शहीदों की वीरांगनाओं का सम्मान

शहीदों की वीरांगनाओं का सम्मान

नागौर, 10 जून। रविवार 10 जून को जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर ने शहीदों का सम्मान तथा उनके परिवार के सदस्यों का सम्मान करते हुए कहा कि शहीदों के आश्रितों में से परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी तथा प्रत्येक शहीद की मूर्ति उसके गांव में स्थापित की जाएगी। इसके लिए परिजनों को भूमि का चिन्हीकरण कर स्थानीय उपखंड अधिकारी तथा जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को बताना होगा शेष संपूर्ण व्यवस्था राज्य सरकार स्तर पर की जानी सुनिश्चित की गई है।
बाजौर ने कहा कि राज्य सरकार ने यह नीतिगत निर्णय ले लिया है कि शहीद के परिवार का कोई भी सदस्य चाहे वह उसका पोता हो या नाती हो इनमें से जो भी राज्य सरकार की नौकरी की योग्यता रखता हो उनमें से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसी तरह उसके गांव अथवा उपखंड क्षेत्र में किसी एक सरकारी संस्था का नाम शहीद के नाम से किया जाएगा। परिवार के सदस्य जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार को यह सूचना कर दें कि शिक्षण संस्था का नाम शहीद के नाम पर करना है इसके बाद तत्काल ही राज्य सरकार स्तर पर निर्णय लेकर शहीद के नाम पर नामकरण कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मूर्ति लगाने के लिए जो भूमि आवंटित की जाएगी व उपखंड अधिकारी द्वारा पट्टा जारी हो जाने के बाद उसके चार दीवारी के लिए स्थानीय विधायक अथवा किसी अन्य से चारदीवारी की जाएगी।
राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर ने कहा कि शहीद का दर्जा मिलना बहुत मुश्किल भरा काम है, मगर परिवार, गांव और जिले के लिए बहुत सम्मान की बात है। शहीद अपना जीवन देश की रक्षा के लिए न्यौछावर करता है यह बहुत बड़ी बात है हमें शहीद के सम्मान के लिए उसके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए प्रतिवर्ष गांव में कार्य करना चाहिए। प्रतिवर्ष गांव में कुछ कार्यक्रम करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी शहीद के जीवन से प्रेरणा ले सकें। उन्होंने कहा कि सीमा पर सैनिक पूरी मुस्तैदी से अपनी नौकरी करता है तभी हम चैन की नींद अपने घर में ले सकते हैं।
कर्नल जगदीश सिंह चौहान ने कहा कि यह शहीद सम्मान यात्रा अब तक 27 जिलों की यात्रा कर चुकी है और इन सभी जिलों के शहीदों के आश्रितों से मिलकर उनका सम्मान कर उनकी समस्याओं का समाधान किया है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा अब तक की सबसे लंबी यात्रा है और अपने आप में एक रिकॉर्ड स्थापित किया है। इस यात्रा का संपूर्ण विवरण लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा।
कार्यक्रम के दौरान प्रेम सिंह बाजौर, कर्नल जगदीश सिंह चौहान तथा जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल पी एस राठौड, ने शहीदों की वीरांगनाओं एवं परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। तथा उन्हें 1 लाख 50 हजार राशि का चैक प्रदान किया।
इस दौरान राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष बाजौर ने सैनिकों की वीरांगनाओं से उन्हें मिलने वाली पेंशन सहित अन्य सुविधाओं के बारे में भी पूछा कि योजनाओं की क्रियान्विति में दिक्कत तो नहीं आ रही है। विरांगनाओं ने सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बाजौर को बताया और आभार जताया।
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