दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत कितने ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण ओर रोजगार दिया गया - कर्नल राज्यवर्धन

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत कितने ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण ओर रोजगार दिया गया - कर्नल राज्यवर्धन

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद जयपुर ग्रामीण कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने लोकसभा में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत ग्रामीण महिला एवं युवाओं के प्रशिक्षण एवं रोजगार के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किये गए कार्यों सहित विभिन्न प्रश्न पूछे। उन्होंने पूछा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के भाग के रूप में ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास के लिए राजस्थान में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत प्रशिक्षित किए गए और रोजगार प्राप्त करने वाले युवाओं की संख्या के संदर्भ में जिला-वार क्या लक्ष्य हासिल किए गए है। ग्रामीण युवाओं और ग्रामीण महिलाओं के कौशल विकास के लिए डीडीयू-जीकेवाई के तहत गैर सरकारी साझेदार संगठनों द्वारा क्या पहल की गई है। मार्च 2022 तक प्रशिक्षण और रोजगार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्या पहल की गई है और मार्च 2022 तक निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राजस्थान राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को निर्देशित संसाधनों और वित्तपोषण का ब्यौरा क्या है।
सांसद कर्नल राज्यवर्धन द्वारा पूछे गए सवालों का ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने उत्तर दिया कि राजस्थान राज्य में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के कार्यान्वयन के लिए राजस्थान कौशल और आजीविका विकास निगम एक नोडल एजेंसी है। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत लक्ष्य का निर्धारण राज्य स्तर पर किया जाता है। राजस्थान के लिए डीडीयू-जेकेवाई की कार्य योजना 2019-22 के तहत 72,800 उम्मीदवारों के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट के लक्ष्य को मंजूरी दी गई है। राजस्थान में 62,496 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया और 24,419 को प्लेसमेंट दिए गए। डीडीयू-जीकेवाई कार्यक्रम को मंत्रालय के साथ पंजीकृत परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (पीआईए) के माध्यम से अपनी मानक परिचालन प्रक्रिया के अनुसार पीपीपी मोड में लागू किया जाता है। उम्मीदवारों को एकजुट करने से लेकर एप्टीट्यूड टेस्ट, प्रशिक्षण केन्द्र में नामांकन, प्रशिक्षण मूल्यांकन और प्रमाणन, प्लेसमेंट और प्लेसमेंट दिए गए उम्मीदवारों की ट्रेनिंग मानक परिचालन प्रक्रिया के अनुसार होती है। राजस्थान के लिए मंत्रालय द्वारा वर्ष 2019-22 की कार्य योजना में कुल 72,800 अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण के लक्ष्य को मंजूरी दी गई थी। राज्य ने 72,800 अभ्यर्थियों के संपूर्ण लक्ष्य के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियों के लिए मंजूरी दे दी है। कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन किए जाने से 25 मार्च 2020 से प्रशिक्षण रोक दिए गए थे और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए 21 सितम्बर 2020 के बाद फिर से शुरू होने की संभावना है। राजस्थान को 60ः40 के निधि विभाजन अनुपात में कुल 755.93 करोड़ रूपये के बजट परिव्यय के साथ आरएसएलडीसी द्वारा लागू की जाने वाली डीडीयू-जीकेवाई की कार्य योजना 2019-22 के तहत 72,800 उम्मीदवारों के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट के लक्ष्य को मंजूरी दी गई है।
रक्षा मंत्रालय के संबंध में भी पूछे प्रश्न
रक्षा मंत्रालय के संबंध में कर्नल राज्यवर्धन ने पूछा कि वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में रक्षा पूंजीगत प्रापण के तहत भारतीय और विदेशी विक्रेताओं को दिए गए पूंजीगत आदेशों की मात्रा कितनी है। भारतीय कम्पनियों को दिए गए आदेशों की तुलना में क्रमशः डीपीएसयू और निजी उद्योग को दिए गए आदेशों की मात्रा कितनी हैं। विगत पांच वर्षों में पूंजीगत प्रापण बजट के तहत प्रतिबद्ध देनदारियों ओर नए अनुबंधों को लागू करने के लिए उपयोग की गई धनराशि का विवरण क्या है और क्या रक्षा पूजीगत बजट आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? क्या सरकार डीपीएसयू और निजी क्षेत्र की कम्पनियों के बीच रक्षा अनुबंधों के लिए प्रतिस्पर्धी बोलियों का मूल्यांकन करते हुए समानता लाने के लिए पहल कर रही है, यह देखते हुए कि सरकार ने डीपीएसयू और आयुध निर्माणी (ओएफ) में ऐतिहासिक रूप से निवेश किया है, जैसा कि पिछले दशकों में देखा गया है और यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
सांसद कर्नल राज्यवर्धन द्वारा पूछे गए सवालों का रक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री श्रीपाद नाईक ने उत्तर दिया कि गत वित्तिय वर्ष (2019-20) के दौरान भारतीय विक्रेताओं के साथ 38 संविदाओं और विदेशी विक्रेताओं के साथ 32 संविदाओं पर हस्ताक्षर किए गए हैं। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 (जुलाई 2020 तक) के दौरान सशस्त्र सेनाओं के लिए रक्षा उपस्करों की पूजीगत अधिप्राप्ति हेतु विक्रेताओं के साथ 10 संविदाओं और विदेशी विक्रेताओं के साथ 6 संविदाओं पर हस्ताक्षर किए गए हैं। अप्रैल 2019 से जुलाई 2020 तक भारतीय विक्रताओं के साथ पूंजीगत अर्जन की हस्ताक्षरित कुल 48 संविदाओं में से डीपीएसयू/पीएसयू/ओएफबी/डीआरडीओ/इसरो के साथ 18 संविदाओं और भारतीय निजी विक्रेताओं के साथ 30 संविदाओं पर हस्ताक्षर किए गए हैं। पहले की जा चुकी पूंजीगत अर्जन की संविदाओं और वर्ष के दौरान की गई नई योजना संबंधी संविदाओं से संबंधित प्रतिबद्ध देयताओं को पूरा करने के लिए बजट विहित निधियों का इष्टतम उपयोग हेतु सभी प्रयास किए जाते हैं। डीपीएसयू और निजी क्षेत्रों की कंपनियों के बीच रक्षा संविदाओं के लिए प्रतिस्पर्धी बोलियों का मूल्यांकन करते समय डीपीएसयू को कोई भी लाभ नहीं दिया जाता है। प्रतिस्पर्धी बोलियों का मूल्न्यांकन आरएफपी के निबंधन एवं शर्तों के आधार पर किया जाता है।
  • Powered by / Sponsored by :