आकांक्षी जिले के तहत बालिका शिक्षा की स्थिति एवं सूचकांक में वृद्धि हेतु चार दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

आकांक्षी जिले के तहत बालिका शिक्षा की स्थिति एवं सूचकांक में वृद्धि हेतु चार दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

धौलपुर, 4 मार्च। जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल के निर्देशन में बालिकाओं एवं महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु आत्म रक्षा, किशोर-किशोरी स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिले में महिला जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। आकांक्षी जिले के तहत बालिका शिक्षा की स्थिति एवं सूचकांक में वृद्धि हेतु चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 2 मार्च से 5 मार्च तक हाउस होल्ड सर्वे डाटा एनालाइसिस, नामांकन हराव वृद्धि हेतु गतिविधियों, लर्निंग आउटकम वृद्धि हेतु एक्शन प्लान तैयार करने हेतु कार्यशाला का आयोजन बाड़ा हैदरशाह बालिका विद्यालय में माॅड्यूल डाटा तैयार करने हेतु किया जा रहा है।
बालिका शिक्षा-समय की आवश्यकता-
एमटी गोविंद गर्ग ने कहा कि महिला सशक्तिकरण लक्ष्य को सही मायने में हासिल करने के लिए शिक्षा ही एकमात्रा रास्ता है। भारत या दुनिया के लगभग सभी देशों के लिए, कुल आबादी का लगभग आधा हिस्सा महिलाएं है। महेश कुमार गोयल समसा ने कहा कि अगर हमें कोई लक्ष्य हासिल करना है, तो महिलाओं को इसमें भागीदार बनाना होगा, कोई भी इंसान किसी भी लक्ष्य या चीज को तभी बेहतर समझ सकता है जब वह शिक्षित हो। एमटी खजान सिंह ने अपने विचार प्रकट करते हुए अपने संबोधन में कहा कि आप एक लड़की को शिक्षित करते हैं, तो इसका मतलब है कि आपने एक पूरे परिवार और एक समाज को शिक्षित किया है। इसलिए लड़की की शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। एक लड़की को एक बेहतर माता-पिता, कार्यकर्ता और नागरिक होने के लिए बहुत अधिक आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है और यह विश्वास उसे उचित शिक्षा द्वारा ही मिलता है। संभागी दाऊदयाल शर्मा ने कहा कि शिक्षा महिलाओं के लिए एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन का अवसर प्रदान करती है। इसलिए लड़कियों को बड़े पैमाने पर शिक्षा प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है। संभागी मुकेश गिरि ने कहा कि एक शिक्षित महिला ही काम में अधिक उत्पादक होगी और बेहतर भुगतान प्राप्त करेगी।
शिक्षित महिलाओं के पास गरीबी से बचने का उच्च मौका होता है, जो स्वस्थ और अधिक उत्पादक जीवन का नेतृत्व करती है और उनके बच्चों, परिवारों और समुदायों के साथ उनके जीवन स्तर को ऊपर उठती है। संभागी बृजमोहन शर्मा ने अपने विचार रखे और कहा कि आज लड़कियां हर क्षेत्रा मंे योगदान दे रही है। मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए, शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए, सामाजिक विकास में सुधार करने के लिए, बाल विवाह को कम करने के लिए, जनसंख्या वृद्धि को कम करने के लिए, कुपोषण को कम करने के लिए, घरेलू हिंसा और यौन हिंसा को कम करने के लिए उपरोक्त सभी सामाजिक लक्ष्य उचित बालिका शिक्षा के साथ आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं। कार्यशाला में संभागी भगवान सिंह मीना, माता प्रसाद, धर्म वीर धौर्य, कमलेश मित्तल, प्रियंका ठाकुर, महाराज सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे ।
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