घोटालेबाजों को बचाने में मोदी सरकार की सांठगांठ का हुआ पर्दाफाश

घोटालेबाजों को बचाने में मोदी सरकार की सांठगांठ का हुआ पर्दाफाश

प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री, श्री अरुण जेटली को 26,306 करोड़ के पीएनबी बैंक लूट घोटाले में घोटालेबाजों, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा किए गए फर्जी सौदों, संदेहास्पद कर्ज, काले धन, अघोषित खातों और रिश्तेदारों को दिए संदेहपूर्ण ऋण की पूरी जानकारी थी। उसके बाद भी उनके हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने के चलते इन दोनों भगोड़ों को देश से बाहर निकल भागने की खुली छूट मिल गई। इंकम टैक्स की 10,000 पन्नों की रिपोर्ट में आए नए खुलासों ने मोदी सरकार का घिनौना भ्रष्टाचार साफ कर दिया है।
मोदी सरकार के पहले 44 महीनों यानि जनवरी, 2018 तक देश में 19,000 बैंक घोटाले हुए जिनमें देश को 90,000 करोड़ रु. की चपत लगी। 23 घोटालेबाज देश के 53,000 करोड़ रु. से ज्यादा लेकर सरकार की नाक के नीचे से भारत से फरार हो गए। विजय माल्या, ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी आदि के एक के बाद एक देश छोड़कर भाग जाने से यही साबित होता है कि मोदी सरकार देश के खजाने की रक्षक नहीं, बल्कि बैंक के घोटालेबाजारों को देश का खजाना लूटकर बाहर भाग निकलने में मदद करने वाली ट्रैवल एजेंसी बनकर रह गई है।
प्रधानमंत्री के हमारे मेहुल भाई - मेहुल चोकसी और छोटा मोदी - नीरव मोदी पर इंकम टैक्स की 10,000 पन्नों की जाँच रिपोर्ट एजेंसी ने 8 जून, 2017 को बनाकर तैयार कर दी थी। लेकिन यह रिपोर्ट वित्त मंत्रालय के सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई), एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) को फरवरी, 2018 तक यानि 8 महीनों तक नहीं दी गई, जिन्हें खुद इस घोटाले की जानकारी जनवरी, 2015 से थी!

1. इससे साबित होता है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) के चेयरमैन, श्री सुशील चंद्रा का कार्यकाल मोदी सरकार ने इसीलिए दो बार बढ़ाया (पहले जून, 2017 में और फिर मई, 2018 में), ताकि वो इस पूरे षडयंत्र पर पर्दा डाल सकें। श्री चंद्रा, जो अहमदाबाद में इंकम टैक्स के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर थे और गुजरात क्षेत्र की अध्यक्षता कर रहे थे, उन्हें पहली बार मोदी सरकार ने दिसंबर, 2015 में सीबीडीटी का सदस्य बनाया था।
2. पिछले माह, भाजपा के नेशनल एक्ज़िक्यूटिव सदस्य एवं राज्यसभा सांसद, श्री सुब्रमण्यन स्वामी ने हाल ही में मोदी सरकार के वित्त एवं राजस्व सचिव के रूप में नियुक्त, श्री हसमुख अधिया की पीएनबी घोटाले में कथित भूमिका के लिए तीखे ट्वीट्स के माध्यम से उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
3. सितंबर में, कांग्रेस पार्टी ने खुलासा किया था कि वित्तमंत्री, श्री अरुण जेटली की पुत्री, श्रीमती सोनाली जेटली और दामाद, श्री जयेश बक्शी ने किस प्रकार मेहुल चोकसी की घोटालेबाज कंपनी, गीतांजलि जेम्स लिमिटेड से दिसंबर, 2017 में रिटेनरशिप स्वीकार की। सोनाली जेटली एवं जयेश के जेटली एण्ड एसोशिएट्स द्वारा 24,00,000 (चौबीस लाख) रु. की राशि प्राप्त की गई। मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के भाग जाने के बाद वित्तमंत्री की पुत्री एवं दामाद, मिस सोनाली जेटली एवं जेटली एण्ड एसोशिएट्स के जयेश ने आईसीआईसीआई बैंक, बांद्रा (मुंबई) में गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के खातों में वही 24,00,000 रु. वापस जमा कर दिए।
इंकम टैक्स की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं :-
1. नीरव मोदी की फायरस्टार इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को साइप्रस स्थित ज़ेड ब्रिज होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और मॉरिशस की फर्म फॉरकॉम वर्ल्डवाईड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड से 2013-14 में 284.14 करोड़ रु. प्राप्त हुए। फायरस्टार ने उसकी बहन पूर्वी मेहता के स्वामित्व की एक अन्य सिंगापुर स्थित फर्म इस्लिंगटन इंटरनेशनल होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड से 271 करोड़ रु. प्राप्त किए। इंकम टैक्स रिपोर्ट में कहा गया कि ज़ेड ब्रिज एवं फॉरकॉम द्वारा जमा किए गए दस्तावेज भारत में नीरव मोदी के ऑफिस में तैयार किए गए थे और इन फंड्स का स्रोत संदेहास्पद है।
2. सूरत में स्पेशल इकॉनॉमिक ज़ोन (एसईज़ेड) में नीरव मोदी की फर्म में रखे फिज़िकल स्टॉक का मूल्य बहुत ज्यादा बढ़ाकर बताया गया। उदाहरण के लिए वित्तवर्ष 2016-17 के लिए मोदी की एसईज़ेड यूनिटों द्वारा हीरों व रत्नों का मूल्य बढ़ाकर 1,216.30 करोड़ रु. बताया गया।
3. नीरव मोदी की फर्म्स ने ग्रुप फर्म्स को बड़ी मात्रा में ब्याजमुक्त लोन एवं एडवांस दिए, जबकि लोन एवं एडवांस देने वाली फर्म ने स्वयं बड़ी मात्रा में बैंक लोन ले रखे थे। उदाहरण के लिए डायमंड आर यूएस ने एनडीएम फैमिली ट्रस्ट को 528 करोड़ रु. का ब्याजमुक्त लोन दे डाला, जबकि इस ट्रस्ट का फर्म में केवल 0.5 प्रतिशत शेयर ही था।
4. चोकसी के स्वामित्व के गीतांजलि ग्रुप के सर्वोच्च दो क्रेडिटर - आइरिस मर्केंटाईल और प्रीमियर इंटरट्रेड - वित्तवर्ष 2014-15 तक गीतांजलि ग्रुप के अंग थे। इसके बाद इन फर्मों की साझेदारी की संरचना बदली और नए पार्टनरों को जोड़ा गया। जाँच करने पर आईटी ने पाया कि ये फर्में अपने रजिस्टर्ड पते पर नहीं थीं।
5. नीरव मोदी ग्रुप एवं गीतांजलि ग्रुप ने मुंबई में तीन एकोमोडेशन फर्मों से क्रमशः 344.4 करोड़ रु. और 2021 करोड़ रु. की बोगस पर्चेज़ की।
6. नीरव मोदी ग्रुप ने अपने सहयोगियों द्वारा किए गए 515.87 करोड़ रु. के अंतर्राष्ट्रीय विनिमय की कोई सूचना नहीं दी।
7. गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने वित्तवर्ष 2016-17 में अपने सर्वोच्च मैनेजमेंट के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को अनेक संदेहपूर्ण भुगतान किए।
मोदी सरकार ने आर्थिक अपराधियों को लूटने और भागने की छूट दी हुई है। इस बड़े घोटाले में मोदी सरकार का सहयोग कितना रहा, इस बारे में चौंकानेवाले खुलासे हुए हैं : -
8. मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने अपनी कंपनियों, गीतांजलि जेम्स लिमिटेड एवं अन्य के माध्यम से 21,306 करोड़ रु. का बैंक घोटाला किया (293 एलओयू के द्वारा 11,400 करोड़ रु. का पीएनबी घोटाला $ 30 बैंकों का 9,906 करोड़ रु. का लोन एक्सपोज़र)। इसके अलावा, गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने 3 ज्वेलरी निवेश योजनाएं प्रारंभ कीं, जिनमें गुजरात में सितंबर, 2015 को दर्ज कराई शिकायत के अनुसार भारत के मध्यम वर्ग और आम निवेशकों को लगभग 5,000 करोड़ रु. का चूना लगाया गया। इस प्रकार घोटाले की कुल राशि, 26,306 करोड़ रु. हो गई।
9. इन घोटालों का पर्दाफाश जनवरी, 2015 में ही हो गया था। प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, ईडी, एसएफआईओ, सेबी, महाराष्ट्र एवं गुजरात की भाजपा सरकारों, सभी को इन घोटालों की जानकारी थी, इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई।
10. 23 जनवरी, 2015 को दिग्विजय सिंह जडेजा द्वारा मेहुल चोकसी, गीतांजलि जेम्स लिमिटेड एवं अन्य के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर पुलिस स्टेशन में जालसाजी, धोखाधड़ी और जाली दस्तावेजों के मामले में एक एफआईआर दर्ज कराई गई। इसकी गुजराती एवं इंग्लिश की प्रति ।1 में संलग्न है।
11. 7 मई, 2015 को श्री वैभव खुरानिया ने मेहुल चोकसी और गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के खिलाफ कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय/पीएमओ/ईडी/एसएफआईओ में शिकायत दर्ज कराई और पीएनबी/इलाहाबाद बैंक/आईसीआईसीआई/कॉर्पोरेशन बैंक/आंध्रा बैंक/बैंक ऑफ बड़ोदा/बैंक ऑफ इंडिया आदि के साथ बैंक घोटालों और जाली योजनाओं के बारे में जानकारी दी। अनुच्छेद-14 में यह साफ बताया गया कि मेहुल चोकसी ने अपने परिवार को विदेश में स्थानांतरित कर दिया है और लोगों को धोखा देकर स्वयं भी देश से बाहर भाग निकलने के लिए पैसे बाहर भेज रहा है। प्रति संलग्नक ।2 है। कूरियर रसीद और पीएमओ की पावती संलग्नक ।3 में है। इसी तरह की एक शिकायत डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस, मुंबई (।4) भी सेबी को 3 मई, 2017 (।5) को दर्ज कराई गई।
यह बात कि मेहुल चोकसी भागने वाला है, दिनांक 20.07.2016 के शपथपत्र (5.1) में दिग्विजय सिंह जडेजा द्वारा मेहुल चोकसी बनाम गुजरात मामले में गुजरात हाई कोर्ट में बताई गई, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
1. 26 जुलाई, 2016 को श्री हरी प्रसाद ने पीएमओ एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में मेहुल चोकसी एवं गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के खिलाफ 31 बैंकों एवं भोले-भाले निवेशकों के साथ होने वाले घोटाले के मामले में एक शिकायत दर्ज कराई। पीएमओ की प्राप्ति रसीद की प्रति ।6 में संलग्न है।
2. ये सभी शिकायतों पीएमओ द्वारा वित्त मंत्रालय को साल, 2016 में ही भेज दी गईं, लेकिन इसके बाद भी जनवरी, 2018 तक 2 सालों तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और उन्हें भारत से भगाने में मदद की गई। वित्त मंत्रालय का संसदीय जवाब ।7 में संलग्न है।
3. 1 जनवरी, 2018 को नीरव मोदी भारत से भाग गया। 4 जनवरी को मेहुल चोकसी भारत से भाग गया। 6 जनवरी, 2018 को श्रीमती अमी नीरव मोदी और निशल मोदी भारत से भाग गए। 31 जनवरी, 2018 को सीबीआई ने मेहुल चोकसी एवं अन्य के खिलाफ बैंक घोटालों के लिए पहली एफआईआर दर्ज कराई। सीबीआई द्वारा मेहुल चोकसी के खिलाफ 15 फरवरी, 2018 को एक दूसरी एफआईआर दर्ज कराई गई। ईडी ने इस बात के प्रमाण दर्ज कर लिए कि मेहुल चोकसी नवंबर, 2017 से अपनी सभी अचल संपत्तियां बेच रहा था।
4. 20 फरवरी, 2018 को वित्तमंत्री की पुत्री एवं दामाद, श्रीमती सोनाली जेटली एवं जेटली एण्ड एसोशिएट्स के जयेश ने आईसीआईसीआई बैंक, बांद्रा (मुंबई) में गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के खातों में 24,00,000 रु. वापस जमा कराए। विवरण हैं : खाता सं. : A/c No: 12170500316, Narration: RTGS-HDFCRS201802206636330-CHAMBERS OF JAITLEY A. (A8)

सवाल :-
1. इंकम टैक्स विभाग ने ईडी, एसएफआईओ, सीबीआई और डीआरआई को जून, 2017 में ही अपनी जाँच रिपोर्ट क्यों नहीं दी, जबकि शिकायतें एवं सबूत 2 साल पहले, यानि 7 मई, 2015; 26 मई, 2015; 20 जुलाई, 2016; 26 जुलाई, 2016 और 3 मई, 2017 को प्राप्त कर लिए गए थे?
विदेश मंत्रालय ने मई, 2017 में मेहुल चोकसी को क्लीन चिट सर्टिफिकेट क्यों दे दिया? क्या इससे बैंक लूट घोटाले में मोदी सरकार के वित्त एवं विदेशी मामलों के मंत्रालय की सांठगांठ प्रदर्शित नहीं होती?
2. सीबीडीटी चेयरमैन, श्री सुशील चंद्रा की क्या भूमिका थी? उन्हें लगातार दो बार एक्सटेंशन क्यों दी गई? क्या यह घोटाले पर पर्दा डालने के लिए उनका पुरस्कार था?
3. श्री हंसमुख अधिया मोदी सरकार की आँख के तारे बन गए हैं। मोदी सरकार श्री अधिया के खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर रही, जिन पर भाजपा सांसद, श्री सुब्रमण्यम स्वामी ने इस बड़े पीएनबी घोटाले और मेहुल चोकसी एवं नीरव मोदी को फरार करने से तार जुड़े होने के आरोप लगाए हैं?
4. वित्तमंत्री, अरुण जेटली की पुत्री व दामाद को सीबीआई/ईडी/एसएफआईओ द्वारा न तो बुलाया गया और न ही उनसे कोई प्रश्न पूछा गया? वित्तमंत्री की पुत्री व दामाद को बिना कोई काम किए (जैसा उन्होंने स्वीकार किया है) मेहुल चोकसी के गीतांजलि जेम्स लिमिटेड द्वारा 24 लाख रु. क्यों दिए गए? लाखों रु. की रिटेनरशिप देने वाले चैंबर्स ऑफ जेटली एण्ड एसोशिएट्स के अन्य ग्राहक कौन हैं और उनके नामों के साथ प्राप्त की गई राशि का खुलासा क्यों नहीं किया जा रहा? क्या यह श्री अरुण जेटली को उनके पद से बर्खास्त करने और एक स्वतंत्र जाँच कराए जाने के लिए पर्याप्त कारण नहीं?
5. क्या 26,306 करोड़ रु. के पीएनबी बैंक लूट घोटाले में सामने आए ये तथ्य, प्रधानमंत्री मोदी और वित्तमंत्री जेटली के इस पूरे मामले में सांठगांठ होने का संकेत नहीं देते?
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