोध में सावरकर की विचारधारा को ही आगे बढ़ाने का काम आरएसएस कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश में भाजपा एवं आरएसस भाई को भाई से लड़ाने का काम कर रहे हैं जिसके हम विरूद्ध है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो आरएसएस एवं भाजपा के लोग स्वयं को राष्ट्रवादी बताते हैं जबकि दूसरी और अंग्रेजों की मुखबरि करने वाले सावरकर की पूजा करते हैं। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिकता के आधार पर भाजपा सरकार बनाने में तो सफल हो गई किन्तु देश में जिस प्रकार का माहौल उन्होंने बना रखा है, आज अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर कांग्रेस के उन महान् नेताओं जिन्होंने आजादी की लड़ाई के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया का स्मरण कर संकल्प लेने का अवसर है कि कैसे साम्प्रदायिक ताकतों से देश को मुक्त करवाया जाये।
उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सैनानियों का उद्देश्य सभी देशवासियों के लिये आजादी था जबकि आज ऐसे लोग सत्ता में आ गये हैं जो भाई को भाई से लड़ाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के स्वतंत्र कराने का उद्देश्य यह कभी नहीं रहा कि ऐसे लोग सत्ता में आये जो बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा बनाये गये संविधान की खिलाफ करें एवं लोकतंत्र को ना माने। उन्होंने कहा कि देश में आज फासिस्टवादी ताकतें सत्ता पर काबिज हैं। हमें आज 09 अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर अपने स्वतंत्रता सैनानियों एवं उनके बलिदानों को याद कर ऐसी फासिस्टवादी ताकतों से जो लोकतंत्र की बजाए तानाशाही में विश्वास रखती है से देश को बचाकर विकास एवं एकता के पद पर आगे बढऩा है। उन्होंने कहा कि आज स्वयं को राष्ट्रभक्त होने का दावा करने वाली ये ताकतें आजादी के आन्दोलन के समय नदारद थी तथा स्वतंत्रता संग्राम में इनका योगदान शून्य है किन्तु आज ये देश में समाज को बांटने का षडय़ंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही लोग आज बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा बनाये गये संविधान जिसे मानना हर भारतीय का कत्र्तव्य है की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का तानाशाही पूर्ण रवैया है जिस कारण 9 माह से आन्दोलन कर रहे किसानों की मांगों की अनदेखी भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार का लोकतंत्र व संवैधानिक संस्थाओं में कोई विश्वास नहीं है, जनता द्वारा चुनी गई सरकारों को गिराया जा रहा है, न्यायपालिका प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है, चुनाव आयोग पर दबाव बनाया जा रहा है तथा सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स का दुरूपयोग अपने विरोधियों को परेशान करने हेतु किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो भाजपा एवं आरएसएस के नेता राष्ट्रवादी होने की बात कहते हैं दूसरी ओर देश को धार्मिक आधार पर बांटने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं का गुरूर इतना बढ़ गया है कि वे भगवान राम के नाम पर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं तथा कहते हैं कि यदि भाजपा व आरएसएस नहीं होता तो भगवान राम समुन्द्र में पड़े होते। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं का विकास में विश्वास नहीं है बल्कि लोगों को धर्म एवं जाति के आधार पर लड़ाकर सत्ता प्राप्त करने का ही उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आरएसएस के पदाधिकारी निम्बाराम जिन पर 20 करोड़ रूपये की रिश्वत लेने का आरोप है, आज सामने आकर पुलिस जांच में सहयोग प्रदान क्यों नहीं कर रहे?
डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस के गौरवशाली इतिहास के कारण आज प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता गौरवान्वित महसूस करता है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे महान् नेताओं जिन्होंने देश की आजादी, अखण्डता एवं विकास के लिये कार्य किया है की कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हैं जिस कारण देश में एकता और अखण्डता तथा संविधान की मूल्यों की रक्षा करने हेतु हमारा दायित्व और अधिक बढ़ जाता है।
संगोष्ठी को राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी तथा परिवहन मंत्री श्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने भी सम्बोधित किया। मंच संचालन राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय सचिव श्री ललित तूनवाल ने किया। इस अवसर पर मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी, विधायक श्री अमीन कागजी, श्रीमती गंगा देवी वर्मा, श्री आलोक बेनीवाल, पूर्व सांसद श्री अश्कअली टाक, श्री पुखराज पाराशर, प्रदेश सचिव श्री रामसिंह कस्वां, श्री फूल सिंह ओला, श्रीमती प्रतिष्ठा यादव, श्री पुष्पेन्द्र भारद्वाज, श्री महेन्द्र सिंह खेड़ी, श्री भूराराम सीरवी, श्री मुमताज मसीह, श्रीमती ज्योति खण्डेलवाल, श्री आर. आर. तिवाड़ी, श्री राजेश चौधरी, महापौर श्रीमती मुनेश गुर्जर, श्रीमती मंजू शर्मा, श्री प्रताप पूनियां, श्री स्वर्णिम चतुर्वेदी सहित अनेक पदाधिकारी, वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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