बुखार में हों लाल दाने तो बहुत अधिक सतर्क रहना होगा

बुखार में हों लाल दाने तो बहुत अधिक सतर्क रहना होगा

दौसा, 15 अक्टूबर। समेकित रोग निगरानी परियोजना (आईडीएसपी) के तहत दौसा जिले के समस्त चिकित्सा अधिकारियों को मंगलवार को यहां एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस दौरान उन्हें मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण, सही व समयबद्ध रिपोर्टिग और विभागीय योजनाओं की सख्त माॅनिटरिंग के बारे में बताया गया।
प्रशिक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी एम वर्मा ने कहा कि किसी भी परियोजना की सफलता उसकी माॅनिटरिंग पर निर्भर करती है। यदि मॉनिटरिंग और समयबद्ध रिपोर्टिग सही है तो परिणाम अच्छे ही आएंगे। मुख्य प्रशिक्षक पैथोलॉजिस्ट डॉ. राजकुमारी बजाज ने स्क्रब टायफस, ब्रसोलिसिस, स्वाइन फ्लू, डेंगू, कांगो फीवर, जापानी बुखार, पीला ज्वर आदि के लक्षणों और उपचार के बारे में बताया, साथ ही बीमारियों के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी सचित्र जानकारी दी गई। डॉ. बजाज ने कहा कि यदि शरीर में लाल दानें हों और लगातार बुखार आ रहा हो, शरीर में दर्द हो तो जांच अवश्य करानी चाहिए। यह स्क्रब टायफस हो सकता है। यह बीमारी एक माइट की तरह होती है जो कि मक्खी से दस गुना छोटा मच्छर जैसा जीव होता है। जो कि झाडियों और घास वाले स्थानों पर पाया जाता है। यह लगभग अजवायन जैसी दिखती है। इससे बचना चाहिए। घर में मच्छर रोधी उपाय अपना कर भी इस बीमारी से बचा जा सकता है। यह बीमारी मुख्य रूप से पशुपालकों में अधिक होने की आशंका रहती है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्र से आए बुखार के मरीजों के उपचार में अधिक सतकर्ता बरतें ।
उन्होंने कहा कि कुछ बीमारियां डायग्नोस नहीं हो पाती। ऎसी बीमारियों की जांच और उपचार में विशेष सतकर्ता बरती जानी चाहिए। इसके अलावा एपिडोमोलोजिस्ट डॉ. मुकेश बंसल ने मलेरिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू आदि के लक्षण बताए और कहा कि एंटी लार्वा गतिविधियों पर विशेष फोकस करें। क्योंकि मच्छरों से जितनी अधिक निजात पा ली जाए बीमारियां उतनी ही कम हो सकेंगी। इस दौरान उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वा.) डॉ. सीताराम मीणा, जिला औषधी केन्द्र प्रभारी डॉ. संदीप शारदा, सभी बीसीएमओ, सभी बीपीएम, सभी सीएचसी और पीएचसी के चिकित्सा प्रभारी मौजूद थे।
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