खरीफ की फसल का लक्ष्य तय - प्रभुलाल सैनी

खरीफ की फसल का लक्ष्य तय - प्रभुलाल सैनी

दिनांक 12 जून, 2018। भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि राजस्थान में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में किसान भाईयों की आमदनी दुगुनी करने के लिए इन्टीग्रेटेड़ फार्मिंग का कन्सेप्ट लाया गया है। जिसमें ग्रीन क्रान्ति, नीली क्रान्ति को आगे बढ़ाया जा रहा है। मौसम की विपरीत परिस्थितियों में फसलों एवं सब्जियों को उगाया जा रहा है। युवाओं को मसाले के उत्पादन के लिए 15 लाख रूपये तक के ऋण की व्यवस्था सरकार करवा रही है। खरीफ की फसल बुवाई का लक्ष्य 159 लाख हैक्टेयर रखा है। फसल बुवाई के लिए 7.50 लाख क्विंटल बीज की व्यवस्था सरकार कर रही है, जिसके लिए 7.75 लाख टन यूरिया, 2.85 हजार टन डीएपी, 1.50 लाख मैट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट की व्यवस्था की जा रही है। काँग्रेस के समय मात्र 7.82 लाख मैट्रिक टन विभिन्न जिंसों में समर्थन मूल्यों पर खरीद हुई थी, जबकि भाजपा राज में 21 लाख मैट्रिक टन 4 साल में खरीद की जा रही है, जो कि काँग्रेस की खरीद से तीन गुना ज्यादा है।
काँग्रेस शासन में राज्यपाल ने स्वयं योजनाओं की मॉनिटरिंग का प्रकोष्ठ बनाया था - प्रभुलाल सैनी
प्रभुलाल सैनी ने कहा कि काँग्रेस के नेता सरकार के खिलाफ जो राग अलाप रहे है, वो बेबुनियाद है। जबकि काँग्रेस शासन में स्वयं राज्यपाल श्रीमती मार्ग्रेट अल्वा ने घाट की गूणी टनल में सड़क हादसे को गम्भीरता से लिया था। तथा काँग्रेस सरकार की कई मामलों में खिंचायी की थी। राज्यपाल श्रीमती अल्वा ने प्रदेश में आदिवासियों के कल्याण की योजनाओं की क्रियान्विति में ढ़िलाई को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने खुद ने इन योजनाओं की मॉनिटरिंग करने का निर्णय किया था। इसके लिए राजभवन में अलग से प्रकोष्ठ बनाया गया था।
सैनी ने कहा कि काँग्रेस सरकार के समय राज्यपाल श्रीमती मार्ग्रेट अल्वा ने आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार को एक कार्ययोजना बनाकर भेजी थी और सरकार से कहा था कि आदिवासी क्षेत्रों के लिए बजट में घोषित 200 करोड़ रूपए के विशेष पैकेज में नवोदय विद्यालय, आदिवासी क्षेत्रों में कार्यरत डॉक्टरों को विशेष प्रोत्साहन, डॉक्टरों के लिए विशेष आवास, शैक्षणिक संस्थानों में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था, रिक्त पदों की भर्ती एवं प्रशिक्षण कार्यों को भी जोड़ा जायें।
काँग्रेस राज में गरीब के पीपे से चून तक गायब हुआ-प्रभुलाल सैनी
काँग्रेस राज में राशन की दुकानों पर दालें महंगी मिली-प्रभुलाल सैनी
प्रभुलाल सैनी ने कहा कि काँग्रेस सरकार ने तो गरीब के पीपे से चून तक गायब करने का काम किया था। राशन के गहूँ में कालाबाजारी के बढ़ने से आटा वितरण का काम प्रभावित हुआ, जिससे गरीबों को त्यौहार के समय भी आटा नहीं मिल सका। किसान खरीद केन्द्र पर किसान भटकते रहते थे। ज्यादातर केन्द्रों पर खरीद ही नहीं हो पायी। काँग्रेस राज में राशन की दुकान की दाल बाजार की किराणे की दुकान से भी महंगी मिलती थी। खुद राशन डीलर ही माल नहीं उठा पाये। अब काँग्रेस के नेता किस मुँह से जनता के सामने जाकर सरकार लाने की बात कर रहे है।
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