संतरा के बेहतर विपणन के लिए हुई चर्चा संतरा उत्पादक किसानों को मिले बेहतर मूल्य

संतरा के बेहतर विपणन के लिए हुई चर्चा संतरा उत्पादक किसानों को मिले बेहतर मूल्य

झालावाड़ 06 फरवरी। जिले के संतरा उत्पादक कृषकों को बेहतर विपणन व्यवस्था एवं प्रसंस्करण की संभावनाओं पर विचार-विमर्श के लिए जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता में संतरा उत्पादक कृषकों, समूहों, फल मण्डी के स्थानीय विक्रेता एवं नान्देड़ (महाराष्ट्र) के संतरा प्रसंस्करण व्यवसाय से जुड़े संजय सूर्यवंशी के साथ शुक्रवार को बैठक का आयोजन मिनी सचिवालय में किया गया।
जिला कलक्टर ने नान्देड़ महाराष्ट्र के संतरा प्रंसस्करण व्यवसाय से जुडे़ सूर्यवंशी एवं प्रगतिशील किसानों से चर्चा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। बैठक में सहायक निदेशक उद्यान एनबी मालव द्वारा उद्यानिकी के क्षेत्र मे जिले में संतरा प्रसंस्करण की संभावना, विपणन व्यवस्था, मूल्य संवर्धन आदि को ध्यान में रखते हुये वर्तमान में संतरा के क्षेत्रफल एवं उत्पादन की जानकारी सदस्यों को दी गई। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 237818 मै.टन संतरा का उत्पादन किसानो के द्वारा किया जा रहा है। जिसका विपणन कृषि उपज मण्डी भवानीमण्डी एवं सीधे ही ठेकेदार, आड़तियों द्वारा मण्डी स्थापित कर किया जा रहा है।
उन्होंने 45-75 मि.मी.साईज का 9.5 ब्रिक्स एवं 0.7 अम्लता का संतरा मिठास वाला सी एवं डी ग्रेड का ही क्रय किये जाने तथा प्लांट की क्षमता 200-225 मै0टन प्रतिदिन एवं 90 दिन तक क्रियाशील होने की जानकारी दी। इस दौरान सी एवं डी ग्रेड का संतरा 9-10 रू0 प्रति किग्रा0 क्रय करने हेतु कृषक सहमत होने पर कंपनी का प्रतिनिधि नियुक्त करने एवं क्रय माल का भुगतान 3 दिवसों में किये जाने का आश्वासन दिया गया।
कृषि उपज मण्डी झालरापाटन के सचिव हरिमोहन बैरवा ने संतरे की आवक के बारे में बताया कि कुल आवक का एक तिहाई माल सी एवं डी ग्रेड का होता है जो कि स्थानीय विक्रेताओं के माध्यम से लिया जा सकता है। जिस पर जिला कलक्टर द्वारा सी.पी.आई.एल. नान्देड़ से लिंकेज किये जाने के निर्देश मण्डी सचिव को प्रदान किये गये।
कृषक उत्पाद समूह (एफ.पी.ओ.) संतरा को निर्देश दिये गये कि उत्पादक समूह से संतरा क्रय कर कलेक्शन सेन्टर पर सी एवं डी ग्रेड के माल को सी.पी.आई.एल. नान्देड़ से लिंकेज किया जाए। उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय झालावाड़ के अधिष्ठाता आईबी मोर्य ने बताया कि सी एवं डी ग्रेड के संतरा की अम्लता एवं टी.एस.एस की जांच सुविधा महाविद्यालय स्तर से उपलब्ध करवा दी जाएगी।
उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता मधुसूदन आचार्य द्वारा सलेक्टिव हार्वेस्टिंग किये जाने की जानकारी दी गई ताकि सी एवं डी ग्रेड के संतरा भी ए. एवं डी. ग्रेड में परिवर्तित होकर अच्छे दाम मिल सके।
आईआईआरडी के प्रभारी कुलदीप अरोड़ा द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट संतरा प्रसंस्करण एवं विपणन के संबंध में सुझाव दिए गए। जिस पर जिला कलक्टर द्वारा सी एवं डी ग्रेड के संतरा एफ.पी.ओ. के माध्यम से लिंकेज कर बेहतर विपणन के निर्देश प्रदान किये गये।
जिला कलक्टर द्वारा सहायक निदेशक उद्यान को संतरा की पोस्ट हार्वेस्ट तकनीक एवं तुड़ाई प्रबन्धन हेतु उद्यान, कृषि, के.वी.के. एवं सी.ओ.ई. संतरा झालावाड़ के साथ व्यापक स्तर पर कृषकों में प्रचार-प्रसार के निर्देश प्रदान किये गये।
उप निदेशक कृषि (विस्तार) अतीश कुमार शर्मा को निर्देश प्रदान किए गए कि कृषि प्रस्संकरण एवं प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत परिवहन पर देय सहायता के बारे में जानकारी से अवगत कराएं। ग्राम सरोनिया के प्रगतिशील कृषक द्वारकालाल पाटीदार ने बताया कि सी एवं डी ग्रेड का संतरा यदि प्रसंस्करण ईकाइ द्वारा लिया जाता है तो बाजार भाव स्थिर रहेंगे और कृषकों के हित में सराहनीय कदम होगा।
बैठक में एफपीओ के सीईओ हरिसिंह व राकेश राठौर, अधिशाषी अभियंता सीपी शुक्ला, डीडीएम नाबार्ड भवानीशंकर, केवीके के अध्यक्ष डॉ. अर्जुन कुमार वर्मा, एओ के सी शर्मा सहित प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
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