चुनावी वर्ष में किसानों को संवाद के नाम पर धोखा दे रही है भाजपा सरकार : पायलट

चुनावी वर्ष में किसानों को संवाद के नाम पर धोखा दे रही है भाजपा सरकार : पायलट

जयपुर, 20 जून। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री सचिन पायलट ने हाड़ौती सम्भाग के किसानों के साथ प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित किये जाने को चुनावी वर्ष की भ्रमित करने वाली कवायद बताया है।
श्री पायलट ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद फसल का लागत मूल्य नहीं मिलने व कर्जे में डूबे होने के कारण सैंकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली है, परन्तु चार वर्षों तक किसानों की पीड़ा की कोई सुनवाई नहीं की गई और अब चुनावी वर्ष होने के कारण प्रधानमंत्री हाड़ौती सम्भाग के किसानों से वार्ता कर रहे हैं जिससे साफ पता चलता है कि चुनावी सियासत के तहत् किसानों की सुध लेने का दिखावा किया जा रहा है और सिर्फ सरकारी योजना के लाभार्थी गिने-चुने कृषकों से संवाद स्थापित किया गया है जबकि कर्जे में डूबे सबसे बड़े प्रभावित किसान वर्ग को इस संवाद कार्यक्रम से दूर रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हाड़ौती सम्भाग में लहसुन की बम्पर पैदावार हुई है, परन्तु सरकार के स्तर पर खरीद की कोई सुचारू व्यवस्था नहीं की गई जिसके कारण किसानों को निराशा हाथ लगी है और पूरी तरह से टूट चुके 7 किसानों ने गत् एक माह में मौत को गले लगा लिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि भाजपा सरकार ने चार वर्षों में आपदाग्रस्त किसानों को अपने हाल पर छोड़ दिया और गत् समय में जितनी भी आपदाएं आई हैं उसमें मिलने वाली आर्थिक सहायता से लाखों किसान आज भी वंचित हैं। उन्होंने कहा कि गत् वर्ष प्रदेश में आई बाढ़ को लेकर केन्द्र सरकार ने अब तक कोई आर्थिक सहायता प्रभावितों को प्रदान नहीं की है जिससे स्पष्ट हो जाता है कि केन्द्र सरकार व राज्य की मुखिया के बीच समन्वय के अभाव का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के इस कार्यकाल में हर प्रांत में किसानों ने अपने आक्रोश को सडक़ों पर उतरकर व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार दिखावे की राजनीति में विश्वास करती है और किसानों की वास्तविक समस्याओं के निदान के प्रति कोई संवेदनशीलता सरकारी कार्यप्रणाली में नजर नहीं आती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सिर्फ लाभार्थी कृषकों के साथ दिखावे का संवाद कार्यक्रम मृतक किसानों के परिजनों के जले पर नमक छिडक़ने जैसा है।
  • Powered by / Sponsored by :