आर्थिक आधार पर सवर्ण आरक्षण के लिए राजपूत समाज ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां का जताया आभार

आर्थिक आधार पर सवर्ण आरक्षण के लिए राजपूत समाज ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां का जताया आभार

जयपुर, 17 नवम्बर। भाजपा प्रदेश कार्यालय पर आज रविवार को श्री क्षात्र-पुरूषार्थ फाउण्डेशन एवं श्री क्षत्रिय युवक संघ द्वारा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां का साफा पहनाकर व समाज की प्रेरक पुस्तक ‘‘यथार्थ गीता’’ भेंट कर राजपूती परम्परा से स्वागत किया। इसके साथ ही उनका अभिनंदन एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया, जिसमें राजस्थान की भौगोलिक एवं सामाजिक आधार पर कुछ शर्तों का पालन सम्भव नहीं था। उन विसंगतियों को दूर करने की मांग को भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूरजोर तरीके से उठाया गया एवं राज्य सरकार पर दबाव बनाकर विसंगतियों को दूर करवाया। परिणामस्वरूप क्षात्र-पुरूषार्थ फाउण्डेशन एवं क्षत्रिय युवक संघ द्वारा भारी संख्या में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ.. सतीश पूनियां एवं प्रदेश महामंत्री (संगठन) चन्द्रशेखर का आभार एवं सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया। डॉ. सतीश पूनियां ने श्री क्षत्रिय युवक संघ की सामाजिक भूमिका के लिए संघ प्रमुख भगवान सिंह रोलसाहबसर का धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के रूप में भारत को ऐसा नेतृत्व मिला, जिसने राजनीति को समाज नीति से जोड़ने का सरोकार किया। आर्थिक आधार पर पिछड़े हुए सवर्णों को मुख्य धारा में लाना और उनके उत्थान के लिए आरक्षण की मांग पिछले कई वर्षों से की जा रही थी। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय संविधान की व्यवस्था के बाद पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के उत्थान के लिए आरक्षण की पूरजोर वकालत की थी। इसी विचारधारा के फलस्वरूप मोदी सरकार ने इस कार्य को पूर्ण किया।

डॉ. पूनियां ने कहा कि इस वर्ष दो दीपावली मनायी गई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया क्षत्रिय सूर्य कुल में उत्पन्न श्रीराम की जन्मभूमि का निर्णय दूसरी दीपावली जैसा था।

उन्होंने कहा भारत की धरती पर जन्म लेना और क्षत्रिय कुल में जन्म लेना और भी गौरव की बात है। समाज में जो जातियों की दीवारें रही है वे हमें एक-दूसरे के प्रति समर्पित होने से रोकती है, लेकिन भाजपा और संघ की विचारधारा ऐसी दीवारों को ध्वस्त करती है। क्षात्र-पुरूषार्थ फाउण्डेशन का ध्येय वाक्य ‘‘कर्मण्ये वाधि कारस्ते मां फलेषु कदाचन’’ तथा क्षत्रिय युवक संघ का ध्येय वाक्य ‘‘पवित्राणाय साधूना विनाशाय च दुष्कृता’’ दोनों पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवत गीता से उदिृत है। जो इन संगठनों के ध्येय की श्रेष्ठता को सिद्ध करते है। पहले स्वयं को उठाना, फिर समाज को सशक्त बनाना श्रेष्ठ सामाजिक ध्येय है। इससे स्वयं का और समाज का वास्तविक उत्थान होता है। जितना समाज का उत्थान होगा, उतना ही वह भारत के निर्माण और प्रगति में सहायक सिद्ध होगा।

बड़ा राजनेता वही है जो किसी जाति का ना होकर सभी जातियों का नेतृत्व करता है और उनके द्वारा स्वीकारोक्त होता है। 1998 में जब भाजपा को विधानसभा चुनावों में जनता द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था, उस स्थिति में अजमेर में सम्राट पृथ्वीराज चैहान के स्मृति स्थल से भरतपुर के महाराजा सूरजमल के स्मृति स्थल तक 25 दिन की भाजपा युवा मोर्चा द्वारा जो यात्रा निकाली गई, वह सभी जातियों को एकत्रित करने और समाज के उत्थान के लिए थी। इसमें राष्ट्रीय भावना का संदेश था। यह यात्रा राजस्थान के जातिगत बंधन को तोड़कर एक होने का संदेश देने में सफल रही। भाजपा के विधायकों ने मजबूती से यह मांग सदन के पटल पर रखी, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर संशोधन किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) चन्द्रशेखर ने कहा कि संघ की विचारधारा सदैव किसी एक जाति अथवा समाज के उत्थान को लेकर नहीं रही है। हम प्रारम्भ से ही राष्ट्रहित की बात करते है और राष्ट्रहित तभी सम्भव है जब भारत की समस्त जातियां व समाज सुदृढ़ हो। क्षात्र-पुरूषार्थ फाउण्डेशन और क्षत्रिय युवक संघ की प्रेरणा से आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के उत्थान का प्रयास प्रशंसनीय है।

उन्होंने कहा कि इन संगठनों के प्रमुख भगवान सिंह जी रोलसाहबसर का प्रयास है कि उनकी यह मांग पूरी हुई और भाजपा के प्रयास से इसमें जो विसंगतियां थी उनको हमने राज्य सरकार के समक्ष रखकर दूर करवाया।

हम जब सामाजिक उन्नति का विचार करते है तो सम्पूर्ण समाज का विचार करते है, उसमें जाति, भाषा, क्षेत्र, वर्ग, पंथ, रंग इस प्रकार के भेद नहीं होते है। हमारी विचारधारा सदैव ऐसे देश को बनाने में रही है, जिसमें कोई सामाजिक भेदभाव नहीं हो। मैं आपके संगठन का अभिनंदन करूंगा, जो संस्कारवान होकर सामाजिक उन्नति के रास्ते पर निकले है। हमारा संगठन भी सन् 1951 से इन्हीं प्रयासों में रहा है। राजनीति में हमने बहुत विजय और पराजय देखी है। विजय होने पर कभी उन्माद नहीं हुआ और पराजय होने पर निराशा नहीं हुई। उद्देश्य सदैव राष्ट्र कल्याण और लोक कल्याण रहा है। राजस्थान वीरों की धरती है। मैंने राजस्थान के शुरवीरों के त्याग और बलिदान के बारे में सुना है। यहाँ के लोगों की समर्पण की भावना अद्भूत है। इसी समर्पण की भावना से सभी जाति व समाज की उन्नति होगी।

इस अवसर पर श्रवण सिंह बगड़ी ने श्री क्षात्र-पुरूषार्थ फाउण्डेशन की स्थापना के उद्देश्यों एवं संगठन की रीति-नीति से अवगत करवाया तथा कार्यक्रम का मंच संचालन किया।

इस अवसर पर गजेन्द्र सिंह मानपुरा, पार्षद भवानी सिंह राजावत, विक्रम सिंह सिंघाना, मदन सिंह बामणिया, महेन्द्र सिंह दौलतपुरा, शंकर सिंह खानपुर, प्रेम सिंह बनवासा, जयंत सिंह पौंख, तेजपाल सिंह दिसनाऊ, हिम्मत सिंह, सहदेव सिंह शेखावत, नितेन्द्र सिंह जादौन सहित भारी संख्या में राजपूत समाज के लोग उपस्थित रहे।
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