अति. मुख्य सचिव ने डेयरी, नर्सरी एवं गौशाला का किया अवलोकन

अति. मुख्य सचिव ने डेयरी, नर्सरी एवं गौशाला का किया अवलोकन

झालावाड़ 1 अप्रेल। राजस्थान सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. गोयल द्वारा जिले में कृषि, पशुपालन एवं डेयरी उत्पादन में प्रगति लाने के लिए झालावाड के दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा सोमवार को बिरियाखेडी (परोलिया) में राधे गौ सेवा समिति द्वारा संचालित गौशाला का निरीक्षण किया। गौशाला में उन्होंने गायों के लिए समिति द्वारा की गई व्यवस्था पर संतोष जाहिर किया। यहां गौ सेवा समिति पुखराज जैन द्वारा अवगत कराया गया कि उत्पादित दुध में से 200 ग्राम दुध निःशुल्क प्रति महिला के हिसाब से उपलब्ध कराया जाता है जो मेडिकल कॉलेज झालावाड में प्रसव कराती है।
इस दौरान उन्होंने धनवन्तरी नर्सरी में सभी प्रकार के पौधे उधानिकी, वानिकी, औषधीय, पुष्प, सजावटी इत्यादि का अवलोकन किया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव महोदय ने कहा कि इस प्रकार की नर्सरी का अवलोकन कर बहुत आनन्द महसुस हुआ। विशेष रूप से औषधीय पौधो का संरक्षण और प्रोत्साहन का कार्य इस नर्सरी के द्वारा किया जा रहा है वह काबिलिय तारीफ है। उनके द्वारा स्टीविया, शुगर कीलर एवं कई प्रकार के सुगन्धिय, औषधीय पौधो को टेस्ट किया साथ-साथ उनके औषधीय गुणों के बारे मे भी विस्तार से चर्चा की। उन्होने विभाग के अधिकारियों को कहा कि वे अधिक से अधिक कृषक को नर्सरी एवं प्लान्ट के भ्रमण हेतु प्रेरित करें ताकि वे भी अपनी आय में यहां से नई तकनीक सीख कर अभिवृद्धि कर सके। इसके उपरान्त उन्होने भारतीय ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा संचालित संतरे के प्रसंस्करण हेतु कोमन फेसिलिटी सेन्टर का अवलोकन किया। यहां पर संस्थान के निदेशक कुलदीप कुमार अरोडा ने विस्तार से संतरे की प्रोसेसिंग एवं ग्रेडिग के बारे मे बताया कि किस प्रकार से सीधे ही कृषकों को प्रत्यक्ष रूप से बाजार से जोडने का प्रयास किया गया। दिल्ली की कम्पनी आलप्रेस सप्लाई मैनेजमेन्ट प्राइवेट लिमिडेड द्वारा झालावाड़ के संतरे को क्रय कर देश एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराती है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इसके पश्चात झालावाड़-बारां दुग्ध डेयरी का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने दुग्ध जांच प्रयोगशाला, बोयलिंग, पाश्चयोराईजेशन, पैकेजिंग आदि प्रक्रियाओं का अवलोकन प्लान्ट में संबंधित अधिकारियों के साथ किया। उन्होंने बताया कि डेयरी द्वारा पूर्व में 6 हजार लीटर दुग्ध का संग्रह किया जाता था। उसे बढाकर औसत करीब 13 हजार लीटर किया गया है। उन्होंने बताया कि दुग्ध संघ झालावाड द्वारा जून 2018 से दुग्ध एवं घी के अतिरिक्त नमकीन छाछ, लस्सी, प्लेन छाछ, दही, श्रीखण्ड एवं पनीर का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में पशुधन की कोई कमी नहीं है यहां पर दुग्ध उत्पादन में अच्छी वृद्धि करने के लिए मार्केटिंग बोर्ड को अधिक प्रभावी एवं सार्थक बनाने के प्रयास करने की आवश्यकता है। इस दौरान डेयरी प्रबंधक राकेश कुमार शर्मा सहित संबंधित अधिकारी साथ रहे।
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