पीबीएम अस्पताल में एक सप्ताह में लगे हैल्प डैस्क - प्रभारी मंत्री

पीबीएम अस्पताल में एक सप्ताह में लगे हैल्प डैस्क - प्रभारी मंत्री

बीकानेर, 6 दिसम्बर। जिले के प्रभारी मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि एक सप्ताह में पीबीएम अस्पताल में हैल्प डेस्क लाइन की स्थापना हो जानी चाहिए। अगर अगले 7 दिनों में यह कार्य नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध राजकीय सेवा नियमों के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। प्रभारी मंत्री शुक्रवार को कलैक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में बोल रहे थे।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि पिछले माह जब वे बीकानेर आए थे, उस समय भी उन्होंने पीबीएम अस्पताल का निरीक्षण किया था। अस्पताल में अभी और गुणात्मक सुधार की जरूरत है। उन्होंने आयुक्त नगर निगम डॉ प्रदीप के गवांडे को निर्देश दिए कि वे सप्ताह में एक दिन आवश्यक रूप से पीबीएम अस्पताल का निरीक्षण कर आवश्यक सुधार करने के लिए निर्देश दें तथा एक पत्र जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार को भी दें, ताकि और अधिक सुविधाएं विकसित करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा का एक वरिष्ठ अधिकारी और लेखा सेवा का एक अधिकारी नियमित रूप से अस्पताल का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने आयुक्त को यह भी कहा वे स्वयं भी सुनिश्चित करें पीबीएम अस्पताल के आउटडोर में वरिष्ठ चिकित्सक भी राजकीय नियमों के तहत आउटडोर में बैठकर मरीजों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रहे हैं।
सालेह मोहम्मद ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अभियंता को निर्देश दिए कि चारणवाला हेड के पास मोघे ठीक किया जाएं। अगर मोघे ठीक करने में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती हो, तो पुलिस की इमदाद ली जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की यह बहुत स्पष्ट मंशा है कि टेल तक बैठे लोगों तक पानी सुगमता के साथ पहुंचे। अगर टेल से पहले वाले किसान या व्यक्तियों द्वारा मोघों को बड़ा करके पानी की आपूर्ति में बाधा पहुंचाई जा रही हो, तो ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित कर पुलिस में एफ आई आर दर्ज कराई जाए।
प्रभारी मंत्री ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अभियंताओं से कहा कि वे आपस में समन्वय स्थापित करते हुए यह सुनिश्चित करें कि नहर बंदी के दौरान बीकानेर में पीने की पानी की आपूर्ति किसी भी सूरत में बाधित नहीं होनी चाहिए। दोनों विभाग के अधिकारी आपस में समन्वय रखें। उन्होंने जोधपुर विद्युत वितरण निगम के अभियंताओं से कहा कि वह विभाग का एक टोल फ्री नंबर विकसित करें, जहां उपभोक्ता अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें। इस टोल फ्री नंबर पर आने वाली शिकायतों का रजिस्टर में पंजीयन किया जाए और क्रमशः निस्तारण किया जाए।
प्रभारी मंत्री ने कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा से कहा कि यातायात व्यवस्था में अभी और गुणात्मक सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्य मार्गों पर पुलिस की तैनाती बेहतर है, मगर यातायात में और सुधार हो, इसके लिए पुलिस के कांस्टेबल और अधिकारियों को ट्रैफिक कंट्रोल की ट्रेनिंग भी दी जानी चाहिए। बैठक में आयुक्त नगर निगम डॉ प्रदीप के गवांडे, अतिरिक्त जिला कलक्टर ए एच गौरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद नरेंद्र पाल सिंह सहित उप आयुक्त उपनिवेशन विभाग चंद्र सिंह भाटी तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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