ढ़िगावड़ा-बांदीकुई रेलखण्ड पर पहली विद्युतीकृत ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

ढ़िगावड़ा-बांदीकुई रेलखण्ड पर पहली विद्युतीकृत ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

उत्तर पियूष रेलवे के जयपुर मण्डल के ढ़िगावड़ा-बांदीकुई रेलखण्ड पर विद्युतीकरण कार्य पूर्ण होने का शुभारम्भ आज दिनांक 29.11.2020 को श्री पीयूष गोयल जी, माननीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, भारत सरकार ने इस रेलखण्ड पर पहली विद्युतीकृत ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
उत्तर पियूष रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी एवं सचिव (महाप्रबंधक) श्री सुनील बेनीवाल के अनुसार ढ़िगावड़ा स्टेशन पर आयोजित समारोह में श्री पीयूष गोयल जी, माननीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, भारत सरकार के कर कमलों द्वारा श्रीमती जसकौर मीना, माननीया सांसद, दौसा, श्री जौहरीलाल मीना, माननीय विधायक, राजगढ-लक्ष्मणगढ़ की गरिमामयी उपस्थिति में ढ़िगावड़ा-बांदीकुई रेलखण्ड पर विद्युतीकरण कार्य पूर्ण होने का षुभारम्भ कर इस रेलखण्ड पर पहली विद्युतीकृत ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर श्री पीयूष गोयल जी, माननीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, भारत सरकार ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज बहुत ही खुशी का दिन है कि हम गुरू नानक जी के जयंती के एक दिन पहले इस शुभ कार्य का शुभारम्भ कर रहें हैं। गुरू नानक जी ने समाज को संगठित करके दिशा दी, उनका आषीर्वाद मिलता रहें और सब अपने-अपने कार्यों में योगदान देते रहे । उन्होनें कहा कि कल ही ढ़िगावड़ा-बांदीकुई रेलखण्ड को कमिश्नर फार रेलवे सेफ्टी से अनुमोदन प्राप्त हुआ है और खुशी है कि आज लगभग 9 माह बाद एक महत्वपूर्ण जन कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला है। माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारतीय रेल चरणबद्ध तरीके से तेज गति व गुणवत्ता के साथ काम को आगे बढा रही है तथा सबके सहयोग, टीम वर्क व प्ररेणा से बडी उपलब्धियां प्राप्त कर रही है। माननीय रेल मंत्री ने सम्बोधन में कहा कि राजस्थान देश का क्षेत्र तथा जनसंख्या की दृष्टि बहुत बडा राज्य है तथा राजस्थान के निवासी सम्पूर्ण देश में रह कर अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहे हैं।
श्री गोयल ने रेल कार्यों पर प्रकाष डालते हुये बताया कि राजस्थान में 35 वर्ष पूर्व कोटा-मुम्बई लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य किया गया था, उसके पश्चात् इस क्षेत्र की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। वर्ष 2009-14 तक इस क्षेत्र में विद्युतीकरण का कार्य 0 किलोमीटर था और इसकी आवश्यकता महसूस भी नहीं की गई। 2014 के बाद माननीय प्रधानमंत्री जी ने बढ़ते प्रदुषण पर चिंता व्यक्त की तथा देश में नवीकरण ऊर्जा, रेल लाइनों का विद्युतीकरण व अन्य साधनों पर कार्य करने पर बल दिया ताकि देश के बच्चे तथा सभी वर्ग स्वस्थ वातावरण में रह सकें। रेलवे में इस पर कार्य करते हुये पूरे भारत में षत प्रतिषत रेल लाइनों के विद्युतीकरण का कार्य करने का लक्ष्य रखा गया। राजस्थान की बात करते हुये कहा कि 2009-14 तक इस क्षेत्र में 0 किलोमीटर विद्युतीकरण कार्य था जो कि विगत साढे पांच वर्षों (सितम्बर 2020 तक) में 1433 किलोमीटर किया गया अर्थात् 240 किलोमीटर मार्ग का प्रतिवर्ष विद्युतीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में सोच में बदलाव आया है तथा हमारे काम करने के ढ़ग में भी बदलाव आया है। आज इस लाइन के विद्युतीकरण होने के पश्चात् रेवाडी से अजमेर तक का मार्ग विद्युतीकृत हो गया है और अब दिल्ली से अजमेर तक शत प्रतिशत विद्युतीकरण होने से जल्द ही इलेक्ट्रिक से संचालित ट्रेने शुरू हो जायेगी। इन ट्रेनों के चलने के बाद डीजल से चलने वाले ट्रेने बंद हो जायेगी जिससे प्रदुषण को समाप्त होगा साथ ही बाहर से आने वाले ईंधन पर निर्भरता भी खत्म होगी व आत्मनिर्भर भारत में उत्पादित बिजली से इनका संचालन किया जायेगा, इससे राजस्व में भी उल्लेखनीय बचत होगी। इसके अतिरिक्त ट्रेनों की औसत स्पीड में बढोतरी होगी व उद्योगों, कृषि आधारित व्यवसायों का विकास तथा ग्रामीणों व किसानों की प्रगति भी होगी। किसानों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसके लिये रेलवे द्वारा उनके कृषि उत्पादों के परिवहन के लिये किसान रेल का संचालन किया जा रहा है। किसानों के प्रगति के लिये सरकार प्रतिबद्ध है।
राजस्थान में रेल कार्यों पर प्रगति के बारे में श्री गोयल ने बताया कि वर्ष 2009-14 तक इस क्षेत्र में औसत निवेश 682 करोड रूपये था जोकि वर्ष 2014-20 में 4 गुणा बढकर 2800 करोड रूपये हो गया। इसी प्रकार उन्होनें बताया कि वर्ष 2009-14 तक मात्र 65 रोड अण्डर ब्रिज व 4 रोड ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया था, जबकि विगत साढे पांच वर्षों में 378 रोड अण्डर ब्रिज व 30 रोड ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है जोकि यह दर्शाता है कि माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में नई सोच और तीव्र गति के साथ जन उपयोगी कार्य किये जा रहे है। वर्तमान में राजस्थान में 7 नई लाइन के कार्य 10,000 करोड की लागत से 9 दोहरीकरण के कार्य 13,000 करोड की लागत से तथा 3 आमान परिवर्तन के कार्य 4,000 करोड की लागत से किये जा रहे हैं। दोहरीकरण के कार्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है इस क्षेत्र में पहले दोहरीकरण 41 किलोमीटर प्रतिवर्ष हो रहा था जो अब बढकर 91 किलोमीटर प्रतिवर्ष किया जा रहा है ।
माननीय रेल मंत्री ने कहा कि कोराना महामारी के दौरान रेल परिवार ने जिस कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य किया है वह सराहनीय है। लॉकडाउन के समय जब ट्रेनों को संचालन बंद था तब लम्बित पडे अनुरक्षण कार्यों को पूरा किया गया तथा प्रवासी श्रमिकों को राहत देने के लिये जिस कुशल प्रबंधन से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया उसके लिये सभी रेलकर्मी बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि विगत 21 महीनों में रेलवे में किसी भी दुर्घटना में एक भी जान नहीं गई है, यह रेल कर्मचारियों की संरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आत्मनिर्भर भारत की बात करते हुये कहा कि प्लास्टिक मुक्त तथा पर्यावरण अनुकूल वातावरण के लिये रेलवे के सभी स्टेशनो पर कुल्हड में चाय की सुविधा उपलब्ध करवायी जायेगी। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों से ही बडे परिणामों की नींव रखी जाती है। उन्होनें कहा कि देश के विकास में सब अपना अपना योगदान प्रदान करे तथा भारत अलग पहचान स्थापित कर सकें।
अन्त में श्री गोयल ने सभी से कोविड प्रोटोकॉल की पालना करने, सभी से मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने तथा स्वच्छता का ध्यान रखने की अपील की।
समारोह में श्रीमती जसकौर मीना, माननीया सांसद, दौसा, ने सभी का अभिनन्दन किया और बताया कि रेलवे द्वारा इस क्षेत्र में जो कार्य किये जा रहे है वह प्रगति को दर्षाता है तथा अपेक्षा की कि सभी इसमें सहयोग प्रदान करें। श्री जौहरीलाल मीना, माननीय विधायक, राजगढ-लक्ष्मणगढ ने माननीय रेल मंत्री जी का स्वागत किया तथा ट्रेनों के ठहराव से सम्बंधित सुझाव प्रदान किये।
समारोह में श्री आनन्द प्रकाश, महाप्रबंधक-उत्तर पियूष रेलवे ने स्वागत अभिभाषण में श्री पीयूष गोयल जी, माननीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, भारत सरकार तथा गणमान्य अतिथियों का स्वागत व अभिनन्दन करते हुये कहा कि राजस्थान में दिल्ली-अहमदाबाद मार्ग पर अलवर-बांदीकुई रेलखण्ड विशेष पहचान रखता है । अलवर के पास स्थित सरिस्का अभ्यारण तथा बांदीकुई के पास स्थित मेहन्दीपुर बालाजी मन्दिर सम्पूर्ण देश में पर्यटन व धार्मिक आस्था के लिये प्रसिद्ध है तथा विद्युतीकरण कार्य हाने से सबको लाभ मिलेगा। उन्होने बताया कि उत्तर पियूष रेलवे के राजस्थान क्षेत्र में रेल लाइनों के विद्युतीकरण की आवश्यकता बहुत समय से थी। इस रेलवे पर वर्ष 2014 के बाद विद्युतीकरण का कार्य प्रारम्भ किया गया तथा अब तक 1814 किलोमीटर रेल लाइनों के विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है तथा 743 किलोमीटर विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है व इस रेलवे पर सभी रेल लाइनों के विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत है। श्री आनन्द प्रकाश ने समारोह में अमूल्य समय प्रदान करने के लिये सभी का आभार व्यक्त किया।
विद्युतीकरण का कार्य केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर), प्रयागराज द्वारा किया जा रहा है। कोर द्वारा दिल्ली सराय रोहिल्ला-मदार (अजमेर) तक स्वीकृत कर रेल विद्युतीकरण परियोजना, जयपुर को दिया गया। इस कार्य के क्रियान्वयन में श्री वाई. पी. सिंह, महाप्रबंधक-कोर ने विशेष भूमिका का निर्वहन किया है। दिल्ली सराय रोहिल्ला-मदार (अजमेर) तक के विद्युतीकरण में कुल 23418 फाउन्डेशनस, 26 स्विचिंग स्टेशन, 6 ट्रैक्शन सब स्टेशन और 7 ओएचई डिपो स्थापित किये गये है।
श्रीमती मंजूशा जैन, मण्डल रेल प्रबंधक, जयपुर ने जयपुर मण्डल के बारे में जानकारी देते हुये सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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